मेरठ में मंदिर में मूर्ति तोड़फोड़ के बाद सुरक्षा कड़ी:रोहटा में दो साल से रात में पुलिस कर रही पहरेदारी, दिन में पुजारी संभालते हैं जिम्मेदारी

रोहटा थाना क्षेत्र के शाहपुर जेनपुर गांव में स्थित प्राचीन मा मंसा देवी मंदिर में दोहरी सुरक्षा व्यवस्था चल रही है। यह व्यवस्था 24 जुलाई 2023 को हुई मूर्तियों की तोड़फोड़ की घटना के बाद शुरू की गई। घटना में असामाजिक तत्वों ने मंदिर में स्थापित मां शेरावाली, सरस्वती और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को खंडित कर दिया था। इससे गांव में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो गया था। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया था । मंदिर के पुजारी की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। दो साल बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। रोहटा पुलिस ने मंदिर की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। दिन के समय पुजारी मंदिर की देखरेख करते हैं। रात में दो पुलिसकर्मी तैनात किए जाते हैं। हर महीने अलग-अलग पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। रोहटा थाना प्रभारी नीरज बघेल ने इस सुरक्षा व्यवस्था की पुष्टि की है।

Feb 18, 2025 - 22:00
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मेरठ में मंदिर में मूर्ति तोड़फोड़ के बाद सुरक्षा कड़ी:रोहटा में दो साल से रात में पुलिस कर रही पहरेदारी, दिन में पुजारी संभालते हैं जिम्मेदारी
रोहटा थाना क्षेत्र के शाहपुर जेनपुर गांव में स्थित प्राचीन मा मंसा देवी मंदिर में दोहरी सुरक्षा

मेरठ में मंदिर में मूर्ति तोड़फोड़ के बाद सुरक्षा कड़ी

हाल ही में मेरठ के एक मंदिर में मूर्ति तोड़फोड़ की घटना ने स्थानीय समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। इस घटना के बाद, प्रशासन ने मंदिर की सुरक्षा को मजबूत करने का निर्णय लिया है। रोहटा क्षेत्र में पिछले दो वर्षों से पुलिस रात में मंदिर की पहरेदारी कर रही है, जबकि दिन के समय पुजारी इस मंदिर की जिम्मेदारी संभालते हैं। इस प्रकार की घटनाएँ न केवल स्थानीय धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाती हैं, बल्कि समाज में भय और अनिश्चितता भी पैदा करती हैं।

पुलिस की रात की पहरेदारी

रोहटा में रात के समय पुलिस की तैनाती से स्थानीय निवासियों में राहत महसूस हो रही है। पुलिस प्रशासन ने इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए विशेष गश्त कार्यक्रम शुरू किया है। यह पहल स्थानीय मंदिरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है ताकि ऐसे किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना को रोका जा सके।

पुजारी की भूमिका

दिन के समय पुजारी मंदिर की देखभाल सुनिश्चित करते हैं। उनके द्वारा निर्धारित नियमों और परंपराओं का पालन करना आवश्यक है। पुजारी का मानना है कि सुरक्षा केवल पुलिस द्वारा नहीं, बल्कि समुदाय की जागरूकता से भी सुनिश्चित की जा सकती है।

भविष्य के लिए सुरक्षा उपाय

प्रशासन ने यह भी योजना बनाई है कि भविष्य में और अधिक सुरक्षा प्रणालियों का उपयोग किया जाएगा, जैसे कि सीसीटीवी कैमरा लगाना और विशिष्ट सुरक्षा गार्जियन की नियुक्ति करना। इसके अतिरिक्त, स्थानीय निवासियों का विश्वास भी महत्वपूर्ण है, और उन्हें अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम सभी मिलकर इस संकट का सामना करें। जैसे ही प्रशासन कठोर कदम उठाता है, हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम एकजुट होकर अपने धार्मिक स्थलों की रक्षा करें।

इस प्रकार, मेरठ जिले में मंदिरों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता और उचित कदम उठाना आवश्यक है। साथ ही, इस स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सभी संबंधित पक्षों की समग्र सहयोग की आवश्यकता है।

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