BPSC कैंडिडेट्स प्रदर्शन- अनशन कर रहे प्रशांत किशोर हिरासत में:रात 4 बजे पुलिस ने जबरन उठाया, गांधी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे

भूख हड़ताल पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने सोमवार तड़के हिरासत में ले लिया। पुलिस उन्हें रात 4 बजे जबरन उठाकर ले गई। साथ ही वहां मौजूद लोगों पर लाठीचार्ज किया। वे 2 जनवरी से बिहार लोकसेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने समेत पांच मांगों को लेकर गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल पर आमरण अनशन कर रहे थे। खबर लगातार अपडेट हो रही है...

Jan 6, 2025 - 07:10
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BPSC कैंडिडेट्स प्रदर्शन- अनशन कर रहे प्रशांत किशोर हिरासत में:रात 4 बजे पुलिस ने जबरन उठाया, गांधी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे
भूख हड़ताल पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने सोमवार तड़के हिरासत में ले

BPSC कैंडिडेट्स प्रदर्शन: अनशन कर रहे प्रशांत किशोर हिरासत में

News by indiatwoday.com

प्रशांत किशोर का गांधी मैदान पर भूख हड़ताल

हाल ही में, BPSC कैंडिडेट्स ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए गांधी मैदान में एक बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान, प्रशांत किशोर, जो कि एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता हैं, भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनका उद्देश्य BPSC परीक्षा को लेकर उठे मौजूदा मुद्दों को संबोधित करना था। प्रशांत किशोर की यह भूख हड़ताल छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है, लेकिन दुःख की बात है कि देर रात पुलिस ने उन्हें आंगन में अनसुना कर दिया।

पुलिस द्वारा हिरासत में लेना

रात 4 बजे, पुलिस ने प्रशांत किशोर को जबरन उठाकर हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई ने छात्रों में आक्रोश उत्पन्न कर दिया है और कई छात्र संगठन इस बात पर विरोध कर रहे हैं। छात्र नेताओं का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या है और इसके खिलाफ वे आगे भी अपनी आवाज उठाते रहेंगे।

BPSC कैंडिडेट्स की मांगे

BPSC कैंडिडेट्स कई प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें परीक्षा डेट, उत्तर पुस्तिका की जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और चयन प्रक्रिया में सुधार शामिल हैं। इन मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, छात्र समूहों ने कई बार धरने और प्रदर्शन आयोजित किए हैं।

समर्थन की आवश्यकता

प्रशांत किशोर के प्रदर्शन और अनशन ने इस मुद्दे को व्यापक ध्यान में ला दिया है। छात्रों को अब एकजुट होकर अपनी मांगों को उठाना होगा। पूरे बिहार में इस प्रदर्शन का समर्थन मिल रहा है और कई छात्र संगठनों ने इस आंदोलन में भाग लिया है।

समाज के सभी वर्गों को अब इस मुद्दे पर विचार करने की आवश्यकता है और छात्रों के हक में आवाज उठानी चाहिए।

निष्कर्ष

BPSC कैंडिडेट्स का यह प्रदर्शन केवल एक परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि छात्रों के अधिकारों और उनकी भविष्य के लिए है। प्रशांत किशोर की भूख हड़ताल ने सभी को एक सोचने पर मजबूर किया है कि वे कब तक अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे।

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