सोनभद्र में दलित प्रत्याशी का पर्चा खारिज:ग्राम प्रधान उपचुनाव में गड़बड़ी का आरोप, ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

सोनभद्र के चतरा ब्लॉक स्थित डोमरिया गांव में 19 फरवरी को होने वाले ग्राम प्रधान उपचुनाव को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्रत्याशी अजय कुमार ने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने अनुसूचित जाति कोटे से ग्राम प्रधान पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन अधिकारियों ने गलत तरीके से उनका पर्चा खारिज कर दिया। इस घटना के विरोध में दर्जनों ग्रामीण ब्लॉक कार्यालय पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने डायल 112 को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी को पन्नूगंज थाने भेज दिया। थाने में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद प्रत्याशी का नामांकन पत्र बहाल नहीं किया गया। यह उपचुनाव डोमरिया गांव के वर्तमान प्रधान की मृत्यु के बाद कराया जा रहा है। जहां एक ओर जिला प्रशासन उपचुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रत्याशी अजय कुमार का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया से बाहर किया गया है।

Feb 8, 2025 - 21:59
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सोनभद्र में दलित प्रत्याशी का पर्चा खारिज:ग्राम प्रधान उपचुनाव में गड़बड़ी का आरोप, ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
सोनभद्र के चतरा ब्लॉक स्थित डोमरिया गांव में 19 फरवरी को होने वाले ग्राम प्रधान उपचुनाव को लेकर वि
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सोनभद्र के ग्राम प्रधान उपचुनाव में विवाद

सोनभद्र जिले में हाल ही में हुए ग्राम प्रधान उपचुनाव के दौरान एक दलित प्रत्याशी का पर्चा खारिज होने से स्थानीय ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखने को मिली है। यह घटनाक्रम चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का संकेत देती है। ग्रामीणों का आरोप है कि चुनावी अधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे निष्पक्ष चुनाव होने में बाधा उत्पन्न हो रही है।

गड़बड़ी के आरोप और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

ग्राम प्रधान चुनाव में दलित प्रत्याशी का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया, जिससे समुदाय में असंतोष फैल गया। ग्रामीणों ने भावनात्मक तौर पर इस मुद्दे को उठाया और प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यह निर्णय जातिगत भेदभाव का परिणाम है, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन करता है।

चुनाव प्रक्रिया की स्थिति

इस घटना ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। दूसरे दलों के प्रत्याशियों ने भी इस मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया है और चुनावी प्रक्रिया में सुधार की मांग की है। कई संगठनों ने सरकार से अपील की है कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और दलित प्रत्याशी को न्याय प्रदान करें।

अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया

यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। मीडिया में इस पर चर्चा हो रही है कि कैसे चुनावी प्रक्रिया में सुधार लाया जा सकता है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।

निष्कर्ष

सोनभद्र में दलित प्रत्याशी का पर्चा खारिज होना एक गंभीर मामला है, जो चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। ग्रामीणों की नाराजगी इस बात को दर्शाती है कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं और उच्च अधिकारियों से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। इस मामले में आगे की कार्रवाई देखने के लिए सभी की निगाहें प्रशासन पर हैं। Keywords: सोनभद्र, दलित प्रत्याशी, पर्चा खारिज, ग्राम प्रधान उपचुनाव, गड़बड़ी, ग्रामीण नाराजगी, चुनावी प्रक्रिया, दलित अधिकार, प्रशासनिक कार्रवाई, चुनाव आयोग, जातिगत भेदभाव, चुनावी सुधार

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