2 साल बाद भी कॉलेज के लिए भवन की मंजूरी नहीं
बलरामपुर| रनहत कॉलेज को खुले 2 साल हो गए हैं, लेकिन आज तक भवन स्वीकृत नहीं हुआ। कॉलेज शासकीय बालक शाला में संचालित हो रहा है, जहां भवन बदहाल है। यहां न तो बाथरूम है और ना तो पर्याप्त बेंच और स्टाफ। कॉलेज कांग्रेस शासन में खोला गया था, जो उधार के भवन में चल रहा है। इससे बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को भी परेशानी हो रही है। रनहत कॉलेज के प्राचार्य विवेक सिंह याम ने कहा कि कॉलेज 2022 का है, लेकिन आज तक भवन स्वीकृत नहीं हुआ है। पर्याप्त कमरा, फर्नीचर नहीं है। यहां 10 अतिथि व्याख्याता हैं, जो पद के अनुसार कम हैं। यहां कला, वाणिज्य, विज्ञान में स्नातक का दर्जा प्राप्त है। कुल छात्र-छात्राओं की संख्या 145 है। कॉलेज के लिए शासन ने जमीन का आबंटन किया है।

2 साल बाद भी कॉलेज के लिए भवन की मंजूरी नहीं
हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि दो साल गुजर जाने के बावजूद कॉलेज के लिए आवश्यक भवन की मंजूरी अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। यह स्थिति छात्रों, विद्याालय प्रबंधन और शिक्षकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे में छात्रों की शिक्षा और भविष्य पर इसके गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
बिना मंजूरी के प्रगति में बाधा
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि दी गई योजनाएँ और अनुमति पत्र समय पर जमा किए गए थे। इसके बावजूद, सरकार द्वारा अनुमति की प्रक्रिया में देरी हो रही है। यह स्थिति कॉलेज के विकास में रुकावट डाल रही है और नए छात्रों के दाखिले पर नकारात्मक असर डाल रही है।
छात्रों की नाराजगी
छात्र इस देरी के लिए सरकार और शिक्षा विभाग को दोषी ठहरा रहे हैं। कई छात्रों का कहना है कि आगे बढ़ने के लिए नए भवन की आवश्यकता है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। इस मामले में छात्रों ने प्रदर्शन आयोजित करने की भी योजना बनाई है।
समस्या का समाधान
शिक्षा विभाग को इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द मंजूरी प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। साथ ही, कॉलेज प्रबंधन को सजग रहना चाहिए और छात्रों के हित में कई विकल्पों पर विचार करना चाहिए।
भविष्य की योजनाएँ
यदि मंजूरी जल्द मिलती है, तो कॉलेज भविष्य में बेहतर सुविधाएँ प्रदान कर सकेगा और गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित कर सकेगा। यह छात्रों के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा और उन्हें बेहतर संसाधनों की उपलब्धता का आश्वासन देगा।
इस मुद्दे पर फीडबैक देने के लिए कॉलेज प्रबंधन को सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक करनी चाहिए। इससे सभी की चिंता को सुना जा सकेगा और बुनियादी मुद्दों को समझा जा सकेगा।
अंततः, सभी पक्षों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शिक्षा का उद्देश्य छात्रों का समग्र विकास और भविष्य का निर्माण करना है। उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा।
News by indiatwoday.com Keywords: कॉलेज भवन मंजूरी, शिक्षा विभाग, छात्रों की नाराजगी, कॉलेज के विकास में रुकावट, मंजूरी प्रक्रिया में देरी, शिक्षा की गुणवत्ता, कॉलेज प्रबंधन, छात्रों का प्रदर्शन, भविष्य की योजनाएँ, समस्या का समाधान
What's Your Reaction?






