शिमला NLU में 43 कर्मचारियों की छंटनी का विरोध:हाईवे से विश्वविद्यालय तक निकाली रैली, सुरक्षा कर्मियों से धक्का मुक्की
हिमाचल प्रदेश के शिमला में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय(NLU) घन्डल शिमला में 43 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में आज सीटू के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन हुआ। कर्मचारियों ने नेशनल हाईवे से विश्वविद्यालय तक रैली निकाली, जहां सुरक्षाकर्मियों से उनकी धक्का-मुक्की हो गई। कर्मचारियों ने 2 घंटे तक दिया धरना आक्रोशित कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर दो घंटे तक धरना दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सीटू के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में कर्मचारियों ने लगाया कि कानून की शिक्षा देने वाला संस्थान खुद कानून का उल्लंघन कर रहा है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इन कर्मचारियों से सफाई, सुरक्षा, हॉस्टल अटेंडेंट, ड्राइवर, कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन और प्लम्बर जैसे कार्य लिए जाते थे। सीटू प्रदेशाध्यक्ष ने दी चेतावनी उन्होंने कहा कि 12 घंटे काम करवाया जाता था, लेकिन न तो केंद्र सरकार के नियमानुसार न्यूनतम वेतन मिलता था और न ही ओवरटाइम का भुगतान किया जाता था। सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंदर मेहरा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को तुरंत बहाल नहीं किया गया, तो 3 फरवरी से आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा, बालक राम, विवेक कश्यप समेत बड़ी संख्या में NLU के कर्मचारी मौजूद रहे।

शिमला NLU में 43 कर्मचारियों की छंटनी का विरोध
शिमला स्थित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLU) में कर्मचारियों की छंटनी को लेकर समय-समय पर विवाद उठते रहते हैं। हाल ही में, 43 कर्मचारियों की छंटनी का विरोध करते हुए छात्रों और कर्मचारियों ने हाईवे से विश्वविद्यालय तक रैली निकाली। इस दौरान, सुरक्षा कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की की खबरें भी आई हैं। यह घटना विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और छात्रों के बीच असंतोष और असहमति को उजागर करती है।
धक्का मुक्की और तनाव का माहौल
रैली शुरू होते ही विश्वविद्यालय के गेट पर सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिससे तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे और मामले में अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की। छात्रों का कहना है कि इस छंटनी का फैसला अचानक और बिना पूर्व जानकारी के लिया गया है, जिससे कई परिवारों पर संकट आ गया है।
प्रदर्शन के पीछे का कारण
इस छंटनी के पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन का तर्क है कि आर्थिक स्थिरता बनाए रखने की जरूरत है। हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि नई नियुक्तियों के अभाव में इन्हें व्यक्तिगत कारणों से हटाया गया है। नतीजतन, विश्वविद्यालय की कार्यक्षमता और संसाधनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
जन जागरूकता और आगे की योजना
छात्रों और कर्मचारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि वो इस मुद्दे को लेकर और अधिक जागरूकता फैलाने का प्रयास करेंगे। रैली के जरिए उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को उम्मीद जताई है कि वह उनकी बातों को सुनेंगे और उचित निर्णय करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने न केवल प्रशासन से संवाद स्थापित करने, बल्कि निकट भविष्य में और भी रैलियां आयोजित करने की योजना बनाई है।
इस प्रकरण पर नज़र रखते हुए यह स्पष्ट हो रहा है कि छंटनी का मुद्दा शिमला NLU में समुदाय के भीतर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। विश्वविद्यालय में शांति और समरसता बनाए रखने के लिए संवाद और समझदारी की आवश्यकता है।
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