किसान बिना एक्सपोर्ट ड्यूटी के प्याज विदेश भेज सकेंगे:5 महीने से लागू 20% टैक्स 1 अप्रैल से खत्म होगा; पिछले 1 महीने में 10% गिरे दाम
अब किसान विदेश में एक्सपोर्ट ड्यूटी दिए बिना प्याज बेच सकेंगे। इसे सरकार ने 1 अप्रैल से हटाने का फैसला लिया है। प्याज के एक्सपोर्ट पर 13 सितंबर 2024 से 20% निर्यात शुल्क लागू किया गया था। रेवेन्यू विभाग ने शनिवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी। इससे पहले सरकार ने देश में प्याज की उपलब्धता बनाए रखने के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) लगाने के साथ करीब 5 महीने (8 दिसंबर 2023 से 3 मई 2024) तक एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी। इस दौरान देशभर में प्याज की कीमतों में करीब 39% की गिरावट आई है, जबकि रिटेल प्राइस में पिछले एक महीने में 10% की कमी आई है। इस वित्त वर्ष में 11.65LMT प्याज का निर्यात हुआ उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, इन निर्यात प्रतिबंधों के बावजूद वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान प्याज का कुल निर्यात 17.17 लाख मीट्रिक टन (LMT) रहा। जबकि, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 18 मार्च 2025 तक 11.65LMT प्याज का निर्यात हो चुका है। मंथली बेसिस पर एक्सपोर्ट की बात तो सितंबर-2024 में 72 हजार टन प्याज एक्सपोर्ट किया गया, जो जनवरी 2025 में बढ़कर 1.85 LMT हो गया है। प्याज की आवक बढ़ने से गिर रहे दाम लासलगांव और पिंपलगांव जैसे प्रमुख बाजारों में प्याज की आवक बढ़ गई है। इससे कीमतों में और गिरावट देखने को मिल रही है। 21 मार्च 2025 को लासलगांव और पिंपलगांव मंडियों में प्याज के दाम 1330 रुपए प्रति क्विंटल और 1325 रुपए प्रति क्विंटल रहे। सरकारी अनुमान के अनुसार, इस वर्ष रबी प्याज का उत्पादन 227LMT रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 192LMT से 18% ज्यादा है। रबी प्याज भारत के कुल उत्पादन का 70-75% हिस्सा होता है और इसकी अच्छी फसल अगले खरीफ सीजन (अक्टूबर/नवंबर) तक कीमतों को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। इस बढ़े हुए उत्पादन से आने वाले महीनों में प्याज की कीमतों में और राहत मिलने की उम्मीद है। महाराष्ट्र में होता है सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन

किसान बिना एक्सपोर्ट ड्यूटी के प्याज विदेश भेज सकेंगे
नवीनतम जानकारी: एक्सपोर्ट ड्यूटी में बदलाव
किसानों के लिए खुशखबरी है! केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल से प्याज पर लगने वाली 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी समाप्त कर दी जाएगी। यह कदम किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत के रूप में सामने आया है, जो पिछले पांच महीनों से इस टैक्स का सामना कर रहे थे। इससे किसानों को अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहतर कीमतों पर बेचने का अवसर मिलेगा।
प्याज के दामों में गिरावट
हालांकि, पिछले एक महीने में प्याज के दामों में 10% की गिरावट आई है, जो किसान समुदाय के लिए एक बड़ा चिंता का विषय बन गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और घरेलू मांग में कमी के कारण कई किसान अपने उत्पादों को उचित मूल्य पर बेचने में समस्या का सामना कर रहे हैं। इस नई नीति के लागू होने से संभावना है कि दामों में सुधार होगा, जिससे किसानों को अपने निवेश का उचित प्रतिफल मिल सकेगा।
कृषि मंत्रालय की योजना
कृषि मंत्रालय किसानों की भलाई के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि प्याज उत्पादन के साथ जुड़े सभी क्षेत्रों में प्रगति हो। इसके साथ ही, किसानों को निर्यात करने के लिए आवश्यक सहायता और जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पहल करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके माध्यम से, किसानों को बिना ड्यूटी के प्याज को विदेश भेजने की अनुमति मिलेगी, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होगा।
उदाहरण और संभावनाएं
यह निर्णय प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए एक नई दिशा प्रदान करता है। जब प्याज का निर्यात बिना किसी बाधा के किया जाएगा, तो किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकता है। इसका सीधा लाभ कृषि क्षेत्र को होगा, और यह किसानों की आय में भी सुधार ला सकता है।
कुल मिलाकर, यह फैसला किसानों के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। उम्मीद की जा रही है कि कृषि मंत्रालय की योजना के तहत जल्द ही और उपाय भी किए जाएंगे, ताकि किसानों को उनके उत्पादों का अधिकतम लाभ मिल सके।
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