हिमाचल के पैरा एथलीट को मिला 2.50 करोड़ का पुरस्कार:आर्मी में थे, हमले में एक पैर खोया; एशियन गेम्स में जीते सिल्वर मेडल
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के पैरा एथलीट अजय कुमार को राज्य सरकार ने सम्मानित किया है। उनकी शानदार उपलब्धि के लिए 2.50 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई है। अजय ने 2023 में चीन में आयोजित पैरा एशियन गेम्स में एथलेटिक्स में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। 1990 में मंडी के नगवाईं में जन्मे अजय कुमार ने 2010 में भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा का सपना पूरा किया। 14 नवंबर 2017 को जम्मू-कश्मीर के उड़ी में एक सैन्य अभियान के दौरान उन्होंने अपना बायां पैर खो दिया। लेकिन इस चुनौती ने उनके हौसलों को और बुलंद किया। 2018 में हिमाचल प्रदेश पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन के महासचिव ललित ठाकुर की प्रेरणा से उन्होंने खेलों में अपना करियर शुरू किया। पुणे के आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर से चीता रनिंग ब्लेड प्राप्त कर उन्होंने दौड़ने का अभ्यास शुरू किया। उनकी मेहनत रंग लाई और 2021 में पैरा नेशनल खेलों में 6 स्वर्ण और 3 रजत पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार द्वारा खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि में की गई ऐतिहासिक वृद्धि का खेल जगत ने स्वागत किया है। अजय ने कहा कि यह कदम युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करने और उन्हें प्रोत्साहित करने में मददगार साबित होगा। उन्होंने इस सम्मान के लिए मुख्यमंत्री का विशेष आभार व्यक्त किया है।

एक प्रेरणादायक कहानी
हिमाचल प्रदेश के एक पैरा एथलीट ने हाल ही में 2.50 करोड़ का पुरस्कार जीता है, जो उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। इस एथलीट ने भारतीय सेना में सेवा की, जहाँ उन्होंने अद्वितीय साहस दिखाया। अफसोस की बात यह है कि एक आतंकवादी हमले में उन्हें एक पैर खोना पड़ा, लेकिन इससे उनकी प्रेरणा में कमी नहीं आई।
एशियन गेम्स में उपलब्धि
इस पैरा एथलीट ने एशियन गेम्स में देश का नाम रौशन करते हुए सिल्वर मेडल जीता। उनकी यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत जीत है, बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनके साहस और दृढ़ संकल्प ने उन्हें खेल में अविस्मरणीय स्थान दिलाया है।
सामाजिक और खेल समुदाय में प्रभाव
इस पुरस्कार ने उन्हें केवल एक एथलीट ही नहीं, बल्कि समाज और खेल समुदाय के लिए एक आदर्श बना दिया है। उन्होंने यह साबित किया कि विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता का रास्ता पाया जा सकता है। उनके गोल और उपलब्धियों की कहानी कई लोगों को प्रेरित करेगी।
आर्थिक सहायता और समर्थन
2.50 करोड़ के पुरस्कार से उन्हें अपनी और अपने परिवार की जिंदगी को सुधारने में मदद मिलेगी। इस आर्थिक सहायता के माध्यम से वह बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं, उपकरण, और अन्य संसाधनों में निवेश करने में सक्षम होंगे।
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इस प्रेरणादायक एथलीट की कहानी को औरों के साथ साझा करना महत्वपूर्ण है। सफलता की यह कहानी न केवल उनके संघर्ष की गाथा है, बल्कि यह समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश भी है।
लोकप्रियता और मीडिया में असर
मीडिया में इस पुरस्कार की ख़बर ने उन सभी को जोड़ने का कार्य किया है, जो पैरा एथलीटों के प्रति समर्थन दिखाते हैं। उनकी पहचान और उपलब्धियों ने उन्हें एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। Keywords: हिमाचल के पैरा एथलीट, 2.50 करोड़ पुरस्कार, भारतीय सेना, आतंकवादी हमला, एक पैर खोना, एशियन गेम्स सिल्वर मेडल, प्रेरणादायक कहानी, खेल की उपलब्धि, आर्थिक सहायता, पैरा एथलीटों के लिए समर्थन.
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