रोहित आज टॉस हारे तो भारत को फायदा:पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, जानिए चैंपियंस ट्रॉफी के 8 फाइनल का ट्रेंड

चैंपियंस ट्रॉफी-2025 के फाइनलिस्ट टीमें तय हो चुकी हैं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच आज दोपहर 2:30 बजे से दुबई इंटरनेशनल में फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को, जबकि न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को हराकर फाइनल में प्रवेश किया है। खिताबी मुकाबले में जीत की संभावना जानने के लिए हमने चैंपियंस ट्रॉफी के पिछले 8 फाइनल के ट्रेंड को 5 पैरामीटर्स में एनालाइज किया। इनमें... 1. टॉस 2. पहले बैटिंग Vs पहले बॉलिंग 3. पहली पारी का एवरेज स्कोर 4. विनिंग टोटल 5. वेन्यू 5 फैक्टर्स में चैंपियंस ट्रॉफी के पिछले 8 फाइनल का ट्रेंड 1. टॉस पिछले 4 फाइनल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते फाइनल मुकाबले में टॉस की अहमियत खास रही है। अब तक खेले गए 8 मुकाबले में टॉस जीतने वाली टीमों ने 3 मुकाबले जीते, जबकि टॉस गंवाने वाली टीमें 4 बार चैंपियन बनीं। एक मुकाबला बेनतीजा रहा, 2002 में श्रीलंका और भारत की टीमें संयुक्त विजेता रही थीं। 2. पहले बैटिंग vs पहले बॉलिंग चेज करने वाली टीमों ने 63% फाइनल जीते फाइनल मैच का रिजल्ट टॉस के फैसले पर भी काफी हद तक निर्भर रहा है। अब तक 8 में से 2 ही फाइनल पहले बैटिंग करने वाली टीमों ने जीते, जबकि 5 मुकाबले दूसरी पारी में बैटिंग करने वाली टीमों के नाम रहे। एक मैच बेनतीजा रहा। 3. पहली पारी का एवरेज स्कोर 219 रन पहली पारी का एवरेज स्कोर पहली पारी में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल का एवरेज स्कोर 219 रन रहा। फाइनल में पहली पारी का सबसे छोटा स्कोर 138 रन है, जो वेस्टइंडीज ने 2006 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। जबकि 338 रन का हाईएस्ट स्कोर पाकिस्तान ने 2017 में भारत के खिलाफ बनाया था। पहली पारी का एवरेज स्कोर निकालने के लिए सभी फाइनल की पहली पारी के स्कोर को जोड़ा और उसमें 8 का भाग दिया। 4. विनिंग टोटल 300+ स्कोर फाइनल में विनिंग टोटल टूर्नामेंट के इतिहास में फाइनल मैच में सिर्फ एक बार 300+ का स्कोर बना है। जो पाकिस्तान ने 2017 के फाइनल में भारत के खिलाफ बनाया था। टीम ने 180 रन की जीत हासिल की थी। 2013 में भारत ने भी पहले बैटिंग करते हुए जीत हासिल की थी। 5. वेन्यू होम टीम एक बार चैंपियन बनी, 3 फाइनल खेले अब तक 7 देशों ने चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी की है। इनमें बांग्लादेश, केन्या, श्रीलंका, इंग्लैंड, भारत, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड शामिल हैं। इस बार की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है। श्रीलंका ने अपने घरेलू मैदान पर टाइटल जीता था। टीम 2002 में भारत के साथ संयुक्त विजेता रही थी। निष्कर्ष: टॉस जीतने वाली टीम को फायदा टूर्नामेंट के पिछले 4 फाइनल टॉस हारने वाली टीम ने जीते हैं। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी पिछले 11 मुकाबलों में टॉस हार चुके हैं। अगर रोहित शर्मा फाइनल मुकाबले का टॉस हार जाते हैं। तो इस ट्रेंड के अनुसार, टीम की जीत के चांस ज्यादा होंगे। इतना ही नहीं, 265 से 300 का टारगेट विनिंग टोटल साबित हो सकता है, क्योंकि टूर्नामेंट का सबसे बड़ा रन चेज 264 रन का है, जो न्यूजीलैंड ने ही भारत के खिलाफ 2000 में किया था। दुबई की पिच बैटिंग के लिए कठिन साबित हो रही है। यहां चैंपियंस ट्रॉफी-2025 के 4 मैच हुए। धीमी पिच होने की वजह से 4 में से 1 में मैच में ही 250 प्लस स्कोर बना है। -------------------------------------------------- चैंपियंस ट्रॉफी से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए... 25 साल बाद फिर चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भिड़ेंगे IND-NZ भारत और न्यूजीलैंड 25 साल बाद फिर एक बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भिड़ने वाले हैं। दोनों 9 मार्च को दुबई में खिताबी मुकाबला खेलेंगे। इससे पहले 2000 में नैरोबी के मैदान पर हुआ फाइनल न्यूजीलैंड ने आखिरी ओवर में 4 विकेट से जीता था। पढ़ें पूरी खबर...

