हाईकोर्ट की क्लर्क परीक्षा में पकड़े गए 2 सॉल्वर:अभ्यर्थियों की जगह पर एग्जाम देने पहुंचे थे, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
इलाहाबाद हाईकोर्ट की क्लर्क परीक्षा के दौरान शनिवार को सुल्तानपुर में दो सॉल्वर पकड़े गए हैं। पुलिस दोनों को थानों पर लाकर कार्रवाई कर रही है। एक मामला कोतवाली नगर तो दूसरा मामला कोतवाली कादीपुर का है। शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्लर्क पद की नियुक्ति के लिए प्रदेश भर में परीक्षा आयोजित की गई थी। कोतवाली नगर के गोयनका स्कूल में एक सॉल्वर क्लास रूम में पकड़ा गया। जीडी गोयनका स्कूल की प्रिंसिपल डॉ रत्ना पांडेय ने बताया कि मऊ जिले के थाना किरातसराय स्थित क़स्बा निवासी प्रवीण पाल जौनपुर जिले के निभापुर थाना के कबीरपुर निवासी उमेश पाल के स्थान पर परीक्षा देने पहुंचा था। वो बायो मैट्रिक परीक्षण के बाद स्कूल में प्रवेश कर गया। मेटल डिटेक्टर, तलाशी और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के प्रशस्त ऐप के वेरिफिकेशन के बाद क्लास में पहुंचा था। जिसे बायो मैट्रिक सुपरवाइजर अंजन कुमार यादव ने पकड़ा। उसे कोतवाली लाया गया। नगर कोतवाल नारद मुनि सिंह ने बताया आरोपी को पकड़कर पूछताछ की जा रही है। तहरीर के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। कादीपुर कोतवाली क्षेत्र के बरवारीपुर में रणवीर राजकुमार इंटर कॉलेज बरवारीपुर में भी एक सॉल्वर पकड़ा गया। जो बिहार प्रांत के औरंगाबाद के खुदवां थाना के मेघपुर का रहने वाला है। आरोपी की पहचान संतोष कुमार पुत्र जय कुमार सिंह के रूप में हुई है। उसे कोतवाली कादीपुर लाया गया। कोतवाल एके सिंह ने बताया जांच जारी है। तहरीर के आधार पर मुकदमा कायम किया जाएगा।

हाईकोर्ट की क्लर्क परीक्षा में पकड़े गए 2 सॉल्वर
हाल ही में, उच्च न्यायालय की क्लर्क परीक्षा में दो सॉल्वर पकड़े गए हैं जो कि उम्मीदवारों की जगह परीक्षा देने पहुंचे थे। यह घृणित घटना न केवल परीक्षा की प्रणाली को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि यह उन सभी मेहनती विद्यार्थियों के लिए भी निराशाजनक है जो अपने दम पर सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं।
पुलिस कार्रवाई और मुकदमा
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है और गिरफ्तार किए गए सॉल्वर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह घटना यह दिखाती है कि परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी के प्रयासों को रोकने के लिए प्रशासन कितनी सतर्कता बरत रहा है। इस प्रकार की धोखाधड़ी न केवल परीक्षा में अनुचित प्रतिस्पर्धा पैदा करती है, बल्कि यह उस प्रणाली पर भी सवाल खड़ा करती है जिस पर छात्रों और समाज का विश्वास है।
छात्रों की प्रतिक्रिया
इस प्रकार की घटनाओं के बाद, छात्रों में भय और असुरक्षा का माहौल बनता है। कई छात्रों ने इस घटना की निंदा की है और इसे परीक्षा प्रणाली पर एक धब्बा समझा है। छात्रों का मानना है कि ऐसे सॉल्वर की पहचान करने और उन्हें दंडित करने की प्रक्रिया को और सख्त किया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय का रुख
उच्च न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इस प्रकार की धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। अदालत का मानना है कि पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिल सके।
इस घटना के बाद, सभी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त किया जाएगा। उच्च न्यायालय का उद्देश्य है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
News by indiatwoday.com
निष्कर्ष
हाईकोर्ट की क्लर्क परीक्षा में सॉल्वर की गिरफ्तारी ने एक बार फिर परीक्षा के संचालन में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता को रेखांकित किया है। प्रशासन को चाहिए कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं ताकि भविष्य में एक स्वस्थ प्रतियोगिता बन सके। Keywords: हाईकोर्ट क्लर्क परीक्षा, सॉल्वर परीक्षा, पुलिस कार्रवाई, परीक्षा धोखाधड़ी, छात्रों की प्रतिक्रिया, उच्च न्यायालय, परीक्षा प्रणाली, केंद्र सुरक्षा प्रोटोकॉल, परीक्षा में पारदर्शिता.
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