रामपुर पहुंचे बसाहरू, गसो और जाख देवता:चार दिवसीय फाग मेला शुरू, पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य ने किया स्वागत

रामपुर में शनिवार से चार दिवसीय जिला स्तरीय फाग मेले का आगाज हो गया है। मेले में 22 से अधिक देवी-देवताओं की भागीदारी है। राजदरबार परिसर में आयोजित मेले में सबसे पहले देवता साहब बसाहरू, गसो और जाख देवता पहुंचे। नगर परिषद रामपुर ने मुख्य द्वार पर पारंपरिक तरीके से सभी देवी-देवताओं का स्वागत किया। राज परिवार की ओर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने स्वागत किया। दोपहर बाद लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी अपनी माता प्रतिभा सिंह के साथ राज दरबार की परंपरा निभाते हुए देवी-देवताओं का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। होली के दिन पहुंच गई थी पूर्व सांसद पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह होली के दिन ही रामपुर पहुंच गई थीं। उन्होंने शुक्रवार की देर शाम को राज दरबार की परंपरा के अनुसार देवता साहब बसाहरू, गसो और जाख के साथ होली खेली। देवताओं ने फाग का दहन भी किया। देवी-देवताओं के लिए ठहरने की व्यवस्था नगर परिषद ने मेले में आने वाले सभी देवी-देवताओं के लिए उचित ठहरने की व्यवस्था की है। परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि यदि किसी को कोई परेशानी हो तो वे नगर परिषद के कर्मचारियों से संपर्क कर सकते हैं। इस वर्ष परिषद ने नजराना राशि में 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि की है। कार्यक्रम में ये सभी रहे मौजूद कार्यक्रम में नगर परिषद अध्यक्ष मुस्कान, उपाध्यक्ष विशेषर लाल, पार्षद प्रदीप कुमार, प्रीति कश्यप, स्वाति, रोहिताश्व सिंह, कांता देवी, गोविंद राम, अश्वनी नेगी के साथ मनोनीत पार्षद जयश्री, सुशील ठाकुर और गिरीश गौतम सहित परिषद के सभी कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहे।

Mar 15, 2025 - 20:00
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रामपुर पहुंचे बसाहरू, गसो और जाख देवता:चार दिवसीय फाग मेला शुरू, पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य ने किया स्वागत
रामपुर में शनिवार से चार दिवसीय जिला स्तरीय फाग मेले का आगाज हो गया है। मेले में 22 से अधिक देवी-देव

रामपुर पहुंचे बसाहरू, गसो और जाख देवता: चार दिवसीय फाग मेला शुरू

रामपुर में इस वर्ष का फाग मेला धूमधाम के साथ शुरू हो गया है। इस चार दिवसीय मेला में इस बार बसाहरू, गसो और जाख देवता का विशेष स्वागत किया गया है। मेले का उद्घाटन पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने किया। इस अवसर पर स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जो इस धार्मिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक थे।

फाग मेले का ऐतिहासिक महत्व

फाग मेला भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मेला हर वर्ष बसंत ऋतु में आयोजित किया जाता है और इसका आयोजन स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए किया जाता है। इस मेले के दौरान भक्तजन विभिन्न धार्मिक क्रियाकलापों में भाग लेते हैं, जिसमें भजन-कीर्तन, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं।

पारंपरिक कार्यक्रम और सांस्कृतिक विविधता

इस वर्ष के मेले में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जो स्थानीय परंपराओं और संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं। कलाकारों ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों का मन मोह लिया है, और इस मेले ने रामपुर को एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित किया है।

श्रद्धालुओं की भागीदारी

मेले में दूर-दूर से लोग आए हैं। भक्तों का उत्साह और जोश देखने लायक है। वे सभी उत्सुकता से देवी-देवताओं के दर्शन कर रहे हैं और मेले के विभिन्न गतिविधियों का आनंद ले रहे हैं। इस मेले में शामिल होकर भक्तजन अपनी आस्था और विश्वास को व्यक्त कर रहे हैं।

अंत में

रामपुर का फाग मेला हर वर्ष अनूठा अनुभव प्रदान करता है। इस मेले में शामिल होने का अवसर न केवल धार्मिक है, बल्कि यह सामाजिक जुड़ाव और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक है। News by indiatwoday.com इस वार्षिक उत्सव का हिस्सा बनने की प्रेरणा देता है और सभी से अपील करता है कि वे इस मेले में शामिल होकर अपनी परंपराओं को संजोएं। Keywords: रामपुर फाग मेला 2023, बस

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