हिमाचल चीफ इंजीनियर मौत मामले में नया मोड़:पोस्टमार्टम में खुलासा- शव मिलने से 5 दिन पहले डूबने से मौत, चोट के निशान नहीं
हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, नेगी की मौत पानी में डूबने से हुई और उनके शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं मिले। उनकी मौत, डेड बॉडी मिलने से करीब 5 दिन पहले हुई थी। नेगी का शव 18 मार्च को गोविंद सागर झील में मिली, जबकि वे 10 मार्च से लापता थे। यह सवाल अब भी अनुत्तरित है कि वे लापता होने के बाद के 5 दिन कहां थे। विमल नेगी 10 मार्च को शिमला से टैक्सी लेकर बिलासपुर गए थे, जहां वे आखिरी बार सीसीटीवी कैमरे में नजर आए। मुख्यमंत्री ने जल्द खोजने का भरोसा दिया था उनके परिजनों ने मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और पुलिस प्रशासन से कई बार विमल नेगी को ढूंढने की गुहार लगाई थी। तब मुख्यमंत्री ने विमल नेगी को जल्द खोजने का भरोसा दिया था। वहीं विमल नेगी के परिवार ने पुलिस में उच्च अधिकारियों को एक शिकायत दे रखी है, जिसमें प्रशासन पर मानसिक तौर पर परेशान करने के आरोप लगाए। बता दें कि विमल नेगी 10 मार्च को घर से आम दिनों की तरह ऑफिस के लिए निकले। लेकिन वापस घर नहीं लौटें। इसके बाद से वह लापता रहे। आखिरी बार उन्हें बिलासपुर जिला में ट्रेस किया गया, जहां वह सीसीटीवी कैमरे में नजर आए। परिजनों ने राजस्व मंत्री जगत नेगी से मुलाकात कर आशंका जताई कि उन पर किसी काम का दबाव था, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थे।

हिमाचल चीफ इंजीनियर मौत मामले में नया मोड़
हिमाचल प्रदेश के एक चर्चित मामले में अब नया मोड़ आया है, जहां एक चीफ इंजीनियर की मौत पर विवाद गरमा गया है। हाल ही में किए गए पोस्टमार्टम में यह खुलासा हुआ है कि इंजीनियर का शव मिलने से 5 दिन पहले डूबने के कारण उनकी मौत हुई, जबकि उनके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं पाए गए। यह जानकारी स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा की गई है।
मामले का संक्षेप
मृत व्यक्ति, जो हिमाचल प्रदेश में शहरी विकास विभाग में चीफ इंजीनियर थे, का शव 5 दिन बाद एक नहर से बरामद किया गया। प्रारंभिक जांच में हत्या का संदेह जताया गया था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बुनियादी तथ्य बदल दिए हैं। पोस्टमार्टम के बाद जांच अधिकारियों ने मामले की फिर से समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या कहा गया?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, शव की स्थिति को देखकर यह स्पष्ट होता है कि इंजीनियर की मौत संभावित रूप से डूबने के कारण हुई। शव पर चोट के निशान न होना यह दर्शाता है कि कोई अन्य आपराधिक गतिविधि नहीं थी। यह सूचना मौजूदा स्थिति को और जटिल बना देती है, क्योंकि पहले हत्या की आशंका जताई गई थी।
स्थानीय पुलिस और जांच का स्वरूप
स्थानीय पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की है। शव मिलने के बाद पहले कई लोगों से पूछताछ की गई थी, और अब उन्हें पोस्टमार्टम के नतीजों के आलोक में दोबारा बुलाया जा रहा है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी जानकारी मांगी है ताकि मामले के सभी पहलुओं को समझा जा सके।
गंभीरता के साथ मामले की जांच जारी
इस घटना ने न केवल स्थानीय निवासियों को प्रभावित किया है, बल्कि उच्च अधिकारियों के बीच भी चिंता का विषय बन गया है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने अब मामले को गंभीरता से लेकर जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं ताकि सही तथ्यों को सामने लाया जा सके।
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