इमरान खान नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट:मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए किया गया नामांकन, 2023 से जेल में बंद हैं

पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया है। राष्ट्रीय खजाने में गड़बड़ी करने के आरोप में इमरान खान 2023 से जेल में बंद हैं। नॉर्वे की राजनीतिक पार्टी पार्टियेट सेंट्रम से जुड़े पाकिस्तान वर्ल्ड अलायंस (PWA) ने पाकिस्तान में मानवाधिकारों और लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए इमरान खान के नामांकन की घोषणा की। पार्टियेट सेंट्रम ने रविवार को X पर पोस्ट किया- हमें पार्टियेट सेंट्रम की ओर से यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने नामांकन का अधिकार रखने वाले किसी व्यक्ति के साथ मिलकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। 2019 में भी नॉमिनेट किया गया इमरान खान को 2019 नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया था। 2019 में भारत के साथ तनाव कम करने के लिए यह नॉमिनेशन किया गया था। उनके समर्थन में पाकिस्तान की संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसमें कहा गया था कि बालाकोट हवाई हमले के बाद इमरान खान ने भारत के साथ तनाव कर करने की कोशिश की थी। इस साल नोबेल पीस प्राइज के लिए 338 नॉमिनेशन 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 338 नॉमिनेशन हैं। इनमें से 244 व्यक्ति और 94 संगठन हैं। पिछले साल इस पुरस्कार के 286 उम्मीदवार नामांकित थे। 2016 में सबसे अधिक 376 नॉमिनेशन हुए थे। 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की आखिरी डेट 31 जनवरी थी। नोबेल नामिनेट्स के नाम 50 साल तक जाहिर नहीं किए जाते नोबेल प्राइज वेबसाइट के मुताबिक किसी भी फील्ड में नोबेल के लिए नॉमिनेट होने वाले लोगों के नाम अगले 50 साल तक जाहिर नहीं किए जाते हैं। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित व्यक्तियों की लिस्ट नोबेल फाउंडेशन की नियमों के मुताबिक पुरस्कार दिए जाने के 50 साल बाद जारी की जाती है। हर साल सितंबर में शुरू होती है नॉमिनेशन प्रक्रिया नोबेल पीस प्राइज के नामांकन प्रक्रिया हर साल सितंबर में शुरू होती है। पहले चरण में जनता से नामांकन मंगाए जाते हैं। जो नाम मिलते हैं उन पर एक्सपर्ट्स विचार करते हैं। नॉमिनेटेड लोगों की खासियतों और उनकी खोज पर चर्चा होती है। नामित व्यक्ति के बारे में संबंधित देश की सरकार, पूर्व नोबेल विजेताओं, प्रोफेसरों से राय मांगी जाती है। रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं इमरान खान इमरान खान 2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। इसी साल जनवरी में पाकिस्तान की एक कोर्ट ने इमरान खान को 14 साल की सुनाई है। उन पर राष्ट्रीय खजाने को 50 अरब पाकिस्तानी रूपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप है। इस मामले में इमरान को 9 मई 2023 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पूरे मुल्क में फौज के कई अहम ठिकानों पर हमले हुए थे। -------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... इमरान खान को भ्रष्टाचार केस में 14 साल की जेल:बुशरा को 7 साल सजा; पाकिस्तान को 50 अरब रुपए का नुकसान पहुंचाने के दोषी पाकिस्तान की एक कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई है। डॉन की खबर के मुताबिक इमरान को 14 और बुशरा को 7 साल की सजा मिली है। दोनों पर राष्ट्रीय खजाने को 50 अरब पाकिस्तानी रूपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे। यहां पढ़ें पूरी खबर...

Apr 1, 2025 - 05:59
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इमरान खान नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट:मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए किया गया नामांकन, 2023 से जेल में बंद हैं
पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गय

इमरान खान नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट

इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री, को मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए नोबेल पीस प्राइज के लिए नामांकित किया गया है। यह नामांकन खास तौर पर उनके राजनीतिक संघर्ष और मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालाँकि, खान वर्तमान में 2023 से जेल में बंद हैं, इल्ज़ामों का सामना कर रहे हैं, फिर भी उनकी अंतर्राष्ट्रीय पहचान और नागरिकों के अधिकारों के प्रति उनकी भावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

नोबेल के लिए नामांकन का महत्व

नोबेल पीस प्राइज के लिए इमरान खान का नामांकन न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को दिखाता है, बल्कि यह दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा की आवश्यकता का भी संकेत देता है। खान ने अपने प्रधानमंत्री पद के दौरान कई बार इस मुद्दे पर जोर दिया। उनका उद्देश्य मानवाधिकारों को बढ़ावा देना और सामाजिक न्याय की स्थापना करना था।

2023 में जेल में बंद होने का प्रभाव

हाल ही में इमरान खान की गिरफ्तारी ने उनके समर्थकों और मानवाधिकार नीतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। उनके खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रियाएँ और जेल में बिताया गया समय उनके राजनीतिक करियर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। यह देखा जाना बाकी है कि क्या यह नामांकन उनकी स्थिति को बदल सकता है।

इंटरनेशनल समुदाय की प्रतिक्रिया

इंटरनेशनल स्तर पर इमरान खान के नामांकन को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कई मानवाधिकार संगठनों ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने इस नामांकन को मूल्यांकन करते हुए कहा है कि यह एक चेतावनी है कि दुनिया मानवाधिकारों के लिए कितनी गंभीर है।

इस नामांकन के जरिए प्रभावित होने वाले विचारों पर ताजा चर्चा भी देखने को मिली है। इसके अलावा, इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान की राजनीति और मानवाधिकारों की स्थिति चर्चा का विषय बन चुकी है।

News by indiatwoday.com: इमरान खान का यह नामांकन मानवाधिकारों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमें दिखाता है कि भले ही वह जेल में हैं, उनका योगदान और रहन-सहन भुलाया नहीं जा सकता।

अंतिम शब्द

इमरान खान का नोबेल पीस प्राइज के लिए नामांकन उनके राजनीतिक जीवन और मानवाधिकारों की दिशा में उनके प्रयासों का सम्मान करता है। दुनिया भर में इस नामांकन के साथ ब्रिज बनाने की संभावना है, जो जीवन में बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

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