5 साल में 30 एनकाउंटर करने वाले IPS सागर जैन:इंजीनियर बन पापा का सपना पूरा किया, फिर 2 बार क्रैक किया UPSC

पापा का सपना था कि मैं इंजीनियर बनूं। मैंने उनका सपना पूरा किया। IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। अच्छे पैकेज पर जॉब भी मिल गई। लेकिन, ये मेरा मुकाम नहीं था। मेरे कदम बढ़ते गए, मंजिल खाकी वर्दी थी। और यहां तक आकर ही थमे। यह कहना है 2019 बैच के IPS अफसर सागर जैन का। सागर जैन इस समय सहारनपुर में SPRA पद पर तैनात हैं। इससे पहले वह वाराणसी और मुरादाबाद में भी तैनात रह चुके हैं। अब तक 30 से ज्यादा एनकाउंटर कर अपराधियों को धर दबोचा। DFO के बाद IPS बने सागर जैन कहते हैं- लाइफ में सेट किए गए टारगेट को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। इसके सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS सागर जैन की कहानी 6 चैप्टर में जानते हैं... मेरा घर मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में है। मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर स्थित पिपरिया गांव मेरी पहचान है। पापा अशोक जैन का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। मेरी डेट ऑफ बर्थ 20 दिसंबर 1991 है। मेरी मां आरती जैन हाउस वाइफ रहीं। उन्होंने मुझे सबसे ज्यादा मोटिवेट किया।- यह बातते हुए सागर जैन अपने बचपन की यादों में खो जाते हैं। सागर जैन कहते हैं- मैं गांव की मिट्टी में खेला, पढ़ा और बड़ा हुआ। प्राइमरी एजुकेशन भी गांव के प्राइमरी स्कूल से हुई। इसके बाद पापा ने सेंट जोसफ स्कूल में दाखिला दिला दिया। 2008 में मैंने फर्स्ट डिवीजन हाई स्कूल पास किया। सागर जैन बताते हैं- मेरे पापा का सपना, मेरा सपना भी था। मुझे IIT की तैयारी करनी थी। इसलिए 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मैं राजस्थान के कोटा चला गया। 2010 में मैंने फर्स्ट डिवीजन मार्क्स के साथ इंटर पास किया। इसके बाद मैंने JEE Advanced क्वालिफाई कर लिया। मुझे झारखंड के धनबाद IIT में एडमिशन मिला। यहां मैंने 2014 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। बीटेक करते ही मुझे एक कंपनी में सलाना 9 लाख के पैकेज पर जॉब मिल गई। जमशेदपुर में बतौर असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर मैंने कंपनी में योगदान भी दिया। सागर जैन बताते हैं- बीटेक करने के बाद जॉब लगी, तो घर जमजैदपुर में रहने लगा। कुछ समय बाद लगा कि जॉब में आनंद नहीं है। ऑफिसर बनने का अलग आनंद है। पिता चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने, तो वह सपना भी पूरा हो गया। डेढ़ साल जॉब करने के बाद मैंने 2015 में IPS बनने की ठान लिया। मैं नौकरी छोड़कर दिल्ली आ गया। यहां पहले सेल्फ स्टडी की। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। दूसरे अटैंप्ट में UPSC को क्रैक किया, लेकिन रैंक 460 मिली। इसलिए IFS में चयन हुआ और DFO की पोस्ट पर नौकरी मिली। DFO बनते ही घर-परिवार में सभी बहुत खुश हुए। पापा-मम्मी, सभी ने कहा- अब बेटा सरकारी अफसर बन गया है। मेरी देहरादून में ट्रेनिंग हुई। लेकिन, मेरा लक्ष्य IPS बनना था। इसलिए मैंने हार नहीं मानी। मैं तब भी पढ़ता रहा। रात में 5 से 6 घंटे तैयारी करता रहा। मुझे यह उम्मीद थी कि आगे UPSC में बेहतर रैंक आएगी। साल 2018 में UPSC में तीसरा प्रयास था। मैंने एग्जाम दिया। इस बार 160 वीं रैंक आई। IPS पर चयन हुआ। मुझे बैच मिला 2019। सागर जैन बताते हैं-पहली बार जिस सपने को सोचा था, वह हकीकत में बदल गया। उस पल को आज भी परिवार भूल नहीं पाता है। जिस क्षेत्र से मैं आता हूं, वहां से निकलकर सफलता पाना अपने आप में गर्व की बात है। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी में 2020 में पहली पोस्टिंग मिली। उस समय अमित पाठक सर वाराणसी SSP थे। क्राइम की सूचना मिलते ही मैं स्पॉट पर पहुंच जाता था। उन दिनों महिला क्राइम को रोकने के लिए पूरे जिले में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था। इसमें मिशन शक्ति के तहत थाना स्तर पर महिला डेस्क की शुरुआत कराते हुए इसे प्रभावी ढंग से चलाया गया। वाराणसी में मिशन शक्ति को मजबूती से बल देने के लिए सभी थाना स्तर पर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। इसमें महिला पुलिसकर्मियों की भी जिम्मेदारी तय की गई। महिला क्राइम संबंधी, जो भी सूचनांए आती थीं। उन पर पुलिस रिस्पांस करते हुए तत्काल मौके पर पहुंचती। जिन मामलों में FIR के लिए मामला होता, उनमें तत्काल एफआईआर कराई जाती। नवंबर 2020 की बात है...रात में 10 बजे एक टीचर ने हमसे संपर्क किया। बोली- एक युवक लगातार मेरा पीछा कर रहा है। रात के समय भी वह घर के बाहर घूम रहा है। मुझे बहुत डर लग रहा है। सागर जैन बताते हैं-महिला क्राइम का मामला था इसलिए सूचना मिलने के 15 मिनट के भीतर ही मैं अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गया। हमारे साथ महिला पुलिसकर्मी भी थीं। यहां आकर देखा तो टीचर वास्तव में बहुत डरी हुई थी। मैंने उनसे कहा- मैम, आप बेफिक्र रहिए। दरअसल, उनके पति दूसरे जिले में किसी सरकारी विभाग में पोस्टेट थे। वह अकेली थीं। हमने उनके घर पर ही शिकायत लिखवाई। इसके बाद हमने आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने कबूल करते हुए कहा कि वह टीचर पर दोस्ती का दबाव बना रहा था। हमने उसके ऊपर सख्त एक्शन लिया। टीचर को विश्वास दिलाया कि वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी के बाद मुरादाबाद में मुझे तैनाती मिली। मुरादाबाद में मैंने कई क्रिमिनल केस पर काम किया। वेस्ट यूपी के जिलों में क्राइम का पैटर्न अलग लगा। 31 मार्च 2022 की बात है...मझौला क्षेत्र में फाजलपुर में एक शादी समारोह था। यहां रात को एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हम जब मौके पर पहुंचे, महिला तड़प रही थी। अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी सांसें थम गईं। क्राइम स्पॉट पर कोई कुछ भी सही बात बताने को तैयार नहीं था। हम पहले हर्ष फायरिंग के एंगल से केस को देख रहे थे। चर्चा भी यही थी। शादी में शामिल कुछ लोगों से पूछताछ में भी यही बात सामने आई। लोगों ने बताया-डांस करते समय गोली चली और महिला को जा लगी। लेकिन, गोली चलाई किसने, और क्या वास्तव में यह हर्ष फायरिंग का केस था? इसका जवाब हमने तलाशना शुरू कर दिया। हमने शादी के वीडियो देखे, सीसीटीवी खंगाले। महिला के परिवार से पूरी

