हिमाचल में स्कूल-कॉलेज स्टाफ नहीं बना सकेगा वीडियो-रील:शिक्षा विभाग के निदेशक ने जारी किए आदेश, बोले- उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

हिमाचल प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थानों में गैर- शैक्षणिक वीडियो, रील व सोशल मीडिया का अनावश्यक रूप से उपयोग करने वाले कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। शिक्षा विभाग ने अनावश्यक रूप इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। शनिवार को शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा ने इस बाबत आदेश पारित कर दिए हैं। शिक्षा विभाग के निदेशक के कार्यालय से जारी आदेशों के मुताबिक, शिक्षा विभाग के संज्ञान में यह बात आई है कि स्कूल के समय में कुछ शिक्षक और कर्मचारी ऐसी वीडियो व रील बनाने में लगे रहते हैं जो किसी भी तरह से छात्रों के शैक्षणिक ज्ञान ,खेल ,सह पाठ्यचर्या व अन्य शैक्षणिक गतिविधियों या समग्र विकास में योगदान नहीं देते है। ऐसी गतिविधियों न केवल छात्रों का ध्यान आवश्यक शैक्षिक लक्ष्यों से भटकती है। नियमों का उलंघन करने वाले के खिलाफ होगी कार्रवाई हिमाचल प्रदेश हायर एजुकेशन निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद विभाग ने सभी स्कूलों व शिक्षण संस्थानों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसमें सभी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश दिए गए है वह इस पर नजर रखें। यदि कोई भी शिक्षक व कर्मचारी अनावश्यक रूप से वीडियो व रील बनाते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Jan 4, 2025 - 20:45
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हिमाचल में स्कूल-कॉलेज स्टाफ नहीं बना सकेगा वीडियो-रील:शिक्षा विभाग के निदेशक ने जारी किए आदेश, बोले- उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
हिमाचल प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थानों में गैर- शैक्षणिक वीडियो, रील व सोशल मीडिया का अनावश्यक रू

हिमाचल में वीडियो-रील बनाने पर शिक्षा विभाग के निदेशक का आदेश

हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने स्कूल और कॉलेज के स्टाफ के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत, स्कूल और कॉलेज का कोई भी स्टाफ वीडियो-रील नहीं बना सकेगा। शिक्षा विभाग के निदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई भी स्टाफ इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों को अपनी प्राथमिकताएँ विद्यार्थियों की शिक्षा और कल्याण पर केंद्रित करने की आवश्यकता है।

शिक्षा विभाग के निर्णय के मुख्य उद्देश्य

इस निर्णय का उद्देश्य शैक्षणिक वातावरण को संरक्षित करना और विद्यार्थियों के बीच गंभीरता को बढ़ाना है। निदेशक ने कहा कि शिक्षकों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करें और वीडियो-रील जैसे स्पर्धात्मक गतिविधियों से बचें। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि शिक्षा का माहौल शैक्षणिक रहते हुए, सहायक और प्रेरणादायक हो।

उल्लंघन के परिणाम

शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर किसी भी शिक्षकीय स्टाफ ने इस आदेश का उल्लंघन किया, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने कहा है कि यह निर्णय राष्ट्रीय शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। स्टाफ members को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि उनकी प्राथमिकताएं छात्रों के विकास और उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों पर केंद्रित हों।

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा यह कदम कई चर्चाओं का विषय बन गया है। कुछ अभिभावक और छात्र इस निर्णय का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे स्वतंत्रता का उल्लंघन मान रहे हैं। विभाग का यह निर्णय निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने की कोशिश है।

इसके अलावा, स्कूल-कॉलेज स्टाफ को अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहना चाहिए और विद्यार्थियों के लिए सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए। वर्तमान समय में, वीडियो-रील जैसी गतिविधियों से ध्यान भटकना एक बड़ी समस्या बनती जा रही है।

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