महिला दिवस पर वशिष्ठ फाउंडेशन की अनूठी पहल:महिलाओं को दिखाई गई ऐतिहासिक फिल्म छावा
अयोध्या में वशिष्ठ फाउंडेशन शैक्षिक सामाजिक एवं वेलफेयर ट्रस्ट ने अनूठी पहल की शुरुआत किया। महिला दिवस पर भारतीय संस्कृति के प्रति महिलाओं में प्रेम भाव जागृत करने के लिए उन्हें छावा फिल्म दिखाया गया। इस दौरान महापौर गिरीश पति त्रिपाठी भी मौजूद रहे। फाउंडेशन की सचिव राजलक्ष्मी तिवारी के नेतृत्व में लगभग डेढ़ सौ महिलाओं ने शहर के सिनेमा हॉल अवध मॉल में दोपहर के शो को देखा और फिल्म के माध्यम से इतिहास के स्याह अध्याय से रूबरू हुईं। फिल्म मराठा साम्राज्य के अगवा रहे संभाजी के साथ की गई औरंगजेब की क्रूरता पर आधारित है। फिल्म देखने वाली महिलाओं ने कहा कि महिला दिवस के मौके पर फाउंडेशन की ओर से की गई पहल अनूठी है। इसके लिए फाउंडेशन की सचिव राजलक्ष्मी त्रिपाठी बधाई की पात्र हैं। फिल्म देखने से संभाजी के बलिदान का भान होता है। कार्यक्रम में उपस्थित महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने सभी को महिला दिवस की बधाई दी और केंद्र व राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की चर्चा की।उन्होंने कहा कि नारी शक्ति की तरक्की, शिक्षा, सुरक्षा और आत्मविश्वास की बहाली की दिशा में निरंतर प्रयास जारी रहना चाहिए। इस मौके पर पार्षद सुमन यादव, अर्चना श्रीवास्तव, मिथिलेश मिश्रा, गरिमा मौर्य, मनीषा यादव, डॉ. आभा सिंह, चेतना आजाद, सरिता वर्मा, रेखा चौधरी, शकुंतला गौतम, ममता श्रीवास्तव, रीना द्विवेदी, सीमा गौतम, गीता शुक्ला, एकता भटनागर, बिंदु सिंह आदि की उपस्थिति रही।

महिला दिवस पर वशिष्ठ फाउंडेशन की अनूठी पहल: महिलाओं को दिखाई गई ऐतिहासिक फिल्म छावा
महिला दिवस के अवसर पर वशिष्ठ फाउंडेशन ने एक विशेष पहल की, जिसमें महिलाओं को ऐतिहासिक फिल्म 'छावा' दिखाई गई। यह कदम महिलाओं के प्रति सम्मान और उनकी उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए उठाया गया है। फिल्म 'छावा' ने दर्शकों को भारतीय महिलाओं की ताकत और संघर्ष से अवगत कराया, जो आज के समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
वशिष्ठ फाउंडेशन का उद्देश्य
वशिष्ठ फाउंडेशन का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उनकी आवाज़ को मजबूती प्रदान करना है। इस पहल के माध्यम से, फाउंडेशन ने यह दिखाया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं। फिल्म 'छावा' ने हमें यह समझने में मदद की कि इतिहास में महिलाओं का योगदान कितना महत्वपूर्ण रहा है।
फिल्म 'छावा' की विशेषताएँ
फिल्म 'छावा' को देखने से पहले दर्शकों को इसके विषय और प्रसंग से परिचित कराया गया, ताकि वे अधिकतम अनुभव प्राप्त कर सकें। यह फिल्म दर्शाती है कि कैसे महिलाएँ समाज में कठिनाईयों के बावजूद अपनी पहचान बनाती हैं। वशिष्ठ फाउंडेशन ने इस फिल्म के माध्यम से महिलाओं में सशक्तिकरण का संदेश फैलाने का काम किया।
कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन
कार्यक्रम का आयोजन शानदार ढंग से किया गया, जिसमें स्थानीय महिलाओं ने भाग लिया। सभी उपस्थित लोग इस पहल की सराहना करते हुए नजर आए। इसके अलावा, इस कार्यक्रम ने एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण किया, जिसमें महिलाओं ने एक-दूसरे के अनुभवों को साझा किया।
महिला दिवस पर वशिष्ठ फाउंडेशन की यह पहल वास्तव में सराहनीय है। यह न केवल महिलाओं को प्रेरित करता है, बल्कि समाज में उनके योगदान को पहचानता भी है। 'छावा' जैसी फ़िल्में दिखाकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि महिलाएं अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझें और उनका पालन करें।
इस प्रकार, महिला दिवस पर वशिष्ठ फाउंडेशन की यह अनूठी पहल एक सोचने वाली कार्रवाई है, जो सभी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
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