Jan 22, 2025 - 06:59
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5 साल में 30 एनकाउंटर करने वाले IPS सागर जैन:इंजीनियर बन पापा का सपना पूरा किया, फिर 2 बार क्रैक किया UPSC
पापा का सपना था कि मैं इंजीनियर बनूं। मैंने उनका सपना पूरा किया। IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी

5 साल में 30 एनकाउंटर करने वाले IPS सागर जैन: इंजीनियर बन पापा का सपना पूरा किया, फिर 2 बार क्रैक किया UPSC

आईपीएस सागर जैन, जिनका नाम पिछले कुछ वर्षों में खासा चर्चा में रहा है, ने अपनी साहसिकता और कर्तव्य के प्रति निष्ठा के चलते पुलिस सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अंतिम 5 सालों में 30 से अधिक एनकाउंटर किए, जिससे उनकी प्रोफाइल और भी मजबूत हुई है। आइए जानते हैं उनके करियर और जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं के बारे में।

पिता का सपना: इंजीनियर बनने का रास्ता

सागर जैन का सफर एक साधारण परिवार से शुरू हुआ। उनके पिता का हमेशा से सपना था कि उनका बेटा एक सफल इंजीनियर बने। सागर ने अपने पिता की इच्छा को सम्मानित करते हुए इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, और इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इसके बावजूद, उनकी आकांक्षा कुछ और थी।

अधिक मेहनत के बाद UPSC का सफर

इंजीनियरिंग करने के बाद, सागर ने खुद को अकेला और असंतुष्ट पाया। उन्होंने दूसरी बार UPSC परीक्षा को क्रैक करने का निर्णय लिया। मेहनत और समर्पण का परिणाम यह रहा कि उन्होंने न केवल परीक्षा को पास किया, बल्कि एकाधिकारिक आईपीएस अधिकारी के रूप में सेवा में शामिल हो गए।

एनकाउंटर में सफलता और चुनौतियां

आईपीएस बनने के बाद, सागर जैन का नाम विभिन्न एनकाउंटर मामलों में सामने आया। इन एनकाउंटरों ने उन्हें एक उत्कृष्ट पुलिस अधिकारी के रूप में स्थापित किया। उन्होंने न केवल माफिया और अपराधों का सामना किया, बल्कि समाज में सुरक्षा स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनकी कार्यशैली और साहस ने उन्हें एक नई पहचान दी है, और युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरे हैं। सागर जैन का जीवन हमें यह सिखाता है कि आत्मविश्वास और कठिन काम हमेशा फल देते हैं।

इस प्रकार, आईपीएस सागर जैन का जीवन कहानी केवल एक अधिकारी का नहीं है, बल्कि एक लड़ाई है जो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर मुश्किल में संघर्ष करता है।

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