सेंट्रल मार्केट व्यापारियों को आवास विकास ने भेजे नोटिस:कोर्ट की छुटि्टयों के कारण व्यापारी नहीं कर पा रहे अपील
मेरठ के सेंट्रल मार्केट के 10 भवन स्वामियों को आवास विकास ने नोटिस सर्व किए हैं। आवास विकास की तरफ से इन स्वामियों को जल्द से जल्द बिल्डिंग खाली करने को कहा गया है। ताकि 3 महीने का वक्त पूरा होने के बाद आवास विकास इमारत गिरा सके। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल मार्केट के भवनों को 3 महीने के भीतर गिराने के आदेश दिए हैं। ये वो भवन हैं जो आवासीय इलाके में बने हैं और इनको कमर्शियलाइज तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं इस वक्त कोर्ट में विंटर हॉलिडे चल रहा है इसके कारण व्यापारी पुन:विचार याचिका दाखिल नहीं कर पा रहे। ताकि सुप्रीम कोर्ट एक बार पुन: अपने इस निर्णय पर विचार करे और व्यापारियों के हित में बीच का रास्ता निकाले। ताकि 20 साल से ज्यादा पुराना ये बाजार ध्वस्तीकरण से बच सके। 90 दिन का मिला है आवास विकास को समय मेरठ में सिटी ऑफ हार्ट कहे जाने वाले सेंट्रल मार्केट ध्वस्त होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 90 दिन में आवास विकास बाजार के एक भूखंड 661/6 पर बुलडोजर चलाए। इसके साथ ही अन्य 867 दुकानें जहां आवासीय भूमि को कॉमर्शियल यूज किया जा रहा है, उनके ध्वस्तीकरण की तैयारी करें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से बाजार में खलबली मची है। इस आदेश से 2 हजार परिवारों पर असर पड़ेगा। दैनिक भास्कर से व्यापारियों ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मर्सी पिटीशन डालने जा रहे हैं। साथ ही सरकार से रहम की अपील करेंगे। वहीं व्यापारियों ने आवास विकास को दोषी बताते हुए कहा कि अफसरों की शह और भ्रष्टाचार के कारण ये बाजार बना, व्यापारी ने दुकान बनाने के लिए पैसे दिए और अब व्यापारी ही संकट में है। अफसरों ने ये कहा आवास विकास के एक्सईएन राजीव कुमार ने बताया कि कोर्ट का आदेश हमें मिल चुका है। हमें 90 दिनों का वक्त मिला है। इसके बाद बाजार ध्वस्त करना है। नियमानुसार दुकानदारों को नोटिस दिया गया है ताकि वो भवन खाली कर दें इसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी।

सेंट्रल मार्केट व्यापारियों को आवास विकास ने भेजे नोटिस
हाल ही में, आवास विकास द्वारा सेंट्रल मार्केट व्यापारियों को नोटिस भेजा गया है। इन नोटिसों का मुख्य कारण यह है कि व्यापारियों ने संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं को समय पर पूरा नहीं किया है। हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि कोर्ट की छुट्टियों के कारण उन्हें अपील करने का मौका नहीं मिला है। यह स्थिति व्यापारियों के लिए बेहद चिंताजनक है, क्योंकि इससे उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
कोर्ट की छुट्टियों का प्रभाव
कई व्यापारियों ने दावा किया है कि कोर्ट की छुट्टियों के चलते उन्होंने आवश्यक कार्यवाही को नहीं कर पाए। न्यायिक प्रक्रिया में देरी के कारण उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि उन्हें उचित अवसर दिया जाना चाहिए था ताकि वे अपनी अपील प्रस्तुत कर सकें।
व्यापारियों की प्रतिक्रिया
व्यापारियों की एक बड़ी संख्या ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए अपना असंतोष व्यक्त किया है। कुछ व्यापारियों ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि उन्हें न्याय मिलने तक नोटिस पर रोक लगाई जाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी व्यापारियों को अपने अधिकारों की रक्षा करने का ठीक अवसर मिले।
भविष्य की पेशकशें
इस स्थिति का समाधान खोजने के लिए व्यापारियों और आवास विकास के बीच बातचीत होने की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि दोनों पक्षों के बीच एक सकारात्मक चर्चा होगा, जिससे व्यापारियों की समस्याओं को हल किया जा सके।
निष्कर्षतः, सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों को न्याय पाने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। आवास विकास को भी व्यापारियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कदम उठाने की आवश्यकता है।
News by indiatwoday.com
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