भारत ने स्टील के इंपोर्ट पर 12% टैरिफ लगाया:यह 200 दिनों तक लागू रहेगा, फाइनेंस मिनिस्ट्री ने नोटिफिकेशन में दी जानकारी

भारत ने बेलगाम इंपोर्ट्स यानी आयात को रोकने के लिए कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 12% टेंपरेरी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने सोमवार (21 अप्रैल) को नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी है। दुनिया में क्रूड स्टील यानी कच्चे स्टील के दूसरे सबसे बड़े प्रोड्यूसर भारत ने कहा कि टैरिफ सोमवार से प्रभावी होकर 200 दिनों के लिए लागू रहेगा, जब तक कि इसे हटाया या इसमें बदलाव नहीं किया जाता। इस टेंपरेरी टैरिफ को सेफगार्ड ड्यूटी के रूप में जाना जाता है। स्टील टैरिफ में बढ़ोतरी भारत की पहली बड़ी ट्रेड पॉलिसी अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई देशों पर कई तरह का टैरिफ लगाया था। इसके बाद भारत की स्टील टैरिफ में की गई बढ़ोतरी उसकी पहली बड़ी ट्रेड पॉलिसी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के टैरिफ मुख्य रूप से चीन को टारगेट करते हैं। चीन 2024-25 में साउथ कोरिया के बाद भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर था। लगातार दूसरे साल फिनिश्ड स्टील का नेट इंपोर्टर रहा भारत सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत वित्त वर्ष 2024-25 में लगातार दूसरे साल फिनिश्ड स्टील का नेट इंपोर्टर रहा है, जिसका शिपमेंट 9 साल के उच्च स्तर 9.5 मिलियन मीट्रिक टन पर पहुंच गया। स्टील मेकर्स ने इंपोर्ट पर चिंता जताई और अंकुश लगाने की मांग की नई दिल्ली के प्रमुख स्टील मेकर्स की बॉडी ने इंपोर्ट पर चिंता जताई और अंकुश लगाने की मांग की है। जिसके सदस्यों में जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील के साथ-साथ स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया और आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया भी शामिल है।

Apr 21, 2025 - 20:59
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भारत ने स्टील के इंपोर्ट पर 12% टैरिफ लगाया:यह 200 दिनों तक लागू रहेगा, फाइनेंस मिनिस्ट्री ने नोटिफिकेशन में दी जानकारी
भारत ने बेलगाम इंपोर्ट्स यानी आयात को रोकने के लिए कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 12% टेंपरेरी टैरिफ लगान

भारत ने स्टील के इंपोर्ट पर 12% टैरिफ लगाया: यह 200 दिनों तक लागू रहेगा

News by indiatwoday.com

स्टील इंपोर्ट पर नया टैरिफ क्यों लगाया गया?

भारत की वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है जिसमें उन्होंने स्टील के इंपोर्ट पर 12% का टैरिफ लगाया है। यह टैरिफ 200 दिनों के लिए लागू रहेगा। इतना बड़ा कदम भारतीय उद्योगों को संरक्षण देने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य आयातित स्टील में आए भारी वृद्धि पर काबू पाना है, जोकि स्थानीय उद्योगों के लिए खतरा बन रहा था।

इस टैरिफ का प्रभाव

नई नीति के तहत, उम्मीद की जा रही है कि यह घरेलू स्टील उत्पादकों को लाभ पहुंचाएगी। इससे स्थानीय उद्योग प्रतिस्पर्धी बने रहेंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ घरेलू बाजार के लिए सुनिश्चित किए जा सकते हैं।

सरकारी दृष्टिकोण

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह कदम देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि विदेशी इंपोर्ट पर निर्भरता को कम करने के प्रयास में यह टैरिफ बड़ा योगदान देगा। इसके अलावा, यह निर्णय उन चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया भी है जो वैश्विक आयात में वृद्धि से उत्पन्न हुई हैं।

उद्योग विशेषज्ञों की राय

कुछ उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ बढ़ाने से सबसे पहले स्टील उत्पादकों को लाभ होगा। हालांकि, ये टैरिफ ग्राहकों पर भी भार डाल सकते हैं, खासकर उन उद्योगों पर जो स्टील का इस्तेमाल करते हैं। इस फैसले से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद, सरकार का यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

सारांश

स्टील इंपोर्ट पर लागू होने वाला 12% टैरिफ आने वाले दिनों में भारतीय उद्योग के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के उद्देश्यों से यह निर्णय लिया गया है। इससे उद्योग व बाजार में बदलाव की दिशाएं देखने को मिल सकती हैं। आगे चलकर, यह स्पष्ट होगा कि इस टैरिफ का प्रभाव कितना गहरा है और क्या यह भारतीय स्टील उद्योग को वास्तविक लाभ पहुंचाने में सक्षम है।

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