हिमाचल गुड़िया रेप केस में 8 पुलिस अफसर दोषी:आरोपी की हत्या में शामिल, 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी; तत्कालीन SP बरी
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया रेप-मर्डर केस के गवाह की हत्या के मामले में चंडीगढ़ की CBI कोर्ट ने तत्कालीन IG जहूर एच जैदी समेत 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने शिमला के तत्कालीन SP डीडब्ल्यू नेगी को बरी किया है। दोषियों में जहूर एच जैदी के अलावा ठियोग के तत्कालीन DSP मनोज जोशी, SI राजिंदर सिंह, ASI दीप चंद शर्मा, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल सूरत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रानित सटेटा पर आरोप साबित हुए है। दोषियों को 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। साल 2017 में कोटखाई में गुड़िया के रेप व मर्डर केस में एक गवाह सूरज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार 9 पुलिस अधिकारियों व जवानों को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच CBI कर रही है। 6 जुलाई 2017 को गुड़िया का शव मिला बता दें कि शिमला जिले के कोटखाई में 4 जुलाई, 2017 को 16 वर्षीय एक छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी। 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में छात्रा का शव निर्वस्त्र हालत में मिला। पुलिस ने जांच में पाया कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई। इस मामले की जांच के लिए शिमला के तत्कालीन आईजी सैयद जहूर हैदर जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई। एसआईटी ने इस मामले में एक स्थानीय युवक सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई की जांच में पता लगा कि आरोपी सूरज की मौत पूछताछ के दौरान पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई थी। इसके आधार पर सीबीआई ने आईजी जैदी सहित मामले से जुड़े नौ अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हत्या की धारा 302, सुबूत खुर्द-बुर्द करने की धारा 201 सहित अन्य कई संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। वर्ष 2017 में इस मामले को शिमला जिला अदालत से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था। आज सात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को दोषी करार दिया गया है। मामले में नामजद आईजी जैदी को हिमाचल प्रदेश सरकार ने 15 जनवरी, 2020 को सस्पेंड कर दिया था और वर्ष 2023 में उन्हें करीब 3 साल बाद बहाल किया गया था।

हिमाचल गुड़िया रेप केस में 8 पुलिस अफसर दोषी: आरोपी की हत्या में शामिल
हिमाचल प्रदेश में गुड़िया रेप केस ने एक बार फिर से सबका ध्यान खींचा है। इस केस में 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है, जो आरोपी की हत्या में शामिल थे। यह मामला राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न्याय व्यवस्था और पुलिस के आचरण पर कई प्रश्न उठाता है। 27 जनवरी को इन दोषियों की सजा सुनाई जाएगी, जिसमें सजा की गहनता पर चर्चा की जाएगी।
बरी हुए तत्कालीन SP
इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब तत्कालीन SP बरी हो गए। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस सुरक्षा देने में असफल रही है या फिर यह मामला राजनीतिक दवाब का परिणाम है? बरी होने के बावजूद, SP की भूमिका की जांच जारी है और इसे संदिग्ध माना जा रहा है।
केस का संक्षिप्त परिचय
गुडिया रेप केस 2017 में सामने आया था, जिसमें एक 16 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया था। इस केस ने राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध के लिए प्रेरित किया और अंततः इसने कई पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े किए। इस मामले के कारण राज्य में कानूनी सुधारों की आवश्यकता महसूस की गई।
समाज में प्रभाव
हिमाचल गुड़िया रेप केस ने समाज में संवेदनशीलता और सुरक्षा के मुद्दों को फिर से ताजा कर दिया है। यह केस यह दर्शाता है कि कैसे स्थानीय पुलिस अपने कर्तव्यों को निभाने में असफल हो सकती है और समाज में भरोसा तोड़ सकती है। अब देखना यह है कि क्या सरकार इस मामले से कोई ठोस सबक सीखती है।
News by indiatwoday.com Keywords: हिमाचल गुड़िया रेप केस, पुलिस अफसर दोषी, आरोपी की हत्या, 27 जनवरी सजा सुनाई, तत्कालीन SP बरी, गुड़िया रेप केस विवरण, हिमाचल प्रदेश केस, पुलिस की निष्क्रियता, केस में सजा, गुड़िया मामला न्याय, महिला सुरक्षा मुद्दे, समाज पर प्रभाव, पुलिस अधिकारियों की भूमिका, कानूनी सुधार, हिंसा और दुष्कर्म के खिलाफ कानून.
What's Your Reaction?






