सनातन हिंदू महासभा के बैनर तले होगी राणा सांगा जयंती:आंवलखेड़ा-मुड़ी चौराहा नहीं, गढ़ी रामी में ही होगा सम्मेलन, क्षत्रिय सभा पीछे हटी

12 अप्रैल को राणा सांगा की जयंती पर होने वाला कार्यक्रम न करणी सेना और न ही क्षत्रिय सभा के बैनर तले होगा। यह सम्मेलन अब सनातन हिंदू महासभा के झंडे के नीचे होगा। कार्यक्रम के लिए करणी सेना के आवेदन पर अनुमति न मिलने के बाद क्षत्रिय सभा आगे बढ़ी थी लेकिन दो जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद उसने भी अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। क्षत्रिय सभा अब इसी कार्यक्रम में शामिल होगी। उसकी ओर से इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील भी की गई है। वीर योद्धा राणा सांगा की जयंती पर गढ़ी रामी में प्रस्तावित रक्त स्वाभिमान सम्मेलन की अनुमति के लिए अब सनातन हिंदू महासभा आई है। करणी सेना के नाम से अनुमति न मिलने के बाद नये नाम से आवेदन हुआ है। संभावना है कि आयोजन की अनुमति मिल सकती है। करणी सेना गढ़ी रामी के लिए अड़ी बता दें कि 12 अप्रैल को वीर योद्धा राणा सांगा की जयंती पर रक्त स्वाभिमान सम्मेलन का ऐलान हुआ था। आयोजन के लिए करणी सेना ने पुलिस-प्रशासन से आयोजन की अनुमति मांगी थी। पुलिस अनुमति देने को तैयार नहीं थी। अधिकारियों की लगातार बैठक हो रहीं थीं। कार्यक्रम में इकट्ठी होने वाली भीड़ का कोई अंदेशा नहीं था। पुलिस खेरागढ़ मंडी समिति में आयोजन की बोल रही थी। लेकिन, वे गढी रामी पर आयोजन पर अडिंग थे। क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत भी आगरा में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने हर हाल में आयोजन होने का दावा किया है। अब हिंदू महासभा ने महाराणा प्रताप 12 अप्रैल को राणा सांगा जयंती के नाम पर अनुमति के लिए आवेदन किया है। क्षत्रिय सभा ने यहां के लिए मांगी थी अनुमति इससे पहले क्षत्रिय सभा की ओर से मुड़ी चौराहा या आंवलखेड़ा में कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी गई थी। इधर, करणी सेना ने भी ऐलान कर दिया था कि कार्यक्रम होगा तो रामी गढ़ी में ही होगा। बताया जा रहा है कि इस पर दो जनप्रतिनिधियों ने बीच का रास्ता निकालते हुए सनातन हिंदू महासभा को आगे कर दिया है। अब उसी के बैनर तले यह आयोजन होगा। क्षत्रिय सभा के पूर्व अध्यक्ष भंवर सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे 12 अप्रैल को अधिक से अधिक संख्या में गढ़ी रामी पहुंचे। यहां पर राणा सांगा की जयंती पर होने वाले कार्यक्रम में अपनी सहभागिता निभाएं। उन्होंने बताया कि क्षत्रिय सभा भी इस कार्यक्रम में पूरे उत्साह से शामिल होगी। बता दें कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन के बयान के बाद से राणा सांगा को लेकर विवाद बढ़ा हुआ है। जानिये सपा सांसद ने क्या बयान दिया था सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने 22 मार्च को राज्यसभा में कहा- भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है तो फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की नहीं। देश की आजादी की लड़ाई में इन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की थी। हिंदुस्तान का मुसलमान बाबर को अपना आदर्श नहीं मानता है। वो मोहम्मद साहब और सूफी परंपरा को आदर्श मानता है।

Apr 9, 2025 - 18:59
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सनातन हिंदू महासभा के बैनर तले होगी राणा सांगा जयंती:आंवलखेड़ा-मुड़ी चौराहा नहीं, गढ़ी रामी में ही होगा सम्मेलन, क्षत्रिय सभा पीछे हटी
12 अप्रैल को राणा सांगा की जयंती पर होने वाला कार्यक्रम न करणी सेना और न ही क्षत्रिय सभा के बैनर तले

सनातन हिंदू महासभा के बैनर तले होगी राणा सांगा जयंती

राणा सांगा की जयंती को मनाने के लिए इस बार सनातन हिंदू महासभा ने एक महत्वपूर्ण आयोजन की योजना बनाई है। यह आयोजन गढ़ी रामी में आयोजित होगा, जबकि पहले आंवलखेड़ा-मुड़ी चौराहा में इसे आयोजित करने की सोच थी। जनसामान्य और क्षत्रिय समाज के लिए यह एक विशेष अवसर होगा जिसमें राणा सांगा की वीरता और उनके योगदान को याद किया जाएगा।

सम्मेलन की तैयारी

सनातन हिंदू महासभा इस मौके पर एक भव्य सम्मेलन का आयोजन कर रही है। राणा सांगा के इतिहास पर चर्चा करने के लिए विभिन्न विद्वानों और इतिहासकारों को आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम न केवल राणा सांगा को याद करने का एक माध्यम होगा, बल्कि हिन्दू संस्कृति को भी पुनः सक्रिय करने का प्रयास होगा।

क्षत्रिय सभा का निर्णय

इस आयोजन से जुड़े सभी पहलुओं में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा गया है। क्षत्रिय सभा ने सम्मेलन में पीछे हटने का निर्णय लिया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि आयोजन अब अकेले सनातन हिंदू महासभा के द्वारा किया जाएगा, जिससे इसमें अधिक एकता और स्पष्टता आने की संभावना है।

समारोह का महत्व

राणा सांगा का बलिदान और उनका कर्मठता भारतीय इतिहास में अमिट है। इस समारोह का उद्देश्य युवा पीढ़ी को राणा सांगा के जीवन की प्रेरणाओं से अवगत कराना और उन्हें अपने इतिहास पर गर्व महसूस कराना है। समारोह में प्रदर्शन, नृत्य, और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल होंगे, जो कि उपस्थित लोगों को आकर्षित करने के लिए तैयार किए जा रहे हैं।

इस आयोजन की खूबसूरती इसी बात में है कि यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक संदेश है कि हम अपने इतिहास को कभी नहीं भूले और अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजे रहें।

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