हिमाचल कांग्रेस में पाटिल के दौरे से सियासी हलचल:कल आएंगी शिमला, सीनियर नेताओं से करेंगी चर्चा, कुछ जिलाध्यक्षों की कर सकती हैं घोषणा
हिमाचल कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल कल शिमला पहुंच रही हैं। पाटिल के प्रस्तावित दौरे से हिमाचल कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। शिमला दौरे के दौरान रजनी पाटिल कुछ जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर सकती हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस साढ़े 5 महीने से बिना संगठन के है। कांग्रेस नेताओं में गुटबाजी की वजह से पार्टी हाईकमान नया संगठन नहीं बना पा रहा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने खेमे के नेताओं की संगठन में ताजपोशी चाहते हैं, जबकि होली लॉज खेमा अपने समर्थकों की ताजपोशी चाह रहा है। अपने-अपने समर्थकों की ताजपोशी चाह रहे सीनियर नेता प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेता कौल सिंह ठाकुर, रामलाल ठाकुर, आशा कुमार, मुकेश अग्निहोत्री इत्यादि भी अपने अपने समर्थकों की ताजपोशी की मांग कर रहे हैं। इस वजह से संगठन का ऐलान लटका हुआ है। इससे पार्टी वर्कर मायूस हैं। कांग्रेस कार्यालय में साढ़े पांच माह से सन्नाटा पसरा हुआ है। दिल्ली से कई बार सीनियर नेता हिमाचल आ चुके नया संगठन बनाने के सिलसिले में हिमाचल कांग्रेस के सह प्रभारी चेतन चौहान और विदित चौधरी कई बार प्रदेश आ चुके हैं। रजनी पाटिल भी एक बार हिमाचल का दौरा कर चुकी हैं और तब प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेताओं से बात करके 15 दिन के भीतर संगठन बनाने का दावा किया था। मगर रजनी पाटिल के दावे के 53 दिन बाद भी संगठन नहीं बनाया गया। सीनियर नेताओं से चर्चा के बाद हो सकता है ऐलान प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेताओं को भी कई बार दिल्ली बुलाकर संगठन को लेकर उनकी प्रतिक्रिया ली जा चुकी है। फिर भी कांग्रेस हाईकमान संगठन नहीं बना पा रहा है। सूत्र बताते हैं कि शिमला दौरे के दौरान रजनी पाटिल प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेताओं से चर्चा करने के बाद कुछ जिलाध्यक्षों का ऐलान कर सकती हैं, ताकि अगले एक महीने के दौरान संविधान बचाओं कार्यक्रम का राज्य, जिला और विधानसभा स्तर पर संचालन किया जा सके। खड़गे ने 6 नवंबर को भंग की थी कार्यकारिणी बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते साल 6 नवंबर को हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला, ब्लाक कार्यकारिणी के साथ साथ महिला कांग्रेस कमेटी को भी भंग कर दिया था। तब से लेकर कांग्रेस बिना संगठन के चल रही है।

हिमाचल कांग्रेस में पाटिल के दौरे से सियासी हलचल
हाल ही में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में सियासी हलचल देखने को मिल रही है, जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका पाटिल का दौरा शिमला में होने जा रहा है। यह दौरा महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि पाटिल सीनियर नेताओं से चर्चा करने के अलावा कुछ जिलाध्यक्षों की संभावित घोषणा भी कर सकती हैं।
पाटिल का शिमला दौरा: आकांक्षा और अपेक्षाएं
प्रियंका पाटिल का यह दौरा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह भरने का कार्य करेगा। इस दौरे के दौरान, वह पार्टी की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करेंगी और चुनावी मुद्दों पर सीनियर नेताओं की राय जानेंगी। इसके अलावा, यह देखा जा रहा है कि पाटिल नए जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती हैं।
सीनियर नेताओं से चर्चा के महत्व
सीनियर नेताओं के साथ चर्चा से न केवल पार्टी की आंतरिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के भविष्य की रणनीति को भी आकार देगी। इस बातचीत के दौरान, महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दों पर भी बहस हो सकती है, जो आगामी चुनावों में प्रभाव डाल सके।
घोषणाओं की संभावनाएं
कई कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका पाटिल कुछ जिलाध्यक्षों की घोषणा भी कर सकती हैं। ये परिवर्तन पार्टी की नई दिशा और नेतृत्व में बदलाव का संकेत दे सकते हैं। इस निरंतर बदलाव से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने की संभावना है।
कुल मिलाकर, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में प्रियंका पाटिल का दौरा एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह न केवल पार्टी के लिए सुनहरे अवसर पैदा करेगा, बल्कि सियासी हलचल को भी बढ़ावा देगा।
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