लोकसभा में पेश हुआ इनकम टैक्स बिल:इसके पन्ने 823 से घटाकर 622 किए, अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत आएंगे क्रिप्टो एसेट
नया इनकम टैक्स बिल आज यानी गुरुवार, 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया है। 622 पन्नों वाला बिल 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा। प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा और अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है। नए इनकम टैक्स बिल की 4 बड़ी बातें... न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की कमाई पर टैक्स नहीं इससे पहले बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई थी। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा बिल नए इनकम टैक्स बिल को शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। समिति अपनी सिफारिशें देगी, फिर सरकार कैबिनेट के माध्यम से इस पर निर्णय लेगी कि क्या इन संशोधनों को शामिल करने की जरूरत है। इसके बाद विधेयक संसद में वापस आएगा और फिर सरकार इसके रोलआउट की तारीख पर फैसला करेगी। सरकार पिछले कई सालों से इनकम टैक्स कानून को आसान बनाने की कोशिश कर रही थी। इसके लिए 2018 में एक टास्क फोर्स बनाई गई थी, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

लोकसभा में पेश हुआ इनकम टैक्स बिल: इसके पन्ने 823 से घटाकर 622 किए, अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत आएंगे क्रिप्टो एसेट
हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए इनकम टैक्स बिल ने एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है। इस बिल में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें से एक बड़ा बदलाव है इसके पन्नों की संख्या को 823 से घटाकर 622 कर दिया गया है। यह कदम बजट प्रक्रिया को सरल बनाने और करदाताओं के लिए इसे और अधिक समझने योग्य बनाने के लिए उठाया गया है। बिल के प्रस्तुतिकरण के दौरान, वित्त मंत्री ने बताया कि यह संशोधन भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक होगा।
क्रिप्टो एसेट का अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत आना
इस बिल के एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व के अनुसार, क्रिप्टो एसेट को अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत लाने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय क्रिप्टोक्यूरेंसी के बढ़ते उपयोग और इसके संभावित वित्तीय प्रभाव को देखते हुए किया गया है। सरकार का मानना है कि क्रिप्टो एसेट्स के सही कराधान से न केवल सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि यह डिजिटल अर्थव्यवस्था के संचालन को भी सुगम बनाएगा।
बिल के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
इनकम टैक्स बिल में कुछ और महत्वपूर्ण बिंदु भी शामिल किए गए हैं। इनमें कर दरों में फेरबदल, करदाता के अधिकारों की सुरक्षा और कर चोरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का प्रावधान भी शामिल है। इसके अलावा, यह भी उल्लेख किया गया है कि यह सरकारी प्रयास है जिससे आम आदमी को कर प्रणाली में और अधिक विश्वास मिलेगा।
निष्कर्ष
इनकम टैक्स बिल के ये बदलाव स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि सरकार न केवल कराधान प्रणाली में सुधार लाने का प्रयास कर रही है, बल्कि नागरिकों की भलाई और आर्थिक विकास को भी प्राथमिकता दे रही है। यह बिल उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है जो न केवल भारत में निवेश कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक डिजिटल परिसंपत्तियों का लाभ भी उठा रहे हैं।
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