Mar 9, 2025 - 05:59
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रोहित आज टॉस हारे तो भारत को फायदा:पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, जानिए चैंपियंस ट्रॉफी के 8 फाइनल का ट्रेंड
चैंपियंस ट्रॉफी-2025 के फाइनलिस्ट टीमें तय हो चुकी हैं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच आज दोपहर 2:30 बजे से

रोहित आज टॉस हारे तो भारत को फायदा: पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते

चैंपियंस ट्रॉफी का इतिहास हमेशा से दिलचस्प और अप्रत्याशित घटनाओं से भरा रहा है। आज जब भारतीय कप्तान रोहित शर्मा टॉस हारेंगे, तो यह एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। पिछले चार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में टॉस हारने वाली टीमों ने खिताब जीता है। यह एक ऐसी स्टेटिस्टिक्स है जो क्रिकेट प्रेमियों को उत्साहित करती है। आइए, इस ट्रेंड पर कुछ रोशनी डालते हैं और जानते हैं कि यह भारत के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।

टॉस हारने वाली टीमों का चैंपियंस ट्रॉफी में प्रदर्शन

चैंपियंस ट्रॉफी का हर फाइनल मैच अपने साथ कुछ खास कहानियाँ लाता है। पिछले 8 फाइनल मुकाबलों में, वह टीम जो टॉस हार गई, उसने मुकाबला जीतने में सफलता पाई है। यह एक ऐसा ट्रेंड है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर हम पिछले फाइनल की बात करें, तो टॉस हारने वाली टीमों ने ख़िताब का जश्न मनाया है। इसका मतलब यह है कि आज यदि रोहित शर्मा टॉस हारते हैं, तो भारत की टीम में एक नई उम्मीद जगी जा सकती है।

क्यों है यह ट्रेंड महत्वपूर्ण?

क्रिकेट में टॉस का महत्व हर मैच में होता है। यह न केवल प्रारंभिक निर्णय लेने में सहायक होता है, बल्कि खेल के परिणामों को प्रभावित भी करता है। पिछले फाइनल में टॉस हारने वाली टीमों की जीत का मुख्य कारण है कि वे दबाव की परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करती हैं। ऐसे समय में, उनकी मानसिक स्थिति मजबूत होती है, और वे अपने खेल को उत्कर्ष पर ले जाने में सक्षम होते हैं।

कैसे होगी भारत की रणनीति?

रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम हमेशा से ही रणनीतिक दृष्टिकोण से मजबूत रही है। अगर टॉस हार जाते हैं, तो उन्हें अपनी ताकत और कमजोरी के साथ खेलना होगा। चाहे वह बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी, भारत को अंतिम समय तक अपने प्रदर्शन को मजबूती से बनाए रखना होगा। टीम के सहयोगी खिलाड़ी हमेशा से ही एकजुटता से खेलते आए हैं, और ऐसे में टॉस हारने पर भी जीत हासिल करने की पूरी उम्मीद है।

अंत में, यह कहना सुरक्षित है कि रोहित शर्मा और उनकी टीम पर सभी की नजरें होंगी। क्या टॉस हारने का यह ट्रेंड भारत के लिए शुभ साबित होगा? जवाब आज के खेल में ही मिलेगा।

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