हिमाचल कांग्रेस की गुटबाजी से संगठन में फंसा पेंच:हाईकमान 5 महीने से कार्यकारिणी नहीं बना पाया; CM जल्द संगठन बनाने की रखेंगे मांग
अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में राहुल गांधी ने बेशक संगठन की मजबूती का पाठ पढ़ाया है। मगर हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पास पांच महीने से भी ज्यादा समय से संगठन नहीं है। जिस प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, वहां पार्टी के पास इकलौती पदाधिकारी प्रतिभा सिंह हैं। धरातल पर काम करने के लिए कांग्रेस के पास कोई संगठन नहीं है। बीते साल 6 नवंबर से पार्टी की सभी एक्टिविटी बंद पड़ी है। कांग्रेस वर्कर मायूस हैं। कांग्रेस कार्यालय में पांच माह से लेकर सन्नाटा पसरा है। दिल्ली से जो भी नेता हिमाचल आता है, वह 15-20 दिन में संगठन बनाने का दावा करके दिल्ली लौट जाता है। रजनी पाटिल का 15 दिन में संगठन बनाने का दावा झूठा आखिरी बार बीते 1 मार्च को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल भी 15 दिन में संगठन बनाने का दावा करके दिल्ली लौटी थीं। मगर एक महीने 10 दिन बीतने के बाद भी संगठन नहीं बना। इससे पहले सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन भी दिसंबर में 15 दिन के भीतर कार्यकारिणी बनाने की बात कहकर दिल्ली लौटे थे। गुटबाजी की वजह से नहीं बन रहा कांग्रेस संगठन सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की गुटबाजी की वजह से हाईकमान संगठन पर फैसला नहीं ले पा रहा। मुख्यमंत्री सुक्खू अपने गुट के लोगों को राज्य, जिला और ब्लाक स्तर के संगठन में बैठाना चाहते हैं, जबकि होली गुट अपने लोगों की ताजपोशी बड़े पदों पर चाह रहा है। वहीं बीते साल नवंबर-दिसंबर में हिमाचल भेजे गए ऑब्जर्वर की राय बिल्कुल अलग है और आब्जर्वरों ने संगठनों में सालों से निष्ठा से काम करने वालों को प्रतिनिधित्व देने की हाईकमान से सिफारिश की है। इस वजह से कांग्रेस हाईकमान उलझन में है। प्रदेश में इस साल के आखिर में पंचायतीराज और शहरी निकाय के चुनाव होने हैं। बीजेपी अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। मगर कांग्रेस संगठन नहीं होने की वजह से पिछड़ गई है। 6 नवंबर 2024 को भंग की सभी कार्यकारिणी बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते साल 6 नवंबर को हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी भंग कर दी थी। इसके बाद कांग्रेस के पास संगठन नहीं है। सीएम सुक्खू आज दिल्ली लौटेंगे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज गुजरात के अहमदाबाद से दिल्ली लौटेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, कई कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता भी आज दिल्ली लौट आएंगे। सीएम सुक्खू आज शाम को दिल्ली में ही रुकेंगे। रजनी पाटिल से कर सकते हैं मीटिंग दिल्ली में शाम के वक्त सीएम की पार्टी की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल से दिल्ली में मुलाकात संभव है। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस संगठन को लेकर उनसे चर्चा हो सकती है। प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री भी रजनी पाटिल से संगठन को लेकर मीटिंग कर सकते हैं।

हिमाचल कांग्रेस की गुटबाजी से संगठन में फंसा पेंच
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में पार्टी की गुटबाजी ने संगठनात्मक ढांचे में बाधाएं उत्पन्न की हैं और हाईकमान पिछले 5 महीनों से कार्यकारिणी नहीं बना पा रहा है। इस स्थिति ने पार्टी के सदस्यों और कार्यकर्ताओं के बीच तनाव बढ़ा दिया है।
कांग्रेस हाईकमान की चुनौतियाँ
हाईकमान के लिए यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि इससे रणनीतिक निर्णय लेने में अड़चनें आ रही हैं। कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि उन्हें जल्द ही संगठनात्मक ढांचा बनाने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, नेतृत्व को पार्टी के अंदर स्थिरता लौटाने और कार्यकर्ताओं के बीच एकता बनाने के लिए सक्रिय प्रयास करने की जरूरत है।
CM के संगठनों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री की अगुवाई में संगठन को मजबूत करने की दिशा में ठोस योजनाएँ बनानी होंगी। कार्यकर्ताओं की राय को सुना जाना चाहिए और गुटबाजी के कारण उत्पन्न समस्याओं का समाधान खोजना आवश्यक है। यदि यह प्रक्रिया सफल नहीं होती है, तो पार्टी के चुनावी संदर्भ में चुनौती बढ़ सकती है।
भविष्य की दिशा
भविष्य में, कांग्रेस को एकजुट होकर आगे बढ़ने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता होगी। सीएम जल्द ही संगठन बनाने की मांग करेंगे, जिससे कार्यकर्ताओं के बीच एक नयी ऊर्जा और उमंग का संचार होगा। अगर पार्टी अपने आंतरिक मुद्दों को सुलझाने में सफल रहती है, तो यह आगामी चुनावों में सफलतापूर्वक मुकाबला कर सकती है।
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