लखनऊ में फूड पॉइजनिंग से 25 बच्चों की तबीयत बिगड़ी:2 की मौत; 23 की हालत गंभीर, DM पहुंचे अस्पताल

लखनऊ में फूड पॉइजनिंग से 25 बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। इलाज के दौरान 2 की मौत हो गई। 23 बच्चों की हालत गंभीर है। सभी का इलाज चल रहा है। DM ने बुधवार को अस्पताल पहुंचकर बच्चों का हाल जाना। उन्होंने कहा- हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम मामले की जांच करेगी। 23 मार्च से 26 मार्च के बीच बाल गृह से कुल 25 बच्चे लाकर लोकबंधु अस्पताल में भर्ती किए गए हैं। जिनमें से बुधवार को 2 की मौत हो गई है। मरने वालों में रेनू और दीपा नाम की बच्ची है। इसके अलावा गोपाल और लकी को गंभीर हालत के चलते KGMU रेफर किया गया है। 5 बच्चों को छुट्‌टी दी, 16 की सेहत स्टेबल लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अब तक 5 बच्चों को ठीक होने पर वापस भेज दिया गया है। जबकि 16 स्टेबल हैं, जिनका भर्ती कर इलाज चल रहा। इसके अलावा 3 बच्चे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती हैं। लूज मोशन-डायरिया के चलते किया गया था भर्ती डॉ.अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि इन बच्चों में फूड पॉइजनिंग के बाद लूज मोशन और डायरिया जैसे गंभीर लक्षण थे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। रविवार रात को खराब हुई तबीयत निर्वाण संस्था के तहत अनाथ मानसिक रूप से कमजोर बालक- बालिकाओं को आश्रय दिया जाता है। डीपीओ विकास सिंह ने बताया कि संस्था में 147 बच्चे हैं। रविवार से अचानक एक के बाद एक बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। कुछ बालिकाओं को उल्टियां हो रही थीं। डीपीओ का कहना है कि डॉक्टरों से संपर्क में हैं। जो बालिकाएं भर्ती हैं उनका बेहतर इलाज जारी है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का सही कारण पता चल सकेगा। विभागीय जांच भी कराई जाएगी। बलरामपुर अस्पताल से एक बच्चे को मिली छुट्‌टी बलरामपुर अस्पताल के प्रभारी निदेशक डॉ.संजय तेवतिया ने बताया कि 2 बच्ची महिमा और संगीता वॉर्ड नंबर 8 में भर्ती हैं। जबकि बग्गु को डिस्चार्ज कर दिया गया हैं। कुल 3 बच्चों को बलरामपुर अस्पताल लाया गया था। ............................... यह खबर भी पढ़े लखनऊ में बहनों ने ज्वेलर को ईंट से कुचलकर मारा:भाइयों ने एम्बुलेंस में भरकर फेंका; ब्याज के बदले शारीरिक संबंध बनाना चाहता था लखनऊ में 18 मार्च को हुई सर्राफा व्यापारी रूप नारायण सोनी की हत्या दो नाबालिग बहनों ने की थी। बहनों ने घर बुलाकर उसका सिर ईंट से कुचल दिया था। इसके बाद मौसेरे भाइयों की मदद से शव को एम्बुलेंस में भरकर घैला नाले में फेंक दिया था। यह खबर भी पढ़े

Mar 27, 2025 - 07:00
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लखनऊ में फूड पॉइजनिंग से 25 बच्चों की तबीयत बिगड़ी:2 की मौत; 23 की हालत गंभीर, DM पहुंचे अस्पताल
लखनऊ में फूड पॉइजनिंग से 25 बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। इलाज के दौरान 2 की मौत हो गई। 23 बच्चों की

लखनऊ में फूड पॉइजनिंग से 25 बच्चों की तबीयत बिगड़ी: 2 की मौत; 23 की हालत गंभीर, DM पहुंचे अस्पताल

लखनऊ में हाल ही में एक गंभीर घटना घटित हुई, जिसमें फूड पॉइजनिंग के चलते 25 बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ गई है। यह घटना विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि इसमें 2 बच्चों की मृत्यु भी हो गई है। प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए स्थानीय अस्पताल में बच्चों का उपचार शुरू कर दिया है। DM ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए अस्पताल का दौरा किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।

फूड पॉइजनिंग के कारण और प्रभाव

फूड पॉइजनिंग एक सामान्य समस्या है जो सही तरीके से पका हुआ भोजन न खाने के कारण होती है। लखनऊ के इस मामले में, यह संभव है कि बच्चों ने एक ऐसा भोजन खाया होगा जो दूषित या संक्रमित था। आमतौर पर, फूड पॉइजनिंग के लक्षणों में उल्टी, डायरिया, और पेट दर्द शामिल होते हैं। इस प्रकार की घटनाएं अक्सर स्कूलों और सामुदायिक आयोजनों में होती हैं, जहाँ बड़ी संख्या में बच्चों को एक साथ भोजन दिया जाता है।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

घटनास्थल पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भेजा गया, जिन्होंने सभी प्रभावित बच्चों की चिकित्सा सहायता प्रदान की। DM के अस्पताल दौरे के दौरान, उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के समुचित प्रबंधन और सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने संबंधित खाद्य स्रोतों की जांच करने का भी आश्वासन दिया है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

जागरूकता और सतर्कता की आवश्यकता

इस घटना ने समाज में खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। अभिभावकों और स्कूलों को चाहिए कि वे बच्चों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन देने में सतर्क रहें। शिक्षकों को भी खाद्य सुरक्षा पर शिक्षा देने की जरूरत है, ताकि बच्चे इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूक रह सकें।

इस घटना की गहनता को देखते हुए, यह आवश्यक है कि स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर इस मुद्दे पर प्रभावी कदम उठाएं। ऐसे मामलों में जल्द प्रतिक्रिया और उचित उपचार से न केवल सूचनाओं का संकलन किया जा सकता है, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम भी संभव है।

सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज न करें और समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। प्यारे बच्चों की सेहत और सुरक्षा हमारे समाज की जिम्मेदारी है।

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