12 साल साथ रहने और 3 बच्चों के बाद शादी:हमीरपुर में हिंदू रीति-रिवाज से किया विवाह, पिता बोले- बेटे का कुंवारापन उतारना था

हमीरपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने 12 साल तक एक महिला के साथ रहने और तीन बच्चों के पिता बनने के बाद हिंदू रीति-रिवाज से शादी की है। मेरापुर मोहल्ले का रहने वाला मनोज पहले रायबरेली में काम करता था। वहां उसकी मुलाकात विमला नाम की महिला से हुई। दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। मनोज विमला को हमीरपुर ले आया और प्रेम विवाह कर लिया। इस दौरान दंपती के तीन बच्चे हुए। अब उनकी बड़ी बेटी 10 साल की है। 12 साल बाद मनोज के पिता स्वामीदीन वर्मा ने बेटे की शादी हिंदू रीति-रिवाज से कराने का फैसला किया। उन्होंने बेटे को इसके लिए राजी कर लिया। बीती रात यह शादी संपन्न हुई। इस अनोखी शादी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। स्वामीदीन वर्मा ने बताया कि उन्होंने बेटे का कुंवारापन उतारने के लिए यह शादी कराई। उन्होंने यह भी बताया कि फेरे सिर्फ मनोज ने लिए। क्योंकि विमला की यह दूसरी शादी थी। शादी के दौरान तीनों बच्चों को समारोह से दूर रखा गया।

Apr 21, 2025 - 17:00
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12 साल साथ रहने और 3 बच्चों के बाद शादी:हमीरपुर में हिंदू रीति-रिवाज से किया विवाह, पिता बोले- बेटे का कुंवारापन उतारना था
हमीरपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने 12 साल तक एक महिला के साथ रहने और तीन बच्चों

12 साल साथ रहने और 3 बच्चों के बाद शादी: हमीरपुर में हिंदू रीति-रिवाज से किया विवाह

हमीरपुर में एक अनूठी शादी की तस्वीर सामने आई है, जहां एक कपल ने 12 साल एक साथ रहने के बाद विवाह बंधन में बंधे। यह कहानी सिर्फ उनके प्यार की नहीं है, बल्कि 3 बच्चों के साथ उनके सामंजस्यपूर्ण जीवन की भी है। पिता ने बताया कि यह उनके बेटे का कुंवारापन उतारने का एक महत्वपूर्ण चरण था। इस शादी में हिंदू रीति-रिवाजों का पूरा पालन किया गया, जिससे पूरे परिवार के सदस्यों ने मिलकर इस समारोह का आनंद लिया।

शादी का महत्व और पारिवारिक मूल्य

इस विवाह समारोह ने न केवल प्रेम की शक्ति को दर्शाया बल्कि पारिवारिक मूल्यों के प्रति सम्मान भी प्रकट किया। शादी के दौरान पिता ने कहा कि उनके बेटे का कुंवारापन उतारना आवश्यक था, जिससे परिवार का एकता और एकजुटता को बनाए रखा जा सके। यह विवाह सिर्फ एक समारोह नहीं था, बल्कि यह एक नए अध्याय की शुरुआत थी।

सामाजिक महत्व और सामुदायिक मान्यताएं

हमीरपुर में ऐसे विवाहों का होना समाज में महत्वपूर्ण है। यहां के समाज में परंपराओं का पालन करना और बच्चों के भविष्य के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाना करते हैं। विवाह के इस अवसर पर सभी रिश्तेदार और मित्र उपस्थित थे, जिन्होंने इस जोड़े को अपने आशीर्वाद से नवाजा।

क्या कहा दुल्हन ने?

दुल्हन ने भी इस मौके पर अपने अनुभव साझा किए और कहा कि यह शादी उनके लिए खुशी का एक बड़ा पल है। उन्होंने भविष्य में एक साथ रहने और अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करने की वचनबद्धता व्यक्त की।

निष्कर्ष

हमीरपुर में इस कहानी ने यह साबित किया कि प्यार और परिवार के मूल्य आज भी समाज में उतने ही महत्वपूर्ण हैं। इस विशेष विवाह ने हर किसी को यह समझाया कि एक सुखद और सफल जीवन के लिए एकजुटता और समर्थन कितना आवश्यक है।

इस प्रकार की कहानियाँ हमें यह सिखाती हैं कि प्यार का कोई माप नहीं होता, और विवाह का असली महत्व एक-दूसरे की जीवन में साथ निभाने में है।

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