56 खिलाड़ियों ने लिया आइस स्केटिंग का प्रशिक्षण:किन्नौर में 7 दिन तक चला शिविर, विंटर स्पोर्ट्स कप में चयनित खिलाड़ी लेंगे हिस्सा

किन्नौर के प्रमुख पर्यटन स्थल सांगला वैली में 7 दिन से आइस स्केटिंग प्रशिक्षण शिविर चल रहा था। जिसका रविवार को समापन हुआ। शिविर में किन्नौर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए 56 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जहां उन्होंने प्रशिक्षकों से आइस स्केटिंग की बारीकियां सीखीं। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में एचपीएमसी के पूर्व निदेशक रघुवीर सिंह नेगी ने सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर आइस हॉकी कोच सी दोर्जे और एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि किन्नौर जिला साहसिक खेलों के लिए बेहद अनुकूल है। यहां आइस हॉकी और आइस स्केटिंग की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों में से चयनित खिलाड़ी आगामी 14 जनवरी से स्पीति क्षेत्र के काजा में होने वाले विंटर स्पोर्ट्स कप में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह आयोजन क्षेत्र में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Jan 12, 2025 - 20:30
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56 खिलाड़ियों ने लिया आइस स्केटिंग का प्रशिक्षण:किन्नौर में 7 दिन तक चला शिविर, विंटर स्पोर्ट्स कप में चयनित खिलाड़ी लेंगे हिस्सा
किन्नौर के प्रमुख पर्यटन स्थल सांगला वैली में 7 दिन से आइस स्केटिंग प्रशिक्षण शिविर चल रहा था। जि

56 खिलाड़ियों ने लिया आइस स्केटिंग का प्रशिक्षण

किन्नौर में आयोजित 7 दिन के शिविर में 56 खिलाड़ियों ने आइस स्केटिंग का प्रशिक्षण लिया। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य स्थानीय युवा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना और उन्हें विंटर स्पोर्ट्स कप में भाग लेने के लिए तैयार करना था।

शिविर का विवरण

शिविर का आयोजन किन्नौर के सुरम्य स्थलों पर किया गया, जहाँ प्रशिक्षित प्रशिक्षकों ने खिलाड़ियों को बुनियादी और उन्नत आइस स्केटिंग तकनीक सिखाईं। इस शिविर में भाग लेने वाले खिलाड़ियों ने न केवल नई तकनीकों का अभ्यास किया, बल्कि खेल के प्रति अपनी रुचि को भी बढ़ाया।

विंटर स्पोर्ट्स कप में चयन

इस प्रशिक्षण के अंत में, प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को विंटर स्पोर्ट्स कप में भाग लेने के लिए चयनित किया गया। चयन प्रक्रिया में खिलाड़ियों की तकनीकी निपुणता और उनके प्रदर्शन का गहराई से मूल्यांकन किया गया।

खेलों का महत्व

आइस स्केटिंग जैसे खेल न केवल शारीरिक विकास में सहायक होते हैं, बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रखते हैं। यह खिलाड़ियों को टीमवर्क और संघर्ष का अनुभव देता है, जो उन्हें भविष्य में विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।

समाज में खेलों का योगदान

खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं; वे पूरे समुदाय के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस शिविर के कार्यक्रम ने स्थानीय खेल संस्कृति को मजबूत करने और युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है।

खिलाड़ियों का उत्साह और लगन देखकर उम्मीद है कि किन्नौर की प्रतिभाएं भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगी।

अंत में, इस प्रकार के आयोजन से न केवल खिलाड़ियों को अवसर मिलता है, बल्कि यह राज्य और देश के खेल क्षेत्र को भी आगे बढ़ाते हैं।

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