यूक्रेन पीस डील से बाहर हो सकता है अमेरिका:90 दिन बाद भी रूस-यूक्रेन में सहमति ना होने से नाराज; कहा- दोनों देश ठोस कदम उठाएं
अमेरिका ने रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता से बाहर आने की चेतावनी दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि अगर आने वाले दिनों में ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं तो अमेरिका कुछ ही दिनों में शांति के लिए प्रयास छोड़ देगा। साथ ही अमेरिका जल्द ही यह तय करेगा कि यूक्रेन जंग को खत्म किया जा सकता है या नहीं। ट्रम्प प्रशासन आने वाले दिनों में इस पर फैसला लेगा। शुक्रवार को पेरिस दौरे से लौटते वक्त रुबियो ने कहा कि अगर यूक्रेन जंग को खत्म करना संभव नहीं है, तो अमेरिका को अगले कुछ दिनों में अपनी कोशिशें छोड़ देनी चाहिए और आगे बढ़ जाना चाहिए। जंग को रोकने के लिए अमेरिका ने पीस प्लान पेश किया अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियों और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने गुरुवार को पेरिस में यूरोपीय और यूक्रेनी नेताओं के साथ मुलाकात की थी। यह बैठक जंग को खत्म करने के लिए की जा रही ट्रम्प प्रशासन की कोशिश के तौर पर आयोजित किया गया। इस बैठक में अमेरिका ने शांति के लिए एक प्लान पेश किया। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक इस प्लान को सभी पक्षों ने सराहा है। हालांकि इस प्लान में क्या शामिल किया गया है, यह अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। बैठक के बाद रुबियो ने कहा कि वह ठोस समझौते के लिए पेरिस आए हैं। रूबियो ने कहा कि अगर दोनों पक्ष इतने दूर हैं कि समझौते की कोई संभावना नहीं है, तो राष्ट्रपति ट्रम्प जल्द यह कहेंगे कि बहुत हो गया। अमेरिका यूक्रेन में जल्द होगी खनिज डील अमेरिका और यूकेन के बीच जल्द ही मिनरल डील या खनिज समझौता हो सकता है। गुरुवार रात को यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरीडेन्को ने बताया कि कीव और वॉशिंगटन के बीच डील को लेकर एक MOU पर दस्तखत हुए हैं। इससे पहले 31 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर मिनरल डील से पलटने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि फरवरी में जेलेंस्की और ट्रम्प के बीच सार्वजनिक बहस के चलते इस समझौते के पहले ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर नहीं हो सके थे।

यूक्रेन पीस डील से बाहर हो सकता है अमेरिका: 90 दिन बाद भी रूस-यूक्रेन में सहमति ना होने से नाराज
News by indiatwoday.com
अमेरिका का नया रुख
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष में हालिया घटनाक्रम ने अमेरिका की नीति को प्रभावित किया है। 90 दिन से अधिक समय हो चुका है जब दोनों देशों के बीच कोई सार्थक सहमति नहीं बन पाई है। इससे अमेरिका की निराशा बढ़ती जा रही है, जिससे संकेत मिलते हैं कि अमेरिका भविष्य में इस शांति समझौते से वापस खींच सकता है।
रूस-यूक्रेन में स्थिति
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक राजनीतिक संतुलन को भी चुनौती दी है। अमेरिका ने दोनों पक्षों से ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि शांति की संभावनाएं बन सकें। स्थिति का यह जटिल क्रम वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर भी प्रभाव डाल रहा है।
एक कदम पीछे?
अमेरिका के एक उच्च अधिकारी ने यह स्पष्ट किया है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो अमेरिका अपनी सहायक भूमिका में बदलाव कर सकता है। ऐसी स्थिति में, अमेरिका शायद शांति प्रस्तावों से खुद को अलग कर लेगा, जिससे यूक्रेन के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
विश्लेषकों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति को स्थिर करने के लिए दोनों देशों को तत्काल मिलकर काम करना होगा। अमेरिका का प्रभावी हस्तक्षेप दोनों देशों के लिए एक सकारात्मक दिशा में मददगार हो सकता है। रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ, दोनों देशों के लिए आपसी सहयोग एवं संवाद को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
अंत में
यूक्रेन और रूस के बीच बुरे दौर में चल रहे इस संकट के नतीजे केवल क्षेत्रीय ही नहीं बल्कि वैश्विक भी हो सकते हैं। अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण होगी जो न केवल यूक्रेन बल्कि वैश्विक स्थिरता में भी योगदान दे सकती है। शांति के लिए आवश्यक है कि सभी पक्ष आम सहमति तक पहुँचें।
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