हाईकोर्ट में संजौली मस्जिद की अवमानना याचिका पर सुनवाई:नगर निगम ने कोर्ट के आदेशों के बावजूद नहीं निपटाया मामला; लोकल रेजिडेंट दी रखी चुनौती
हिमाचल हाईकोर्ट में आज संजौली मस्जिद मामले में सुनवाई होगी। संजौली मस्जिद के आसपास रहने वाले लोकल रेजिडेंट ने नगर निगम (MC) शिमला के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर रखी है। बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते साल 21 अक्टूबर को MC आयुक्त शिमला को 20 दिसंबर 2024 तक निगम की अदालत में चल रहा मुकद्दमा निपटाने के आदेश दिए थे, क्योंकि संजौली मस्जिद की निचली दो मंजिल को लेकर निगम आयुक्त कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया है। वहीं लोकल रेजिडेंट ने बीते साल हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संजौली मस्जिद मामला जल्द निपटाने का आग्रह किया था। इस पर हाईकोर्ट ने नगर निगम को 20 दिसंबर तक की मोहलत दी थी। अदालत के आदेशानुसार, केस नहीं निपटने पर लोकल रेजिडेंट ने अवमानना याचिका दायर की है। इस पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। 6 सप्ताह में तोड़ने के नए आदेश यह मामला न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत में लगेगा। बीते शुक्रवार की सुनवाई में नगर निगम आयुक्त ने हाईकोर्ट से इस केस के निपटारे के लिए 8 सप्ताह का समय मांगा था। कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को छह सप्ताह का समय दिया है। 5 अक्टूबर को दिए थे तीन मंजिल तोड़ने के आदेश नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने बीते साल 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिल दो महीने के भीतर तोड़ने के आदेश दिए थे। निगम आयुक्त कोर्ट के आदेशों पर मस्जिद को तोड़ने का काम चला हुआ है। मगर यह काम धीमी रफ्तार के साथ किया जा रहा है। बजट की कमी से धीमी गति से चल रहा तोड़ने का काम इसके पीछे मुस्लिम समुदाय द्वारा पहले बजट का कमी का तर्क दिया गया। बाद में सर्दियों का तर्क देकर काम रोक दिया गया। मार्च माह में काम शुरू कर दिया गया है। मगर अभी ऊपर की तीन मंजिल हटाने का काम पूरा नहीं हुआ। शिमला से पूरे प्रदेश में भड़की थी चिंगारी शिमला की संजौली मस्जिद के कारण बीते साल पूरे प्रदेश में बवाल मच गया था। शिमला के मल्याणा में 31 अगस्त को एक समुदाय के लोगों द्वारा स्थानीय व्यक्ति की पिटाई करने के बाद इस मामले में तूल पकड़ा था। इसके बाद प्रदेश के सभी शहरों में प्रदर्शन किए गए। इसके बाद मंडी की मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के भी आदेश नगर निगम आयुक्त मंडी द्वारा दिए गए। प्रदेश में मस्जिद और मजार के खिलाफ जगह जगह प्रदर्शन किए गए।

हाईकोर्ट में संजौली मस्जिद की अवमानना याचिका पर सुनवाई
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संदर्भ
हाल ही में, उच्च न्यायालय ने संजौली मस्जिद से संबंधित एक महत्वपूर्ण अवमानना याचिका पर सुनवाई की। नगर निगम ने उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया है, जिससे लोकल रेजिडेंट्स ने अदालत में चुनौती दी है। यह मामला स्थानीय निवासियों के लिए अत्यधिक संवेदनशील बना हुआ है और इसके पीछे कई सामाजिक और कानूनी मुद्दे शामिल हैं।
नगर निगम की स्थिति
नगर निगम ने अवमानना याचिका पर उचित कार्रवाई नहीं की है, जिससे न्यायालय ने गहरी चिंता व्यक्त की है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि नगर निगम द्वारा किए गए कार्य न केवल अनुशासनहीनता दर्शाते हैं, बल्कि यह अधिकारों का उल्लंघन भी करते हैं। यह मामला न केवल विधिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक समाजिक मुद्दा भी है जो विविध दृष्टिकोणों को सामने लाता है।
स्थानीय निवासियों की चुनौती
स्थानीय निवासियों ने इस मामले को अदालत में उठाकर अपने अधिकारों की रक्षा करने का प्रयास किया है। उनका कहना है कि नगर निगम के कदमों के परिणामस्वरूप उनके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इन निवासियों ने मांग की है कि अदालत नगर निगम को आदेश दे कि वह सही कार्रवाई करे और सुनिश्चित करे कि उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन किया जाए।
अगले कदम
अगले दौर की सुनवाई में न्यायालय ने नगर निगम को मामले की गंभीरता का ध्यान रखने और उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है। यह सुनवाई न केवल इस मामले का निष्कर्ष निकालेगी, बल्कि यह भविष्य में अन्य मामलों के लिए भी precedents स्थापित कर सकती है।
निष्कर्ष
इस मामले की सुनवाई काफी महत्वपूर्ण है, और इसमें कई कानूनी पहलू शामिल हैं। नगर निगम को अभी भी अदालत के आदेशों का पालन करना होगा। स्थानीय निवासियों की चुनौती और उच्च न्यायालय की निगरानी से उम्मीद की जा रही है कि उचित न्याय मिलेगा।
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