BHU में दो दिन के कॉन्फ्रेंस में गबन का आरोप:RTI में नहीं मिला 32 लाख के खर्च का ब्योरा,अब...सूचना आयुक्त से शिकायत
बीएचयू के एक वर्कशॉप और कॉन्फ्रेंस में 32 लाख के खर्च का ब्योरा न देने पर मुख्य सूचना आयुक्त से शिकायत की गई है। धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए आयोजकों पर पेनाल्टी लगाने की मांग की गई है। 11 माह बाद भी ब्योरा न देना का लगाया आरोप शिकायत में कहा गया है कि दो दिन के कॉन्फ्रेंस में आने वाले कुछ स्पीकर को छोड़कर अधिकतर मेहमानों ने रहने और आने जाने का खर्च खुद वहन किया। 455 लोगों ने दो बार लांच, दो ब्रेक फास्ट और एक बार डिनर में इतना खर्च कर दिया। कॉन्फ्रेंस के 11 महीने बाद भी उसका ब्योरा क्यों नहीं दिया जा रहा है। 2024 में हुआ था कांफ्रेस आरटीआई से जियोफिजिक्स विभाग के आलोक शुक्ला ने पूछा है कि 6 और 7 मार्च, 2024 को जीएसडब्ल्यू कॉन्फ्रेंस किया गया था। आरटीआई का पहला जवाब मिला कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। फर्स्ट अपील करने पर बताया कि खर्च का ब्योरा नहीं है। बिल विचाराधीन है। CIC से हुई शिकायत आलोक शुक्ला ने कहा - इसके बाद इसकी शिकायत सीआईसी से की गई है। आरटीआई में ये भी पूछा गया है कि 2022 में कार्यशाला वृतिका में पांच छात्रों पर डेढ़ लाख खर्च करना था। प्रति छात्र 30 हजार रुपये से छात्रों को क्या दिया गया। इसका संतोषजनक जवाब नहीं आया है।

BHU में दो दिन के कॉन्फ्रेंस में गबन का आरोप
दीनानाथ सागर द्वारा आयोजित दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में 32 लाख रुपये के खर्च के ब्योरे की कमी के चलते भूतपूर्व वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में गबन का आरोप लगाया गया है। इस मामले ने एक नई चर्चा शुरू कर दी है, जिसमें जानकारी के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। अब इस मुद्दे को सूचना आयुक्त के समक्ष उठाया गया है।
कॉन्फ्रेंस का विवरण
कॉन्फ्रेंस का आयोजन शिक्षा और शोध के क्षेत्र में कुछ नई तकनीकों और अनुसंधानों की चर्चा के लिए किया गया था। लेकिन, आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी में न केवल खर्च का ब्योरा गायब था, बल्कि इसके आयोजन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई गई।
आरटीआई के तहत मिली जानकारी
जब जानकारी मांगी गई, तो विश्वविद्यालय ने केवल आयोजन का विवरण प्रदान किया लेकिन 32 लाख रुपये के बजट का खर्च कैसे किया गया, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। इसको लेकर अब शिकायत की गई है कि यह जानकारी छिपाई जा रही है।
समिति की प्रतिक्रिया
कॉन्फ्रेंस में होने वाले इस तरह के गबन के आरोप पर समिति ने कहा है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे और उचित जांच कराएंगे। वहीं, छात्रों और शिक्षकों ने भी इस आर्थिक अनियमितता की जांच की मांग की है।
आगे की कार्रवाई
सूचना आयुक्त से शिकायत के बाद यह उम्मीद जताई गई है कि जल्द ही इस मामले में जांच शुरू होगी। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कहा है कि यदि कोई गलती हुई है, तो वह उचित कार्रवाई करेंगे।
इस मामले में अब देखना होगा कि क्या वास्तव में खर्च की गई राशि का सही हिसाब पेश किया जाएगा और क्या इस गबन की सच्चाई का खुलासा हो पाएगा।
News by indiatwoday.com Keywords: BHU कॉन्फ्रेंस, गबन का आरोप, RTI जानकारी, 32 लाख खर्च, सूचना आयुक्त शिकायत, वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय, कॉन्फ्रेंस में गबन, खर्च का ब्योरा, शिक्षा और शोध, आर्थिक अनियमितता, BHU में विवाद, जानकारी छिपाना, छात्रों की मांग.
What's Your Reaction?






