हिन्दी संस्थान ने डॉक्टर दीपक को दिया बाल साहित्य सम्मान:अब तक 600 से अधिक बाल वैज्ञानिक लेख हुए प्रकाशित

उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ ने बाल साहित्य सम्मान 2023 की घोषणा कर दी है। इसके के तहत उत्तर प्रदेश सचिवालय में कार्यरत विशेष सचिव डॉक्टर दीपक कोहली को उनके उल्लेखनीय बाल विज्ञान साहित्यिक योगदान के लिए प्रतिष्ठित जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखन सम्मान" से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। डॉक्टर दीपक कोहली का योगदान डॉक्टर दीपक कोहली विगत 30 वर्षों से बच्चों और किशोरों के लिए विज्ञान लेखन का कार्य कर रहे हैं। उनकी कई बाल विज्ञान पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। इनका विमोचन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा किया गया है। डॉ. कोहली ने अब तक 600 से अधिक बाल वैज्ञानिक लेख लिखे हैं। ये विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा डॉक्टर कोहली ने 50 से अधिक विज्ञान वार्ताएं आकाशवाणी के माध्यम से प्रसारित की हैं। विज्ञान और बच्चों की सोच डॉ. दीपक कोहली का मानना है कि विज्ञान बच्चों की सोच को परिष्कृत करने और समस्याओं का समाधान खोजने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा, "यदि बच्चों को बचपन से ही राष्ट्रभाषा हिन्दी में विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों से परिचित कराया जाए तो उनकी वैज्ञानिक सोच का विकास होता है उनमें वैज्ञानिक गुण विकसित होते हैं।" सम्मान की महत्ता "जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखन सम्मान" उन साहित्यकारों को दिया जाता है जो बाल साहित्य के माध्यम से बच्चों की वैज्ञानिक चेतना और समझ को प्रोत्साहित करते हैं। डॉ. कोहली की यह उपलब्धि उनके बाल विज्ञान साहित्य में अद्वितीय योगदान का प्रतीक है। यह सम्मान उनके दीर्घकालिक प्रयासों और समर्पण का प्रमाण है जो बच्चों के बीच विज्ञान को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने का एक अभिनव प्रयास है।

Jan 12, 2025 - 19:40
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हिन्दी संस्थान ने डॉक्टर दीपक को दिया बाल साहित्य सम्मान

हाल ही में, हिन्दी संस्थान ने प्रतिष्ठित बाल साहित्य सम्मान से डॉक्टर दीपक को सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्य और योगदान के लिए मिला है, जो उन्होंने बाल साहित्य के क्षेत्र में किया है। इस अवसर पर, सम्मानित डॉक्टर दीपक ने कहा कि बच्चों के साथ विज्ञान और साहित्य का समावेश करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बाल वैज्ञानिक लेखों की संख्या में वृद्धि

डॉक्टर दीपक ने अब तक 600 से अधिक बाल वैज्ञानिक लेख प्रकाशित किए हैं, जो बच्चों के लिए विज्ञान को सरल और सुलभ बनाने का कार्य करते हैं। इन लेखों में रोचक तथ्यों और सरल भाषा का उपयोग किया गया है, जिससे युवा पाठकों को विज्ञान के प्रति आकर्षित किया जा सके।

बाल साहित्य का महत्व

बाल साहित्य न केवल बच्चों की कल्पना को विकसित करता है, बल्कि उन्हें सिखाता है कि कैसे सोचें और सीखें। डॉक्टर दीपक ने इस क्षेत्र में अपने योगदान के माध्यम से यह संदेश फैलाने का प्रयास किया है कि किचन के विज्ञान से लेकर खगोलशास्त्र तक, सभी विषयों को बच्चों के लिए रोचक तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है।

डॉक्टर दीपक का योगदान

डॉक्टर दीपक ने विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में बाल वैज्ञानिक लेखन कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें बच्चों को विज्ञान के अनुभव से जोड़ने का प्रयास किया गया। उनका उद्देश्य है कि बच्चे न केवल पढ़ें बल्कि अनुसंधान और प्रयोग करने में भी रुचि लें।

यह सम्मान सिर्फ डॉक्टर दीपक के लिए ही नहीं, बल्कि उनके सहयोगियों और विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। इसके माध्यम से, यह उम्मीद की जा रही है कि और भी युवा वैज्ञानिक, लेखक और बाल साहित्यकार आगे आएंगे।

निष्कर्ष

इस सम्मान के माध्यम से डॉक्टर दीपक ने साबित किया है कि एक सही दिशा में किया गया प्रयास किस तरह बच्चों के भविष्य को उज्जवल बना सकता है। हिन्दी संस्थान का यह कदम बाल साहित्य को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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