सैमसंग को ₹5,150 करोड़ का टैक्स नोटिस:इंपोर्ट टैरिफ में हेराफेरी का आरोप, सरकार ने कंपनी के 7 अधिकारियों पर जुर्माना लगाया
भारत सरकार ने सैमसंग और उसके अधिकारीयों को 601 मिलियन डॉलर यानी 5,150 करोड़ रुपए का टैक्स डिमांड नोटिस भेजा है। हाल के सालों में किसी कंपनी को भेजा गया ये अब तक का सबसे बड़ा टैक्स डिमांड नोटिस है। सरकार ने एक आदेश में कहा कि सैमसंग और उसके अधिकारीयों ने की-टेलीकॉम इक्विपमेंट्स के इंपोर्ट पर टैरिफ से बचने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया था। हालांकि, अब कंपनी और अधिकारीयों को पिछला टैक्स और जुर्माना भरना होगा। आदेश को टैक्स ट्रिब्यूनल या कोर्ट में चुनौती दे सकती है कंपनी कंपनी सरकार के इस आदेश को टैक्स ट्रिब्यूनल या कोर्ट में चुनौती दे सकती है। यह टैक्स डिमांड भारत में सैमसंग के पिछले साल के 955 मिलियन डॉलर यानी 8,183 करोड़ रुपए के नेट प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा है। भारत के कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन मार्केट में सैमसंग सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। कंपनी के 7 अधिकारियों पर ₹693 करोड़ का जुर्माना लगाया गया सैमसंग को 520 मिलियन डॉलर (4,451 करोड़ रुपए) का भुगतान करने का आदेश दिया गया, जिसमें बकाया टैक्स और 100% जुर्माना शामिल है। इसके अलावा भारत में कंपनी के सात अधिकारियों पर 81 मिलियन डॉलर (693 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है। इन अधिकारियों में नेटवर्क डिवीजन के वाइस चेयरमैन सुंग बीम हांग, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर डोंग वोन चू, जनरल मैनेजर फॉर फाइनेंस शीतल जैन और सैमसंग के इनडायरेक्ट टैक्स के लिए जनरल मैनेजर निखिल अग्रवाल के नाम भी शामिल हैं। इंपोर्ट को गलत क्लासिफाई करने के लिए 2023 में चेतावनी मिली थी सैमसंग ने भारत की टैक्स अथॉरिटी पर जांच खत्म करने का दबाव डाला सैमसंग ने भारत की टैक्स अथॉरिटी पर जांच को खत्म करने का दबाव डाला था। तब कंपनी ने यह कहा था कि कंपोनेंट पर टैरिफ नहीं लगता है और अधिकारियों को सालों से इसकी क्लासिफिकेशन प्रैक्टिस के बारे में पता था। हालांकि, कस्टम अथॉरिटी ने 8 जनवरी को अपने एक आदेश में कंपनी के बयान पर असहमति जताई थी। सैमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया: कमिश्नर ऑफ कस्टम्स कमिश्नर ऑफ कस्टम्स सोनल बजाज ने कहा कि सैमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा कंपनी ने कस्टम अथॉरिटी के सामने क्लीयरेंस के लिए जानबूझकर झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। जांचकर्ताओं ने पाया कि सैमसंग ने सभी बिजनेस एथिक्स, इंडस्ट्री प्रैक्टिसेज और स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन किया है। कंपनी ने भारतीय कानूनों का अनुपालन किया है: सैमसंग का बयान सैमसंग ने बयान में कहा कि कंपनी ने भारतीय कानूनों का अनुपालन किया है। साथ ही कंपनी अपने अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी विकल्पों का आकलन कर रही है। 2021 में शुरू हुई जांच, कंपनी के ऑफिसों की हुई थी तलाशी सैमसंग की जांच 2021 में तब शुरू हुई, जब टैक्स इंस्पेक्टर्स ने मुंबई और नई दिल्ली में कंपनी के ऑफिसों की तलाशी ली थी। तब टैक्स इंस्पेक्टर्स ने डॉक्यूमेंट्स, ईमेल और कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को भी जब्त किया था। इसके बाद कंपनी के कुछ शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ भी की गई थी। 2018 से 2021 तक ₹6,711 करोड़ के इंपोर्ट पर बकाया नहीं चुकाया टैक्स इंस्पेक्टर्स ने पाया था कि 2018 से 2021 तक सैमसंग ने कोरिया और वियतनाम से 784 मिलियन डॉलर यानी 6,711 करोड़ रुपए की वैल्यू के कंपोनेंट के इंपोर्ट पर कोई बकाया नहीं चुकाया है। सरकार ने कहा कि टेलीकॉम टावरों पर लगाया जाने वाला यह कंपोनेंट सिग्नल ट्रांसमिट करता है और इस पर टैरिफ लगता है। हालांकि, सैमसंग ने इस बात पर असहमति जताई है।

सैमसंग को ₹5,150 करोड़ का टैक्स नोटिस: इंपोर्ट टैरिफ में हेराफेरी का आरोप
हाल ही में, सैमसंग इंडिया को ₹5,150 करोड़ का टैक्स नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने इंपोर्ट टैरिफ में हेराफेरी की है। भारतीय सरकार ने इस मामले में कंपनी के सात अधिकारियों पर भी जुर्माना लगाया है। यह मामला भारतीय बाजार में सैमसंग के ऑपरेशन्स पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
घटनाक्रम का विवरण
जानकारी के अनुसार, सैमसंग पर आरोप है कि उसने विभिन्न उत्पादों के इंपोर्ट पर गलत जानकारी दी, जिससे उसे टैक्स का लाभ मिला। यह मामला उस समय सामने आया जब सरकार ने इंपोर्ट टैरिफ की जांच शुरू की। सैमसंग के खिलाफ यह कार्रवाई भारतीय रेवेन्यू डिपार्टमेंट के द्वारा की गई है, जिसका उद्देश्य टैक्स चोरी को रोकना है।
प्रश्न उठता है: क्या सैमसंग की छवि को नुकसान होगा?
इस तरह के आरोप कहीं न कहीं सैमसंग की ब्रांड छवि को प्रभावित कर सकते हैं। विशेष रूप से ऐसे समय में जब वह भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। सैमसंग पहले से ही स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स में एक प्रमुख ब्रांड है, लेकिन इससे संभावित कानूनी झंझटों का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार की भूमिका
सरकार द्वारा इस कदम का बुनियादी उद्देश्य देश में टैक्स की पारदर्शिता बढ़ाना और गलत कामों के खिलाफ कड़ाई से निपटना है। मोदी सरकार ने पहले ही कई तरह के उपाय किए हैं ताकि टैक्स प्रणाली को मजबूत किया जा सके। यह मामला टैक्स के प्रति अधिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
भविष्य के लिए क्या है योजना?
सैमसंग को इस मामले में अपने संचालन और टैक्स की गतिविधियों की समीक्षा करने की आवश्यकता होगी। कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी नियमों का पालन किया जा रहा है। इसके साथ ही, बाजार की स्थिति पर निगरानी रखना भी आवश्यक होगा ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।
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