भाजपा के नाम पर वसूली करने वाला मनोज सिंह:फर्जी रसूख, सुप्रीम कोर्ट के वकीलों तक को ठगा; RLD के नेता सीएम को लिखा पत्र
गले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पट्टा और पुलिस सुरक्षा का दिखावा कर खुद को रसूखदार बताने वाले मनोज सिंह का फ्रॉड नेटवर्क दिनों-दिन गहराता जा रहा है। चटोरी गली में दुकानदारों से वसूली और ग्राहकों से मारपीट के मामले में कुख्यात इस शख्स ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों तक को नहीं छोड़ा। दरअसल, मनोज सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के नामी वकीलों को केस की फीस के तौर पर ऐसे चेक दिए जो बाउंस हो गए। वकीलों ने जब तीस हजारी कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, तो अदालत ने मनोज को तीन महीने की सजा सुनाई। हालांकि, ऊपरी अदालत से सजा पर रोक मिलने के कारण वह जेल जाने से बच गया। इतना ही नहीं, मनोज सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जान को खतरा बताकर सुरक्षा की याचिका दाखिल की थी। यूपी सरकार ने इस याचिका का विरोध करते हुए स्पष्ट किया कि उसे किसी प्रकार का खतरा नहीं है, जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। मनोज सिंह के खिलाफ गोमतीनगर और हजरतगंज थानों में कई एफआईआर दर्ज हैं। रोहित अग्रवाल, जो राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं, ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मनोज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि उसने अग्रवाल के भाई से 80,000 रुपये ठगे।मनोज सिंह जैसे फर्जी रसूखदार न केवल जनता को ठगने का काम कर रहे हैं बल्कि भाजपा और सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन पर सख्त कार्रवाई समय की मांग है।
भाजपा के नाम पर वसूली करने वाला मनोज सिंह: फर्जी रसूख, सुप्रीम कोर्ट के वकीलों तक को ठगा
भारतीय राजनीति में सत्ता और प्रभाव का गेम अक्सर विवादों से भरा होता है। हाल ही में, भाजपा के नाम पर वसूली करने वाले मनोज सिंह का मामला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। मनोज सिंह, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने फर्जी रसूख का उपयोग करके न केवल सामान्य नागरिकों बल्कि सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को भी ठगा, ने अपने कार्यों से राजनीतिक हलचलों को न्यौता दिया है।
मनोज सिंह का फर्जी रसूख
मनोज सिंह का दावा है कि वह भाजपा का करीबी है और उनके नाम का उपयोग कर विभिन्न लोगों से धन की मांग कर रहा है। यह भी सामने आया है कि उन्होंने कई वकीलों को भी झांसे में लिया है जो पिछले कुछ समय से उनके संपर्क में थे। फर्जी रसूख और पहचान का यह ट्रेंड समाज में घातक साबित हो रहा है।
RLD के नेता ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
इस मामले पर रिटायर्ड लीगल डेमोक्रेट्स (RLD) के नेताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इस स्कीम का अध्ययन करने और मनोज सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसे लोगों को तुरंत रोका जाना चाहिए जो राजनीति का नाम लेकर आम जनता को ठगने का काम कर रहे हैं।
राजनीतिक और कानूनी नतीजे
यह मामला केवल एक व्यक्ति की गड़बड़ी नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक सिस्टम की भी कमियों को उजागर करता है। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का ठगा जाना दर्शाता है कि यह कुप्रबंध कैसे आम नागरिकों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे मामलों में सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोका जा सके।
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समापन विचार
मनोज सिंह के द्वारा किए गए कार्य और इसके नतीजों ने यह सिद्ध कर दिया है कि राजनीति में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की कितनी आवश्यकता है। उम्मीद करते हैं कि सरकार और न्यायपालिका इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए प्रभावी कदम उठाएगी। Keywords: भाजपा नाम पर वसूली, मनोज सिंह फर्जी रसूख, सुप्रीम कोर्ट वकील ठगा, RLD नेता मुख्यमंत्री पत्र, राजनीतिक विवाद, धोखाधड़ी मामले, वसूली करने वाला, भारत की राजनीति, न्यायपालिका की भूमिका, फर्जी पहचान मुद्दा, चुनावी सुधार, यूपी राजनीतिक घटनाक्रम.
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