पहलगाम अटैक- बुरी तरह प्रभावित हो सकता है JK टूरिज्म:24 घंटे में 90% से ज्यादा कमरे खाली, लोगों में रोजगार जाने का डर; इकोनॉमी पर असर
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद करीब 90% लोगों ने अपनी ट्रैवल बुकिंग कैंसिल कर दी है। पर्यटक घाटी से बाहर जाने के लिए उड़ानें पकड़ने के लिए श्रीनगर पहुंच रहे हैं। वहां के लोगों में रोजगार जाने का डर है। अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि यहां की GDP में टूरिज्म सेक्टर का हिस्सा करीब 8% है। बीते कुछ साल में सरकार की कोशिशों और धारा 370 में बड़े बदलावों के बाद घाटी में शांति और अर्थव्यवस्था दोनों पटरी पर आते दिखी थी। लेकिन पहलगाम अटैक में 26 लोगों के मारे जाने के बाद टूरिज्म और इससे जुड़े सेक्टर्स को बड़ा झटका दे सकता है। इस स्टोरी में हम हमले के बाद की स्थिति और इससे JK के इकोनॉमी पर होने वाले तत्काल और लॉन्ग-टर्म असर की बात... 1. तत्काल असर: बुकिंग कैंसिल हो रही, पीक सीजन में टूरिज्म पर ब्रेक 2. आर्थिक नुकसान: होटल, टैक्सी सर्विसेज सहित लोकल बिजनेसेज पर असर पहलगाम की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है। इसलिए, होटल, भोजनालय, टैक्सी सर्विसेज और पोनी ऑपरेटर्स सहित लोकल बिजनेसेज पर इसका असर होगा। वहीं 2023-24 में जम्मू-कश्मीर के ₹2.30 लाख करोड़ के GDP में टूरिज्म का योगदान ₹16,100-18,400 करोड़ था। इसमें अकेले होटल बिजनेस 6,900-9,200 करोड़ रुपए का है। 2019 में हुए पुलवामा के हमले के बाद आई गिरावट से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस हमले के बाद बिजनेस में करीब 30-50% की कमी आ सकती है। जम्मू-कश्मीर के स्टेट GDP में टूरिज्म सेक्टर का हिस्सा करीब 8% है प्रति व्यक्ति आय 10 साल में करीब 148% बढ़ी जम्मू-कश्मीर की प्रति व्यक्ति आय (PCI) 2014-15 और 2024-25 के बीच लगभग 148% बढ़ी है। 2024-25 के लिए अनुमानित PCI 1.55 लाख रुपए है। राज्य के इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर की प्रति व्यक्ति आय नेशनल एवरेज से नीचे है लेकिन यह अंतर कम हो रहा है। क्योंकि देश के PCI के मुकाबले जम्मू-कश्मीर की PCI का रेश्यो 2014-15 में 71.9% से बढ़कर 2024-25 में लगभग 77.3% हो गया है। 3. लॉन्ग टर्म असर: रोजगार जाने का डर, अर्थव्यवस्था को नुकसान कश्मीर की टूरिज्म इमेज को नुकसान: कश्मीर का पर्यटन क्षेत्र दशकों के उग्रवाद से उबर रहा था। स्थिती सामान्य हो रही थी और ज्यादा लोग कश्मीर पहुंच रहे थे। 2024 में 2.35 करोड़ पर्यटक आए, जिनमें करीब 65,000 विदेशी शामिल थे। इंडस्ट्री एक्सपर्ट मानते हैं कि यह हमला कश्मीर की टूरिज्म इमेज को नुकसान पहुंचा सकता है। रोजगार जाने की आशंका: पर्यटन उद्योग कश्मीर की आबादी के एक बड़े हिस्से को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है। टूर ऑपरेटरों और होटल मालिकों को बुकिंग रद्द होने और बुकिंग में कमी के कारण लोगों को नौकरी से निकालना पड़ सकता है। होटल व्यवसायी सुहैल अहमद ने कहा- यह हमला पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्था को "बर्बाद" कर सकता है। 9,200 करोड़ के होटल इंडस्ट्री का क्या होगा? जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग ऑनलाइन होटल बुकिंग वेबसाइट्स पर करीब 5500 छोटे-बड़े होटल्स रजिस्टर हैं। इसमें 5 स्टार करीब 55, 4 स्टार करीब 150, 3 स्टार और उससे नीचे करीब 3500, लग्जरी करीब 100 और हाउसबोट्स करीब 1500 हैं। राज्य की इकोनॉमी में होटल बिजनेस 3-4% का योगदान करता है, यानी सालाना करीब ₹6,900–9,200 करोड़ के बीच। FICCI के JK चेयर राजेश शर्मा ने पिछले साल बताया था कि ताज विवांता 20 नए कमरे जोड़ रहा है। अबू धाबी के लुलु ग्रुप जैसे इंटरनेशनल निवेशकों ने भी इस सेक्टर में एंट्री लेकर श्रीनगर में मॉल बनाया है। इसके अलावा कई ग्रुप ने यहां होटल बिजनेस शुरू करने में इंटरेस्ट दिखा रहे हैं। लेकिन इस तरह की घटनाओं से इन कंपनियों के प्रोजेक्ट्स पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।

पहलगाम अटैक: बुरी तरह प्रभावित हो सकता है JK टूरिज्म
हाल ही में पहलगाम में हुए अटैक ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर गंभीर असर डालने की संभावना जताई है। इस घटना के बाद से स्थानीय होटल और रिसॉर्ट्स में बुकिंग की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। 24 घंटे के अंदर, 90% से ज्यादा कमरे खाली हो गए हैं, जिससे पर्यटन से जुड़े व्यवसायों को बड़ा झटका लग सकता है। इस घटना ने केवल पर्यटन को ही नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करने का खतरा पैदा किया है।
क्या है पहलगाम अटैक?
पहलगाम अटैक एक अचानक हुए आतंकवादी हमले का परिणाम है, जिसने न केवल स्थानीय निवासियों को प्रभावित किया, बल्कि पर्यटकों के मन में भी एक डर पैदा कर दिया है। लोग अब यात्रा करने से हिचकिचा रहे हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जिनमें ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।
जम्मू-कश्मीर पर्यटन पर असर
जम्मू-कश्मीर का पर्यटन उद्योग पहले ही कई चुनौतियों का सामना कर रहा था, और इस नए अटैक ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। स्थानीय व्यवसायियों का कहना है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो रोजगार के अवसरों में कमी आ सकती है। लोग अपने अस्थायी रोजगार को लेकर चिंतित हैं। अतीत में, जुलाई से सितंबर तक का समय Tourism Season के लिए महत्वपूर्ण होता है, लेकिन हाल की घटनाओं के चलते इस बार का सीजन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
स्थानीय लोगों की चिंताएं
स्थानिक निवासी भी इस अटैक से परेशान हैं। उनके लिए यह न केवल उनकी रोजी-रोटी का सवाल है, बल्कि यह उनके स्थायी निवास पर भी असर डाल सकता है। निवेशकों ने भी इस क्षेत्र में कड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है, अगर सुरक्षा स्थिति में सुधार नहीं होता।
आगे की राह
आवश्यक है कि सरकार और स्थानीय प्राधिकरण इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और सुरक्षा उपायों को सख्त करें। इसके साथ ही, लोगों में जागरूकता और भरोसा बनाने के लिए भी कई कदम उठाए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर के विकास और भविष्य के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि पर्यटन उद्योग को सुरक्षित और स्थिर रखा जाए।
स्रोत: News by indiatwoday.com
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