स्कूल से गौशाला शिफ्टिंग के दौरान एक गाय की मौत:कई पशु घायल, 4 दिन से नहीं हुआ इलाज, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
सीतापुर के रेउसा विकासखंड में गौवंशों की दयनीय स्थिति का मामला सामने आया है। रंडाकोडर ग्रामसभा में 8 जनवरी को ग्रामीणों ने फसलों के नुकसान से परेशान होकर दर्जनों आवारा गौवंशों को प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया था। जब प्रशासन को इसकी जानकारी मिली, तो ब्लॉक रेउसा के कर्मचारियों ने गौवंशों को गौशाला भेजने की कार्रवाई शुरू की। लेकिन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लादते समय उचित व्यवस्था न होने के कारण कई गौवंश गंभीर रूप से घायल हो गए। भगदड़ में एक गाय की मौत हो गई, जिसका शव अभी भी सड़क किनारे पड़ा है। एक सांड़ भी विद्यालय में गंभीर चोटों के कारण मृत्यु के करीब है। स्थिति की गंभीरता यह है कि घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से न तो घायल गौवंशों के इलाज की व्यवस्था की गई और न ही मृत पशुओं के अंतिम संस्कार का प्रबंध किया गया। ग्रामीणों ने प्रशासन की इस लापरवाही पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है।

स्कूल से गौशाला शिफ्टिंग के दौरान एक गाय की मौत
हाल ही में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां स्कूल से गौशाला शिफ्टिंग के दौरान एक गाय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना के दौरान कई अन्य पशु भी घायल हो गए हैं। चार दिन बीत जाने के बाद भी इन घायल पशुओं का कोई इलाज नहीं किया गया, जिसके चलते स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
घटना का विवरण
स्थानीय निवासियों के अनुसार, गौशाला में पशुओं की सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी, जिससे यह घटना घटित हुई। घायल पशुओं के लिए उचित उपचार न मिलने के कारण उनकी स्थिति में और भी बिगड़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि प्रशासन के पास इन समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन समय पर कार्रवाई करता तो शायद यह दुखद घटना न होती। कई निवासियों ने कहा है कि पशुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
प्रशासन की भूमिका
प्रशासन की तरफ से इस मामले में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि आखिर प्रशासन ने इस लापरवाही के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं। स्थानीय शासन को चाहिए कि वह तुरंत सुधारात्मक उपाय करें ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
गायों और अन्य पशुओं की देखभाल करना एक सामाजिक जिम्मेदारी है। यह आवश्यक है कि सभी संबंधित संस्थाएं मिलकर काम करें ताकि कोई भी पशु बिना देखभाल के न रह जाए। असमय मौतों और घायल पशुओं की संख्या को कम करने के लिए जागरूकता फैलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस घटना पर प्रतिबंध लगाने के लिए सभी संबंधित पक्षों से अपील की जा रही है कि वह मिलकर काम करें और सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। सही उपचार और सुरक्षा उपाय अपनाने से ही हम अपने पशुधन को सुरक्षित रख सकते हैं।
अंत में, यह उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई करेगा। साथ ही सभी पशुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी।
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