यूक्रेन-रूस ब्लैक-सी में सीजफायर पर सहमत:जहाजों की सुरक्षित आवाजाही पर सहमति, ऊर्जा ठिकानों पर हमला रोकने का भी उपाय करेंगे
रूस और यूक्रेन के बीच ब्लैक-सी में जहाजों की सुरक्षित आवाजाही और सैन्य हमले रोकने पर सहमति बन गई है। इसके साथ दोनों देश एक दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमला रोकने का उपाय डेवलप करेंगे। व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा- दोनों देश ब्लैक-सी के इलाके में जहाजों की सुरक्षित आवाजाही तय करने, बल प्रयोग को रोकने और सैन्य मकसद लिए कॉमर्शियल जहाजों का इस्तेमाल रोकने पर सहमत हो गए हैं। अमेरिका ने इसे लेकर यूक्रेन और रूस से अलग-अलग समझौते किए हैं। सोमवार को अमेरिका और रूस के बीच सऊदी अरब के रियाद में 12 घंटे से ज्यादा बैठक हुई थी। अमेरिका के तरफ से जारी बयान की 5 प्रमुख बातें.... जेलेंस्की बोले- रूस ने समझौता तोड़ा तो और ज्यादा प्रतिबंध लगाओ व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति ट्रम्प के हवाले से कहा कि रूस-यूक्रेन में दोनों पक्ष की हत्याएं बंद होनी चाहिए, क्योंकि स्थायी शांति समझौते के लिए यह एक जरूरी कदम है। अमेरिका रियाद समझौते के मुताबिक युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान हासिल करने में मदद करता रहेगा। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि ब्लैक-सी और ऊर्जा ठिकानों पर हमला न करने का सीजफायर तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अगर रूस ने इस समझौते को तोड़ा तो वो राष्ट्रपति ट्रम्प से रूस पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाने की मांग करेंगे। क्रेमलिन प्रवक्ता बोले थे- सीजफायर को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनी अमेरिका से पहले रूस के राष्ट्रपति ऑफिस क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा था कि सीजफायर को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है। अभी कई दौर की बैठकें और होंगी। उन्होंने कहा कि रियाद में अमेरिकी अधिकारियों से हुई बैठक को जो भी नतीजा निकला उसे दोनों देशों के राष्ट्रपतियों तक पहुंचा दिया गया है। अब दोनों देश इस पर सोच-विचार करेंगे। क्रेमलिन इस मुलाकात की डिटेल सार्वजनिक नहीं करेगा। पेस्कोव ने कहा था कि हम सिर्फ तकनीकी समझौतों की बात कर रहे हैं। फिलहाल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच डायरेक्ट बातचीत का कोई प्लान नहीं है। लेकिन अगर जरूरत पड़ती है, तो बातचीत तुरंत कराई जा सकती है। पेस्कोव ने कहा था कि दोनों देशों के प्रतिनिधि जुड़े रहेंगे, लेकिन अभी कुछ भी ठोस कह पाना मुश्किल है। अभी रूस, यूक्रेन और अमेरिका के बीच तीन तरफा बैठक करने का कोई प्लान नहीं है। सोमवार को यूक्रेनी और अमेरिकी प्रतिनिधियों ने बैठक की थी सोमवार को रूसी प्रतिनिधियों से मुलाकात से पहले अमेरिकी अधिकारियों ने यूक्रेन के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी। दोनों अधिकारियों ने पावर प्लांट्स की सुरक्षा से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा की। अमेरिका यूक्रेन को पहले ही प्रस्ताव दे चुका है कि वह पावर प्लांट्स (ऊर्जा ठिकानों) की सुरक्षा के लिए उन्हें अमेरिका को सौंप दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने टीवी पर दिए एक बयान में बताया कि बातचीत काफी उपयोगी रही। यूक्रेन के रक्षामंत्री रुसतेम उमेरोव के मुताबिक इस बातचीत का मकसद जल्द शांति और सुरक्षा को मजबूत करना है। वहीं जेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों, खासतौर से अमेरिका से पुतिन को हमले रोकने के लिए आदेश देने के लिए कहा। सैनिकों की अदला-बदली कर चुके हैं रूस-यूक्रेन पिछले 2 महीनों से सीजफायर को लेकर जारी बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन ने पिछले हफ्ते एक-दूसरे की कैद में मौजूद सैनिकों की अदला-बदली की। दोनों के बीच 175 कैदियों की अदला-बदली हुई। इसके अलावा रूस ने गंभीर रूप से घायल 22 यूक्रेनी सैनिकों को भी रिहा किया। सीजफायर पर रूस-यूक्रेन का रूख बदला 9 मार्च: सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई। अमेरिका ने 30 दिन के सीजफायर का प्रस्ताव रखा। यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। पुतिन ने प्रस्ताव को खारिज नहीं किया, लेकिन आगे चर्चा की मांग की। 