ट्रेन में खो गए 85 हजार रुपए मिले वापस:हमसफर एक्सप्रेस में सुपरवाइजर को मिला था थैला, प्रयागराज की जीआरपी व आरपीएफ की पहल
प्रयागराज में आरपीएफ व जीआरपी की सक्रियता के चलते आज शनिवार को एक यात्री के 85 हजार रुपये वापस मिले। दरअसल, करेली का रहने वाला मो. वाहिद हमसफर एक्सप्रेस के एसी कोच में यात्रा कर रहा था। उसका थैला ट्रेन में ही छूट गया था। उसने इसकी आरपीएफ व जीआरपी को दिया था। इसके बाद हमसफर एक्सप्रेस के कोच बी-3, सीट नंबर 14 को सर्च कराया गया एवं संबंधित कोच अटेंडेंट से जानकारी प्राप्त की गई, लेकिन कुछ मिला नहीं। उप निरीक्षक ओमप्रकाश द्वारा पुनः गाड़ी संख्या 22438 के समस्त ओबईएचएस स्टाफ के रात्रि में ड्यूटी आने पर पूछताछ किया गया तो गाड़ी के सुपरवाइजर कमल सिंह यादव द्वारा बताया गया कि उसे एक प्लास्टिक पन्नी मिली थी जिसमें कपड़े हैं, जो उसकी केबिन में रखी है, किंतु उसमें पैसे हैं या नहीं उसकी जानकारी नहीं है। पन्नी में रखे कपड़ों को चेक करने पर अंदरूनी जेबों में 500 के नोटों के रूप में 85000 रुपये मिले। आज जीआरपी उप निरीक्षक मो. गुलाम के समक्ष उसके 85000 रुपये दिया गया।
ट्रेन में खो गए 85 हजार रुपए मिले वापस: हमसफर एक्सप्रेस में सुपरवाइजर को मिला था थैला
एक अद्भुत घटना ने हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों को आश्चर्यचकित कर दिया, जब एक सुपरवाइजर ने 85 हजार रुपए की राशि से भरा थैला खोज निकाला। इस राशि को सहेजने तथा वापस करने की प्रक्रिया में प्रयागराज की जीआरपी (गृह रक्षक पुलिस) और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
घटना का विवरण
यह घटना हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन में घटित हुई, जहाँ एक ध्यान रखने वाले सुपरवाइजर ने एक थैला देखा, जो यात्रियों में खो गया था। जब थैले की जांच की गई, तो उसमें 85 हजार रुपए मिले। तुरंत ही सुपरवाइजर ने स्थानीय रेलवे थाने से संपर्क किया और उचित कार्यवाही शुरू की।
प्रयागराज की जीआरपी और आरपीएफ की पहल
प्रयागराज जीआरपी और आरपीएफ ने मिलकर इस राशि को उसके असली मालिक तक पहुँचाने में सहायता की। उन्होंने राशि को वापस लौटाने के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र और दस्तावेज़ों की जांच की। अंततः, थैले का मालिक उस पैसे को पहचानने में सफल रहा और उसकी धनराशि उसे सुरक्षित लौटा दी गई।
कानून-व्यवस्था में सुधार
इस घटना ने इस बात को फिर से प्रमाणित किया है कि रेलवे सुरक्षा बल यात्रियों की सुरक्षा और उनकी संपत्ति की सुरक्षा में कितनी सक्रियता से कार्यरत हैं। सुपरवाइजर और सुरक्षा बल की यह पहल न केवल लोगों का भरोसा बढ़ाएगी, बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों में और अधिक सतर्कता बरतने के लिए प्रेरित करेगी।
निष्कर्ष
इस घटना ने एक सामाजिक संदेश भी दिया है कि जो खो गया है, वह हमेशा लौट सकता है अगर हम ईमानदारी और जिम्मेदारी से काम करें। रेलवे कर्मचारियों की इस ईमानदारी की दृष्टांत ने न केवल यात्रियों को सुकून दिया, बल्कि समाज में एक सकारात्मक वातावरण भी बनाया।
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