महिला बिशप की ट्रम्प से अपील- समलैंगिकों पर दया करें:ऐसी बातें न कहें कि पछताना पड़े; ट्रम्प समर्थक भड़के, वामपंथी बताया
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मंगलवार को राजधानी वॉशिंगटन के नेशनल कैथेड्रल चर्च में एक प्रार्थना में हिस्सा लिया था। रॉयटर्स के मुताबिक इस दौरान एपिस्कोपल बिशप राइट रेव मैरिएन एडगर बुडे ने ट्रम्प से समलैंगिक समुदाय और अवैध प्रवासियों पर दया करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा ऐसी बातें न कहें जिसके लिए आपको पछताना पड़े। बिशप का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई ट्रम्प समर्थकों को गुस्सा उन फूड पड़ा। उन्होंने बिशप पर वामपंथी होने का आरोप लगाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प की बेटी टिफनी ने विशप के बयान को पागलपन बताया। वहीं ट्रम्प ने कहा कि उनका भाषण काफी उबाऊ और प्रेरणाहीन था। इसके बाद महिला बिशप ने टाइम मैगजीन को दिए गए इंटरव्यू में कहा- मैं माफी नहीं मांगने जा रही हूं। मैं राष्ट्रपति ट्रम्प से नफरत नहीं करती। मैं वामपंथी भी नहीं हूं। मैं दूसरों के लिए दया मांगने के लिए माफी नहीं मांगने जा रही हूं। कुछ लोगों ने कहा है कि वे मेरी मृत्यु की कामना करते हैं यह दुखद है। इस प्रार्थना सभा में एक दर्जन से अधिक धार्मिक नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए, जिनमें हिंदू, बौद्ध, यहूदी और मुस्लिम धर्मगुरु शामिल थे। वॉशिंगटन नेशनल कैथेड्रल 1933 से अब तक दोनों प्रमुख दलों के राष्ट्रपतियों के लिए 10 प्रार्थना समारोह आयोजित कर चुका है। बिशप ने कहा था उन लोगों पर दया करें जो डरे हुए हैं 15 मिनट के प्रवचन में बिशप बुडे ने कहा- राष्ट्रपति, मैं आपसे एक अंतिम निवेदन करना चाहती हूं। लाखों लोगों ने आप पर भरोसा किया है। और जैसा कि आपने कल (20 जनवरी) देश को बताया कि जब आप पर हमला हुआ था तब आपने अपने साथ एक दैवीय हाथ को महसूस किया। मैं आपसे ईश्वर के नाम पर, उन लोगों पर दया करने के लिए कहती हूं जो डरे हुए हैं। बिशप ने कहा- वे डेमोक्रेटिक, रिपब्लिकन और अन्य परिवारों के समलैंगिक, लेस्बियन और ट्रांसजेंडर बच्चे हैं, जिनमें से कुछ को अपने जीवन का डर है। महिला बिशप एडगर बुडे को जानिए मारियान एडगर बुडे कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट और फोर मैरीलैंड काउंटियों में 86 एपिस्कोपल काउंटी और 10 एपिस्कोपल स्कूलों की स्पिरिचुएल लीडर हैं। वह प्रोटेस्टेंट एपिस्कोपल कैथेड्रल फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं, जो वॉशिंगटन नेशनल कैथेड्रल और कैथेड्रल स्कूलों की देखरेख करने वाला संगठन है। उन्होंने न्यूयॉर्क की रोचेस्टर यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री में बैचलर्स किया है। इसके साथ ही वर्जीनिया थियोलॉजिकल सेमिनरी से मास्टर्स इन डिविनिटी और डॉक्टर ऑफ मिनिस्ट्री की डिग्री भी प्राप्त की है। उन्होंने तीन पुस्तकें 'हाउ वी लर्न टु बी ब्रेव: डिसिसिव मोमेंट्स इन लाइफ एंड फेथ (2023)', 'रिसीविंग जीसस: द वे ऑफ लव (2019)' और 'गैदरिंग अप द फ्रैगमेंट्स: प्रीचिंग ऐज स्पिरिचुअल प्रैक्टिस (2007)' भी लिखी हैं। ट्रम्प के आदेश से शुरू हुआ विवाद डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने के बाद अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने की मुहिम शुरू कर दी है। इसके साथ ही ट्रम्प ने थर्डजेंडर की मान्यता खत्म करते हुए कहा था कि अब देश में सरकार के लिए सिर्फ दो जेंडर होंगे महिला और पुरुष। ---------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता खत्म करने के आदेश पर रोक:कोर्ट ने 14 दिन का स्टे लगाया, कहा- इससे दिमाग चकरा गया अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता अधिकार समाप्त करने के फैसले पर 14 दिनों के लिए रोक लगा दी। फेडरल कोर्ट के जज जॉन कफनौर ने वॉशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन राज्य की याचिका पर यह फैसला सुनाया। यहां पढ़ें पूरी खबर...

