शिमला में 2500 सेब के पेड़ जलकर राख:15 किसानों के बगीचे में लगी आग, 22 टोली चारा भी नष्ट; लाखों का नुकसान
शिमला में एक सेब के बगीचे में भीषण आग लग गई, जिसमें करीब 2 हजार 500 पेड़ जलकर राख हो गए। ये कुल पेड़ 15 किसानों के थे। घटना के बाद से इन किसानों के परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है। ये घटना ठियोग उपमंडल के घुंड पंचायत में बुधवार को दोपहर करीब 3 बजे हुई। नेरहा नाला से शुरू हुई आग घड़ेडी होते हुए घुंड तक पहुंच गई और पूरे क्षेत्र में फैल गई। आग में किसानों द्वारा सर्दियों के लिए जमा किया गया लगभग 22 टोली चारा भी जल गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत अग्निशमन विभाग और प्रशासन को सूचित किया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया। प्रभावित किसानों में लोकिन्द्र, केवल राम, दिनेश, साधु राम, नरेश, बेली राम, मोहिंदर रत्न और चेतराम सहित अन्य किसान शामिल हैं। प्रशासन मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन कर रहा है। हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। स्थानीय प्रशासन मामले की जांच कर रहा है।

शिमला में 2500 सेब के पेड़ जलकर राख: 15 किसानों के बगीचे में लगी आग
शिमला, हिमाचल प्रदेश में एक गंभीर घटना में, 2500 सेब के पेड़ जलकर राख हो गए हैं। यह घटना 15 किसानों के बगीचों में लगी आग के कारण हुई है। इस आग ने न केवल सेब के पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है बल्कि 22 टोली चारा भी नष्ट कर दिया है, जिससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
आग लगने का कारण
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, आग लगने का कारण सूखी घास और अन्य ज्वलनशील सामग्री है, जो मौजूदा मौसम के कारण अत्यधिक जलने योग्य हो गई थी। स्थानीय प्राधिकरण ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। बचाव कार्य में स्थानीय लोग और फायर ब्रिगेड की टीम ने मिलकर आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत कुछ जल चुका था।
किसानों पर प्रभाव
इस घटना ने किसानों की आजीविका को गंभीर चोट पहुंचाई है। सेब उत्पादन हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इस प्रकार के नुकसान से प्रभावित किसानों को भयानक वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा। कई लोग तो अब अपने बगीचों में लगाई गई मेहनत को खोते हुए देख रहे हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और प्रभावित किसानों को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और किसानों के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, उन्हें जरूरी समर्थन और मुआवजा प्रदान करने के उपायों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक भी बुलाई जाएगी।
स्थानिक समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय समुदाय आग के कारण महसूस होने वाले नुकसान के प्रति शोक व्यक्त कर रहा है। कई नागरिक एकजुट होकर प्रभावित किसानों के लिए सहायता मुहैया करने का प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों ने भी पहल की है और धन जुटाने का आयोजन किया है ताकि किसानों की मदद की जा सके।
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