राम मंदिर के साथ 15 और मंदिरों में लगेगा ध्वज:मंदिर के शिखर पर लगेगा 51 फीट का ध्वज, राम कथा संग्रहालय का निर्माण में लगेगा एक वर्ष
राम मंदिर की शिखर का निर्माण तेजी से चल रहा है। शिखर की ऊंचाई 161 फीट तय है, लेकिन शिखर पर स्थाई ध्वज दंड की स्थापना के बाद कुल ऊंचाई 212 फिट हो जाएगी। इसी तरह का ध्वज दंड श्री राम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन शेष 15 मंदिरों के शिखर पर भी लगाया जाएगा। इन मंदिरों के शिखर के अनुसार ध्वज दंड की ऊंचाई भी अलग-अलग निर्धारित की गयी है। राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन ने नृपेंद्र मिश्र ने बताया “राम मंदिर के साथ राम कथा संग्रहालय का निर्माण भी चल रहा है, जिसमें एक साल लग जाएंगे। राम मंदिर के शिखर पर लगने वाले ध्वज दंड के आयु का भी परीक्षण चेन्नई की प्रयोगशाला में कराया गया था। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय के मुताबिक ध्वज दंड धातु का है। धातु की आयु इसलिए जांचना जरुरी था कि मंदिर के शिखर पर बार-बार ध्वज दंड को बदलना संभव नहीं होता। शास्त्रत्त्ीय विधान में ध्वज दंड को बदलने की प्रक्रिया की जानकारी भी ली गयी। जब यह प्रावधान मिला तो आयु की जांच कराई गयी। परीक्षण में धातु की आयु 250-300 सौ साल है अथवा नहीं को लेकर भी विचार किया जाएगा। बताया गया कि ध्वज दंड को शिखर पर स्थापित करने के बाद तेज हवाओं और तूफान के प्रभाव और बंदरों द्वारा आजमाए जाने वाले ताकत का भी परीक्षण किया गया, जिससे ध्वज दंड के टिकाऊपन और क्षमता का भी पता चला। शिखर का निर्माण 15 अप्रैल तक पूरा होने की संभावना है, अभी सात लेयर का कार्य अवशेष है। साढ़े पांच टन का शिखर ध्वज होग स्थापित तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डॉ अनिल मिश्र बताते हैं ध्वज दंड लगने के बाद मंदिर की ऊंचाई 51 फिट और बढ़ जाएगी। इस तरह कुल ऊंचाई करीब 212 फिट होगी। राम मंदिर के शिखर पर स्थापित किया जाने ध्वज दंड का निर्माण अहमदाबाद गुजरात में हुआ था। इस ध्वज दंड की ऊंचाई 44 फिट बताई गयी और इसका वजन साढ़े पांच टन है। राम मंदिर के शिखर के तीसरे तल पर इस ध्वज दंड को स्थापित किया जाना है। इसके साथ में छह अतिरिक्त ध्वज दंड भी लाए गये थे, जिनकी ऊंचाई 20-20 फिट है और अलग-अलग इन सभी ध्वज दंडों का वजन 700-700 किलोग्राम है। रामकथा संग्रहालय के पूर्ण निर्माण में लगेंगे एक वर्ष श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के भवन-निर्माण समिति के तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के निर्माण कार्यों के प्रगति की समीक्षा की गयी। इस समीक्षा के बाद भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि गैलरी लगभग तैयार हो चुका है, अब गैलरी में क्या होगा यह तय किया जाएगा। वहां के निदेशक स्क्रिप्ट लिखेंगे। यहां भगवान राम के जन्म से लेकर लंका विजय तक सभी प्रसंग होंगे। उन्होंने बताया कि राम कथा संग्रहालय आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित होगी। राम मंदिर ट्रस्ट ने कैडमिन नाम की कंपनी के साथ एमओयू के जरिए अनुबंध किया है। कैडमिन सलाहकार की भूमिका निभाएंगी और तय करेगी किस टेक्नोलॉजी कहां इस्तेमाल होगा। इसके बाद गैलरी बनाने के लिए टेंडर किया जाएगा। गैलरियों को निर्धारित स्क्रिप्ट के अनुसार बनाया जाएगा। इस पर काम भी आरंभ हो गया है। जल्द ही यह नजर भी आएगा। पूण निर्माण में एक साल से अधिक का समय लगेगा। इसके बाद श्रद्धालु आकर गैलरी देख सकेंगे।

राम मंदिर के साथ 15 और मंदिरों में लगेगा ध्वज
राम मंदिर के प्रति समर्पण और आस्था का प्रतीक, 51 फीट का ध्वज विभिन्न मंदिरों के शिखरों पर फहराया जाएगा। यह ध्वज न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि भारतीय संस्कृति के सम्मान को भी दर्शाता है। यह एक ऐतिहासिक घटना है, जिसमें केवल राम मंदिर ही नहीं बल्कि 15 अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के शिखर पर भी ध्वज लगाए जाने का कार्यक्रम है। यह पहल मंदिरों की भव्यता और श्रद्धा को और बढ़ाने में सहायक होगी।
राम कथा संग्रहालय का निर्माण
इस ध्वज के साथ-साथ राम कथा संग्रहालय का निर्माण भी महत्वपूर्ण है, जिसके लिए लगभग एक वर्ष का समय निर्धारित किया गया है। संग्रहालय में रामायण के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे भक्तों को रामायण की गहराई और मासूमियत की अनुभूति होगी। इस संग्रहालय का उद्देश्य न केवल धार्मिक शिक्षा देना है, बल्कि लोगों के बीच राम कथा की महानता को जीवित रखना भी है।
ध्वज का महत्व
ध्वज का यह प्रदर्शन केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह हमारी भारतीय संस्कृति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह ध्वज सभी भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और भक्तों को एकत्रित होने का अवसर प्रदान करेगा।
समाज में प्रभाव
ध्वज और संग्रहालय का यह निर्माण समाज में एकता और सद्भावना को बढ़ावा देगा। लोग इस अवसर का आनंद लेने और अपने आस्था को व्यक्त करने के लिए एकत्रित होंगे। साथ ही, यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभप्रद सिद्ध होगा।
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