10 मार्च: पुतिन ने आशंका जताई कि यूक्रेन सीजफायर का इस्तेमाल जंग में अपने सैन्य सशक्तिकरण के लिए कर सकता है। 11 मार्च: रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ने सीजफायर के लिए 4 शर्तें रखीं। इसमें मांग की गई कि यूक्रेन नाटो में शामिल न हो और यूक्रेन की जमीन पर रूस के कब्जे को मान्यता मले। पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों ने सुझाव दिया कि पुतिन की शर्तें सीजफायर को टालने का रणनीति हो सकती है। 12 मार्च: यूक्रेन ने रूस की शर्तों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे उसकी संप्रुभता को खतरा होगा। 13 मार्च: पुतिन ने सीजफायर के प्रस्ताव के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का धन्यवाद दिया। पुतिन ने सीजफायर के प्रस्ताव पर सहमति भी जताई, लेकिन इसके साथ शर्तें भी रख दी। पुतिन ने कहा कि सीजफायर से लॉन्गटर्म यानी दीर्घकालिक शांति और जंग की वजह खत्म होनी चाहिए। इस दौरान अमेरिकी के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी रूस में मौजूद थे। उन्होंने रूस के अधिकारियों के साथ सीजफायर पर बात की। 14 मार्च: ट्रम्प ने बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन जंग रोकने को लेकर अच्छी बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि ये जंग बहुत जल्दी खत्म हो जाएगी। यूक्रेन का 20% हिस्सा रूस के कंट्रोल में रूस बीते तीन साल में यूक्रेन का लगभग 20% हिस्सा हथिया चुका है। राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के चार पूर्वी प्रांत डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन को रूस में शामिल कर चुके हैं। जबकि रूस के कुर्स्क इलाके में दोनों सेनाओं में संघर्ष जारी है। ------------------------------- सीजफायर वार्ता से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.... जेलेंस्की से ट्रम्प बोले- पावर प्लांट का कंट्रोल हमें सौंपें:कहा- यह सुरक्षा के लिए जरूरी; रूस-यूक्रेन में सैनिकों की अदला-बदली यूक्रेन जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से 1 घंटे बात की । अमेरिका विदेश मंत्री और NSA ने बयान जारी कर बताया कि व्हाइट हाउस ने यूक्रेन के पावर प्लांट्स की सुरक्षा के लिए

यूक्रेन-रूस ब्लैक-सी में सीजफायर पर सहमत
यूक्रेन और रूस ने एक महत्वपूर्ण मोड़ पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें दोनों पक्षों ने ब्लैक सी में सीजफायर स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह समझौता पहले की असामान्य सैन्य गतिविधियों और संघर्षों के बाद आया है। इस नई सहमति के तहत जहाजों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।
सीजफायर का मुख्य उद्देश्य
इस सीजफायर का मुख्य लक्ष्य ब्लैक सी क्षेत्र में नौवहन और व्यापार को बाधित करने वाले खतरों को कम करना है। दोनों देशों ने यह भी सुनिश्चित किया कि ऊर्जा ठिकानों पर हमलों को रोकने के उपाय किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना है।
जहाजों की सुरक्षित आवाजाही
लंबे समय से चली आ रही लड़ाई के कारण, ब्लैक सी में जहाजों की आवाजाही एक बड़ा मुद्दा बन गई थी। अब, इस सहमति के बाद, व्यापारियों और समुद्री परिवहन उद्योग को राहत मिलने की उम्मीद है। यह विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला के लिए आवश्यक है।
ऊर्जा ठिकानों पर सुरक्षा
इस समझौते के तहत, दोनों पक्ष यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य करेंगे कि ऊर्जा ठिकानों पर संभावित हमलों को रोका जाए। इससे न केवल क्षेत्रों में स्थिरता आएगी, बल्कि यह नुकसानदायक आर्थिक प्रभावों को भी समाप्त करेगा।
निष्कर्ष
यूक्रेन और रूस के बीच इस सीजफायर पर सहमति एक सकारात्मक विकास है, जो न केवल इन देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा, बल्कि समुद्री सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच संवाद को फिर से शुरू करने का एक अवसर भी है।
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