फिरोजाबाद में 35 साल बाद खुला शिव मंदिर का ताला:हिंदू संगठनों ने कराई मूर्तियों की स्थापना, मुस्लिम परिवार घर में रह रहा था
फिरोजाबाद के पुराना रसूलपुर स्थित मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में 35 वर्षों से बंद पड़े जीर्णशीर्ण शिव मंदिर का ताला हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने तोड़ दिया। यह मंदिर एक घर के हिस्से में था, जिसे 35 साल पहले एक मुस्लिम परिवार को बेच दिया गया था। इसके बाद मंदिर की प्रतिमाओं को भी हटा दिया गया था, लेकिन अब हिंदू संगठनों ने फिर से वहां देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करने का फैसला किया है। रसूलपुर क्षेत्र की गली नंबर आठ में मुहम्मद यासीन के घर के एक हिस्से में स्थित शिव मंदिर का आकार सौ वर्ग फुट का बताया गया। बजरंग दल के जिला सह संयोजक मोहन बजरंगी और सनातनी कट्टर हिंदू संगठन के अध्यक्ष अंकित राठौर ने अपने साथियों के साथ मंदिर का ताला तोड़ा। मंदिर के भीतर एक दीवार के सहारे दो फुट की हनुमानजी की मूर्ति थी और कुछ टाइल्स पर देवी-देवताओं के चित्र भी बने थे। कार्यकर्ताओं ने मंदिर की सफाई करने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया और जयकारे लगाए। फिर देर शाम मंदिर में नया ताला लगाकर उसे बंद कर दिया गया। मंदिर के इतिहास और विवाद मंदिर में एक पट्टिका लगी हुई थी, जिसमें लिखा था कि शिव मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 2020 में राम दयाल, लालाराम, पंचम सिंह और अन्य लोगों ने कराया था, जो जाटव समाज के सदस्य बताए गए हैं। मंदिर के एक तरफ दुकान बनी हुई है और दूसरी तरफ घर है, जहां मुहम्मद यासीन अपने परिवार के साथ रहते हैं। प्रशासन से नहीं मिली मदद, फिर भी ताला तोड़ा गया मंदिर के ताले को खोलने की सूचना के बाद एसपी सिटी रविशंकर प्रसाद, सिटी मजिस्ट्रेट राजेंद्र प्रसाद, सीओ सिटी अरुण चौरसिया और रसूलपुर इंस्पेक्टर अनुज कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। बजरंग दल के मोहन बजरंगी ने बताया कि शुक्रवार को उन्होंने मंदिर का ताला खोलने के लिए इंस्पेक्टर रसूलपुर और पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन दिया था, लेकिन प्रशासन ने कोई सक्रिय कदम नहीं उठाया। इसके बाद हिंदू संगठनों ने खुद ही ताला तोड़कर मंदिर में प्रतिमाएं स्थापित करने का निर्णय लिया। मुल्क की सियासत से अलग यासीन का बयान मंदिर की मरम्मत के बाद, मुहम्मद यासीन ने बताया कि 35 साल पहले उनके पिता मुहम्मद यामीन ने यह घर और दुकान खरीदी थी। घर बेचने वाले परिवार रामगढ़ के सैलई में चले गए थे।

फिरोजाबाद में 35 साल बाद खुला शिव मंदिर का ताला
फिरोजाबाद शहर में 35 साल बाद एक शिव मंदिर का ताला खोल दिया गया है, जो काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मंदिर, जो लंबे समय से बंद था, अब फिर से श्रद्धालुओं के लिए खुल गया है। इस अवसर पर हिंदू संगठनों ने सक्रिय रूप से मूर्तियों की स्थापना की, जिससे स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
फिरोजाबाद के इस शिव मंदिर का गहरा ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। इसे वर्षो पहले कुछ विवादों के चलते बंद कर दिया गया था। अब जब यह मंदिर फिर से खुल गया है, तो यह केवल धार्मिक विश्वास के पुर्नजीवन का प्रतीक नहीं है, बल्कि समुदाय की एकता का भी प्रतीक है। हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान, मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई।
स्थानीय मुस्लिम परिवार की स्थिति
एक चर्चा का विषय यह भी रहा कि मंदिर के पास एक मुस्लिम परिवार लंबे समय से रह रहा था। इस परिवार ने कई सालों तक मंदिर की देखभाल की और किसी भी प्रकार की समस्या का सामना किया। अब जब मंदिर खोला गया है, तो स्थानीय समुदाय ने इस परिवार को लगातार समर्थन देने का निर्णय लिया है।
समुदाय में एकता और सामंजस्य
इस घटनाक्रम से समुदाय में एकता और सामंजस्य का संदेश भी मिला है। हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच आपसी सम्मान और सहयोग के उदाहरण सामने आए हैं। यह एक सकारात्मक संकेत है कि धार्मिक पहचान के बावजूद, लोग एक साथ मिलकर रह सकते हैं और अपने मतभेदों को भुला सकते हैं।
फिरोजाबाद में यह शांति और सामंजस्य का संदेश सभी के लिए महत्वपूर्ण है। जब हम धार्मिक स्थलों का सम्मान करते हैं, तो यह मानवता की भलाई के लिए अति आवश्यक है।
यह समाचार उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो धार्मिक आस्थाओं के पार जाकर एक दूसरे का सम्मान करते हैं।
News by indiatwoday.com
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