मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा का बड़ा आरोप:तीन थानाध्यक्षों पर कार्यकर्ताओं को फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप, ट्रांसफर की मांग

मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर तीन थानाध्यक्षों के तत्काल स्थानांतरण की मांग की है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि इनायत नगर के थानाध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय, खण्डासा के संदीप सिंह और कुमारगंज के अमरजीत सिंह चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। सपा का आरोप है कि चुनाव की घोषणा के बाद से ही इन थानाध्यक्षों द्वारा पार्टी के एक दर्जन से अधिक पदाधिकारियों, बूथ अध्यक्षों, सेक्टर प्रभारियों और प्रधानों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव ने रविवार को मीडिया को बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने इन तीनों थानाध्यक्षों को अयोध्या से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की है। उन्होंने यह भी बताया कि पत्र की प्रतिलिपि जिला निर्वाचन अधिकारी को भी भेजी गई है। सपा का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है और उन्हें फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए उचित नहीं है। देखिए ज्ञापन...

Jan 20, 2025 - 14:00
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मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा का बड़ा आरोप:तीन थानाध्यक्षों पर कार्यकर्ताओं को फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप, ट्रांसफर की मांग
मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा प्रदेश अ

मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा का बड़ा आरोप: तीन थानाध्यक्षों पर कार्यकर्ताओं को फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप, ट्रांसफर की मांग

उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। सपा ने तीन प्रमुख थानाध्यक्षों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को फर्जी मुकदमों में फंसाया है। यह आरोप चुनावी माहौल को और गर्मा देता है और आरोपों की जांच की मांग को भी उठाता है। ट्रांसफर की मांग ने इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है।

आरोपों का विवरण

सपा ने आरोप लगाया है कि कुछ थानाध्यक्ष राजनीतिक दबाव में आकर कार्यकर्ताओं पर झूठे केस दर्ज कर रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सत्तारूढ़ पार्टी अपने विरोधियों को कमजोर करने के लिए ऐसे कदम उठा रही है। ऐसे में सपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इन थानाध्यक्षों का ट्रांसफर किया जाए और जांच के आदेश दिए जाएं।

पार्टी की प्रतिक्रिया

सपा के नेताओं का कहना है कि पुलिस का इस प्रकार का व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा है। वे यह भी आरोप लगा रहे हैं कि ये कदम चुनाव में सपा की रैली को कमजोर करने के लिए उठाए गए हैं। पार्टी ने इस मुद्दे को उठाते हुए जनता के बीच अपनी आवाज पहुँचाने का प्रयास किया है।

चुनाव आयोग की भूमिका

चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और एक विशेष टीम के माध्यम से मामले की जांच करने की योजना बनाई है। यदि इन आरोपों की पुष्टि होती है, तो यह न केवल दोषी अधिकारियों के लिए बल्कि पूरे चुनाव प्रक्रिया के लिए एक बड़ा संकट पैदा कर सकता है।

ये घटनाएं यह दर्शाती हैं कि चुनावी माहौल में सुरक्षात्मक उपायों की आवश्यकता है ताकि किसी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ अनुचित व्यवहार न किया जा सके। सपा इस मुद्दे को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही है।

निष्कर्ष

मिल्कीपुर उपचुनाव ने एक बार फिर यह संकेत दिया है कि राजनीतिक संघर्ष में पुलिस प्रशासन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। सपा ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की मांग की है। ऐसे मामलों पर ध्यान देकर ही एक निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जा सकता है।

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