सरकार ने SEBI चीफ के लिए आवेदन निकाला:पहली महिला चीफ माधबी बुच 28 फरवरी को रिटायर हो रहीं, विवादों के चलते चर्चा में रहीं
स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ माधबी पुरी बुच का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है। ऐसे में वित्त मंत्रालय ने नए चेयरमैन की नियुक्ति के लिए एप्लिकेशन मांगा है। बुच का कार्यकाल 3 साल का था। उन्होंने 2 मार्च 2022 को अजय त्यागी की जगह ली थी। बुच 2017 से 2022 तक SEBI में होल-टाइम मेंबर थीं। माधबी पुरी बुच अपने सख्त स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। नए सेबी चीफ को ₹5,62,500 सैलरी मिलेगी अगले सेबी चीफ का कार्यकाल मैक्सिमम 5 साल या 65 साल की उम्र तक का होगा। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार के सेक्रेटरी के बराबर सैलरी और बाकी सुविधाएं मिलेंगी या बिना कार और घर के 5,62,500 रुपए हर महीने सैलरी मिलेगी। ICICI बैंक से शुरू किया था करियर बुच ने अपना करियर 1989 में ICICI बैंक से शुरू किया था। 2007 से 2009 तक ICICI बैंक में एग्जीक्युटिव डायरेक्ट थीं। वे फरवरी 2009 से मई 2011 तक ICICI सिक्योरिटीज की मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO थीं। 2011 में सिंगापुर चली गईं और वहां उन्होंने ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में काम किया। सख्त स्वभाव के लिए जानी जाती हैं वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद से MBA की डिग्री हासिल कीं। उसके पहले दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से उन्होंने प़ढ़ाई की थी। वित्तमंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में इस पद के लिए आवेदन मंगाया था जिसे भेजने की अंतिम तारीख 6 दिसंबर थी। माधबी के पास फाइनेंशियल सेक्टर में 30 सालों का लंबा अनुभव है और वे सेबी की तमाम कमेटियों में पहले भी रह चुकी हैं। वे अभी इसकी एडवाइजरी कमिटी में भी थीं। सेबी चीफ पर लगे बड़े आरोप... हिंडनबर्ग का आरोप- अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में SEBI चीफ की हिस्सेदारी सेबी चीफ रहते तीन जगहों से सैलरी लेने का आरोप -------------------------------------------------- सेबी चीफ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट, सेबी चीफ पर आरोप:माधबी पुरी बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर एंटिटीज में थी हिस्सेदारी अडाणी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट के लिए जानी जाने वाली फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) की चीफ माधबी पुरी बुच पर आरोप लगाए हैं। अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी चीफ के पास अडाणी ग्रुप के जरिए पैसों की हेराफेरी स्कैंडल में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... हिंडनबर्ग का SEBI चीफ पर आरोप:माधबी बुच की उसी विदेशी फंड में हिस्सेदारी, जिसमें अडाणी का निवेश; बुच बोलीं- हमारी जिंदगी खुली किताब अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने शनिवार को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। बुच ने इन आरोपों को "निराधार" और "चरित्र हनन" का प्रयास बताया है। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, 'हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।' पुरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... SEBI चीफ पर 3 जगह से लाभ लेने का आरोप:कांग्रेस बोली- ICICI से ₹16.80 करोड़ सैलरी ली; बैंक ने कहा- सिर्फ रिटायरमेंट बेनिफिट्स लिए सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ माधबी पुरी बुच कांग्रेस के निशाने पर हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माधवी पर SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप लगाया। खेड़ा ने कहा, 'माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं। फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं। SEBI की चेयरपर्सन को नियुक्त करने वाली कैबिनेट में PM मोदी और अमित शाह शामिल हैं।' पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की नई चीफ की नियुक्ति
भारत सरकार ने हाल ही में SEBI के नए अध्यक्ष के लिए आवेदन मंगवाने की प्रक्रिया शुरू की है। यह महत्वपूर्ण कदम तब उठाया गया है जब वर्तमान अध्यक्ष माधबी बुच, जो SEBI की पहली महिला अध्यक्ष हैं, 28 फरवरी 2024 को अपने पद से रिटायर होने वाली हैं। उनके कार्यकाल के दौरान कई विवादों ने उन्हें चर्चा में रखा है, जिसने न केवल वित्तीय बाजारों में बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल पैदा की है।
माधबी बुच का कार्यकाल और विवाद
माधबी बुच ने अपनी नियुक्ति के बाद से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कुछ विवादों का भी सामना किया है। उनकी नेतृत्व क्षमता और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर प्रश्न उठाए गए हैं। उनका मानना है कि SEBI को निवेशकों की सुरक्षा और विनियमन को प्राथमिकता देनी चाहिए। हालाँकि, उनके कुछ निर्णयों को लेकर विभिन्न पक्षों से आलोचना भी हुई है।
नई अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया
सरकार ने SEBI की नई अध्यक्ष की नियुक्ति हेतु प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्णय लिया है। संभावित उम्मीदवारों में प्रख्यात वित्तीय विशेषज्ञ और पूर्व सरकारी अधिकारी शामिल हो सकते हैं। इस पद के लिए आवेदन प्रक्रिया खुली है और विभिन्न क्षेत्र के अनुभवी पेशेवर इस अवसर को लेकर उत्सुक हैं।
अंतिम तिथि और अपेक्षाएँ
आवेदन भेजने की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2024 है। नई पदधारी को उच्चतम मानकों पर कार्य करने की क्षमता रखनी होगी और भारतीय वित्तीय बाजारों की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। इस दौरान, उम्मीद की जा रही है कि सरकार नवीनतम प्रौद्योगिकी और प्रणाली में सुधार के लिए भी समर्पित होगी।
निष्कर्ष
माधबी बुच का कार्यकाल न केवल ऐतिहासिक था बल्कि उनकी विदाई के साथ SEBI के लिए एक नए युग की शुरुआत भी होने जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नई अध्यक्ष कौन होंगी और वे किस प्रकार के बदलाव लाएंगी। इस संबंध में अपडेट्स के लिए, जाकर देखें indiatwoday.com। Keywords: SEBI अध्यक्ष, माधबी बुच, SEBI चीफ रिटायरमेंट, SEBI आवेदन प्रक्रिया, माधबी बुच विवाद, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, नई SEBI अध्यक्ष, वित्तीय बाजार में बदलाव, सरकार SEBI चयन प्रक्रिया.
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