50 हजार रिश्वत लेने वाले सिपाही का तबादला:पैसे लेकर मांझा विक्रेता को छोड़ने का आरोप, पाया गया दोषी

शाहजहांपुर में एक सिपाही का रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। जिस पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों द्दारा त्वरित कार्रवाई किया गया है। सिपाही पर आरोप है कि उसने चाइनीज मांझे के कारोबार में पकड़े गए एक दुकानदार को छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। जिसके बाद उस कॉन्स्टेबल का तबादला कर दिया गया। क्या है पूरा मामला.. घटना की जानकारी के अनुसार, बीते शनिवार को चाइनीज मांझे से एक बाइक सवार कॉन्स्टेबल शाहरूख हसन की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने खलील गर्वी और मोहम्मदजई क्षेत्र से तीन दुकानदारों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दौरान कोतवाली में तैनात कॉन्स्टेबल दुष्यंत ने खलील गर्वी के एक दुकानदार को छोड़ने के बदले 50 हजार रुपए की रिश्वत ली। जांच में मिला दोषी मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस विभाग की छवि खराब हुई थी। आलाधिकारियों के संज्ञान में आने पर रिश्वत की रकम तो वापस कर दी गई, लेकिन एसपी राजेश एस के निर्देश पर कराई गई गोपनीय जांच में आरोप सही पाए गए। जांच के आधार पर आरोपी कॉन्स्टेबल को तत्काल प्रभाव से परौर थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है। सीओ सिटी का बयान सीओ सिटी पंकज पंत के अनुसार, प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए हैं और मामले की जांच अभी जारी है। सूत्रों के अनुसार, जांच पूर्ण होने के बाद आरोपी कॉन्स्टेबल के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

Jan 16, 2025 - 07:50
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50 हजार रिश्वत लेने वाले सिपाही का तबादला:पैसे लेकर मांझा विक्रेता को छोड़ने का आरोप, पाया गया दोषी
शाहजहांपुर में एक सिपाही का रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। जिस पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारि

50 हजार रिश्वत लेने वाले सिपाही का तबादला: पैसे लेकर मांझा विक्रेता को छोड़ने का आरोप, पाया गया दोषी

हाल ही में एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है जिसमें एक पुलिस सिपाही पर 50 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगा है। यह मामला उस समय सामने आया जब सिपाही ने पैसे लेकर एक मांझा विक्रेता को छोड़ने का काम किया। इस जांच में सिपाही को दोषी पाया गया है और उसके बाद उसका तबादला कर दिया गया है।

रिश्वतखोरी का मामला

इस मामले में, सिपाही ने स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन किया और भ्रष्टाचार का कार्य किया। पुलिस की जांच के दौरान यह पाया गया कि उसने पैसे लेकर विक्रेता को बचाने की कोशिश की, जो कि घातक मांझा बेचने का आरोप था। यह पहली बार नहीं है कि पुलिस विभाग में इस तरह की कदाचार की घटनाएं सुनने को मिली हैं।

संबंधित अधिकारियों की कार्रवाई

जब इस मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को मिली, तो तुरंत इस मामले की जांच शुरू की गई। अधिकारियों ने सिपाही को दोषी पाया और उसे विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ा। तबादले के संकेत शातिर सिपाहियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश देते हैं।

समाज पर पड़ने वाला प्रभाव

इस प्रकार की घटनाएं समाज में पुलिस बल की ईमानदारी पर सवाल उठाती हैं। नागरिकों का अधिकार है कि वे अपने सुरक्षाकर्मियों पर विश्वास करें। ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। इसके कारण गुंडागर्दी कम हो सकती है और कानून के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा।

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