50 हजार से ज्यादा लोगों ने लगाई डुबकी:मकर संक्रांति पर सरयू-घाघरा में तैनात रही NDRF-SDRF, घाटों पर बनाए गए रैंप
गोंडा जिले में मकर संक्रांति के मौके पर गोंडा जिले के सरयू और घाघरा नदियों में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने नदियों के घाटों पर पहुंचकर सूर्य देवता की पूजा अर्चना की और पुण्य लाभ की प्राप्ति के लिए नदियों में स्नान किया। अब तक करीब 50,000 से अधिक लोग इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हो चुके हैं। सरयू नदी के सरयू घाट करनैलगंज और पसका घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है इन घाटों पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे। श्रद्धालुओं का मानना है कि मकर संक्रांति के दिन सरयू और घाघरा नदियों में स्नान करने से उनकी जीवन की सारी परेशानियां दूर होती हैं और उन्हें पुण्य मिलता है। इस दिन का विशेष महत्व हिंदू धर्म में होता है क्योंकि इसे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का दिन माना जाता है। इस आयोजन के सफल और सुरक्षित आयोजन के लिए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को नदी के किनारे तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटा जा सके। घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था
इसके अलावा पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें भी घाटों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार चौकस रही हैं। नदियों के किनारे विशेष रैंप और मार्ग बनाए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न हो। घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था भी की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था की गई है ताकि इस धार्मिक अवसर पर उनकी आस्था पूरी तरह से बनी रहे और कोई अप्रिय घटना न घटे।
गोंडा जिले में मकर संक्रांति के मौके पर गोंडा जिले के सरयू और घाघरा नदियों में लाखों श्रद्धालुओं
ह1: मकर संक्रांति पर सरयू-घाघरा में तैनात NDRF-SDRF
प: मकर संक्रांति के अवसर पर 50 हजार से ज्यादा लोगों ने सरयू और घाघरा नदी में स्नान करने का क्रम जारी रखा। यह पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, और इस साल भी श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या ने इसमें भाग लिया। इस वर्ष additional सुरक्षा के लिए NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को तैनात किया गया, ताकि स्नान करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
ह2: घाटों पर बनाए गए रैंप की सुविधा
प: श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उन्हें सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न घाटों पर रैंप बनाए गए थे। ये रैंप श्रद्धालुओं को नदी तक आसानी से पहुँचने में मदद करते हैं, साथ ही पानी में उतरने और लौटने में भी सहायक होते हैं। NDRF और SDRF की टीमों ने मिलकर तत्वमीमांसा किया, ताकि सभी लोग सुरक्षित एवं सरल तरीके से स्नान कर सकें।
ह2: श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि
प: इस बार घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक रही। मकर संक्रांति पर सरयू-घाघरा में डुबकी लगाने के लिए आए भक्तों का उत्साह देखने लायक था। सुरक्षा प्रबंधों और सुविधाओं के चलते, लोग बिना किसी चिंता के स्नान कर सके।
प: मकर संक्रांति के दिन सही स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए जल में स्नान करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।
प: NDRF और SDRF द्वारा किए गए प्रयासों की लोगों ने सराहना की है, क्योंकि उनके कारण इस बड़े आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
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