महिला बिशप की ट्रम्प से अपील- समलैंगिकों पर दया करें
हाल ही में, महिला बिशप ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक अपील भेजी है जिसमें उन्होंने समलैंगिक समुदाय के प्रति दया और सहानुभूति की बात की है। बिशप ने ट्रम्प से कहा कि उन्हें ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए जो भविष्य में पछतावे का कारण बनें। यह घटना तब प्रकाश में आई जब ट्रम्प के कुछ समर्थकों ने प्रतिक्रिया देना शुरू किया, जबकि कुछ लोगों ने इसे वामपंथी विचारधारा का हिस्सा बताया।
ट्रम्प का इतिहास और समलैंगिक समुदाय
डोनाल्ड ट्रम्प का समलैंगिक अधिकारों के प्रति रुख हमेशा से विवादास्पद रहा है। कांग्रेस के समक्ष दिए गए बयानों के दौरान उन्होंने कई बार समलैंगिक विवाह के खिलाफ अपनी बातें रखी हैं। ऐसे में, महिला बिशप की अपील ट्रम्प के समर्थकों और भारत में रहने वाले समलैंगिक समुदाय के बीच एक आवश्यक संवाद का हिस्सा बन गई है।
समाज में समलैंगिक अधिकार का महत्व
समलैंगिक अधिकार केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और मानवाधिकारों की सुरक्षा का प्रतीक भी है। बिशप की अपील ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रकाश डाला है, और यह बिंदु स्पष्ट किया है कि समाज को एक-दूसरे के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए।
ट्रम्प समर्थकों की प्रतिक्रिया
महिला बिशप की इस अपील पर ट्रम्प समर्थकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कई ने सोशल मीडिया पर इसे 'वामपंथी' विचारधारा का हिस्सा करार दिया। ऐसे में, यह दर्शाता है कि यह मुद्दा अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में कितना संवेदनशील है।
बिशप ने स्पष्ट किया है कि उनकी अपील का उद्देश्य समाज में समलैंगिकों के प्रति दया और समझ विकसित करना है। क्या ट्रम्प इस अपील को सुनेंगे? यह विचारणीय होगा। अधिक जानकारियों के लिए, News by indiatwoday.com पर पायें।
समापन विचार
महिला बिशप की अपील से हमें यह सिखने को मिलता है कि समाज के सभी वर्गों के प्रति सहानुभूति और समझ विकसित करना कितना महत्वपूर्ण है। हमें सही विचारों को बढ़ावा देना चाहिए और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए। Keywords: महिला बिशप ट्रम्प, समलैंगिक अधिकार, ट्रम्प समर्थक, वामपंथी विचारधारा, सहानुभूति अपील, समलैंगिक समुदाय, ट्रम्प की बयानबाज़ी, समाज में समानता, डोनाल्ड ट्रम्प समलैंगिक, मानवाधिकार सुरक्षा
What's Your Reaction?






