हिमाचल में राष्ट्रपति शासन की मांग:बिलासपुर में पूर्व कर्मचारी नेता गोपाल बोले- प्रशासन चरमराया, ट्रेजरी बंद; ठेकेदार भूखमरी की कगार पर

हिमाचल प्रदेश में पूर्व कर्मचारी नेता गोपाल दास वर्मा ने राज्य की वर्तमान स्थिति को गंभीर बताते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। मंगलवार को बिलासपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कांग्रेस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। गोपाल दास वर्मा ने बताया कि प्रदेश की ट्रेजरियां कई महीनों से बंद हैं, जिससे 10,000 रुपए से अधिक का लेन-देन नहीं हो पा रहा है। इसका सबसे बुरा असर ठेकेदारों पर पड़ा है, जो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारियों और पेंशनरों की समस्याएं अनसुलझी हैं। करोड़ों रुपए के पेंशन लाभ लंबित पड़े हैं। पूर्व कर्मचारी नेता ने सरकार पर आलोचकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का भी आरोप लगाया। उनका कहना है कि सरकार जनता और कर्मचारियों की भावनाओं की अनदेखी कर रही है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की है।

Jan 14, 2025 - 17:25
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हिमाचल में राष्ट्रपति शासन की मांग:बिलासपुर में पूर्व कर्मचारी नेता गोपाल बोले- प्रशासन चरमराया, ट्रेजरी बंद; ठेकेदार भूखमरी की कगार पर
हिमाचल प्रदेश में पूर्व कर्मचारी नेता गोपाल दास वर्मा ने राज्य की वर्तमान स्थिति को गंभीर बताते

हिमाचल में राष्ट्रपति शासन की मांग

हिमाचल प्रदेश ने एक बार फिर से राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है, जहां बिलासपुर के पूर्व कर्मचारी नेता गोपाल ने प्रशासन के कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि राज्य में प्रशासन पूरी तरह से चरमराया हुआ है। आर्थिक संकट के कारण ट्रेजरी बंद होने से ठेकेदारों की स्थिति बिगड़ती जा रही है और वे अब भूखमरी की कगार पर पहुँच गए हैं।

प्रशासन का हाल

गोपाल का कहना है कि हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसके पीछे प्रशासन की नाकामी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने राष्ट्रपति शासन की मांग की है। उनका दावा है कि सरकार की कोई ठोस नीतियाँ नहीं हैं, जिससे जनता की समस्याओं का समाधान हो सके।

ठेकेदारों की दुर्दशा

बिलासपुर में ठेकेदारों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। कई ठेकेदारों ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपनी मेहनत की कीमत नहीं मिल रही और अब वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। गोपाल ने कहा कि यह स्थिति अगर जल्दी नहीं बदली तो हम सभी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया

इस खबर के सामने आने के बाद, देखा जाना है कि सरकार इस गंभीर समस्या के निवारण के लिए क्या कदम उठाएगी। इसलिए सभी की निगाहें अब प्रदेश के नेतृत्व पर हैं।

देशभर में इस मुद्दे पर चर्चा बढ़ रही है और लोग जानने के लिए उत्सुक हैं कि हिमाचल प्रदेश किस दिशा में आगे बढ़ेगा।

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