हमीरपुर में बच्ची को बहरेपन से मिला छुटकारा:द्विपक्षीय कॉकलियर इंप्लांट सफल, डॉ. मुनीश सरोच की टीम ने की सर्जरी
हमीरपुर की जन्मजात बहरेपन से पीड़ित बच्ची नियति कटोच के जीवन में एक नई उम्मीद जगी है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज टांडा में इस बच्ची की द्विपक्षीय कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुई। यह सर्जरी बाल चिकित्सा श्रवण बहाली के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। ईएनटी विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. मुनीश सरोच के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम ने यह जटिल सर्जरी की। इस प्रक्रिया में बच्ची के दोनों कानों में कर्णावर्त उपकरण प्रत्यारोपित किए गए। चिकित्सकों का मानना है कि इस सर्जरी से बच्ची की श्रवण क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिससे उसके संचार कौशल में भी वृद्धि होगी और जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी। यह सफलता चिकित्सा क्षेत्र में हुई तकनीकी प्रगति का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो जन्मजात बहरेपन से पीड़ित बच्चों को सामान्य जीवन जीने का अवसर प्रदान करती है। मेडिकल टीम ने इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भविष्य में भी जरूरतमंद बच्चों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

हमीरपुर में बच्ची को बहरेपन से मिला छुटकारा: द्विपक्षीय कॉकलियर इंप्लांट सफल
हमीरपुर में एक नई उम्मीद की किरण के तहत, एक बच्ची को बहरेपन से छुटकारा मिलने की शानदार सफलता मिली है। यह सफलता डॉ. मुनीश सरोच की विशेषज्ञ टीम द्वारा किए गए द्विपक्षीय कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के फलस्वरूप हुई। इस सर्जरी ने न केवल बच्ची के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया बल्कि उसके परिवार के लिए भी खुशी का कारण बना।
सर्जरी की प्रक्रिया
द्विपक्षीय कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें सुनने की क्षमता बहाल करने के लिए कान के अंदर इलेक्ट्रोड इम्प्लांट किए जाते हैं। डॉ. मुनीश सरोच की अनुभवी टीम ने सर्जरी को बहुत सावधानी से अंजाम दिया, जिसमें उच्चतम मानकों की चिकित्सा तकनीक का उपयोग किया गया। इस करामाती प्रक्रिया के दौरान पहले से मौजूद तकनीकी चुनौतियों को पार करते हुए सफलता हासिल की गई।
बच्ची का स्वास्थ्य और रिकवरी
सर्जरी के बाद, बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति में तेजी से सुधार हुआ। चिकित्सकीय टीम ने ध्यानपूर्वक उसकी देखभाल की और उसकी रिकवरी प्रक्रिया को मानीटर किया। सर्जरी के कुछ ही दिनों के भीतर, बच्ची ने सुनने में सुधार दिखाया और यह उसके परिवार के लिए एक सुखद अनुभव था।
परिवार की प्रतिक्रिया
बच्ची के माता-पिता ने डॉक्टरों और मेडिकल टीम का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को सुनने की क्षमता लौटाने वाला यह कदम उनके परिवार के जीवन में निर्णायक था। इस प्रकार की सफल सर्जरी ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में नई उम्मीदें जगी हैं, बल्कि ऐसी समस्याओं का समाधान करती है जो लोगों के लिए चुनौती बन सकती हैं।
समापन विचार
हमीरपुर में हुई इस सफल कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी ने यह साबित कर दिया है कि चिकित्सा विज्ञान में अविश्वसनीय प्रगति हो रही है। इस तरह की सफलताओं से हमें विश्वास होता है कि सुनने में समस्याओं से जूझ रहे लोग भी एक सामान्य जीवन जी सकते हैं। हम सभी को मिलकर चिकित्सा क्षेत्र के इस नए युग का स्वागत करना चाहिए।
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