CM सुक्खू बजट सत्र के बीच दिल्ली रवाना:केंद्रीय वित्त मंत्री से शाम को मीटिंग तय, हिमाचल के बजट में कटौती का मसला उठाएंगे

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा के बजट सत्र के बीच दिल्ली रवाना हो गए हैं। CM सुक्खू की दिल्ली में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मीटिंग फिक्स है। मुख्यमंत्री सुक्खू इसमें हिमाचल के वित्तीय मसले केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाएंगे। हिमाचल की रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट अगले साल कम होकर 3257 करोड़ रुपए रह जाएगी, 2020-21 में यह 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा थी। इसी तरह केंद्र ने हिमाचल की लोन लेने की सीमा को भी 5 फीसदी से कम करके 3 प्रतिशत कर दिया है। 30 हजार करोड़ की जगह 10 हजार करोड़ मिलेंगे जून 2022 से जीएसटी कॉम्पेनसेशन भी बंद पड़ा है। एनपीएस के बदले मिलने वाला लोन भी नहीं मिल रहा। यानी 2020-21 में हिमाचल को रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट, लोन, जीएसटी कॉम्पेनसेशन और एनपीएस के अगेस्ट मिलने वाले लोन को मिलाकर 30 हजार करोड़ रुपए सालाना से ज्यादा मिल रहा था। अगले साल यह राशि 10 हजार करोड़ से भी कम रह जाएगी। इससे राज्य की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है। लिहाजा सीएम सुक्खू आज दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से इन मुद्दों को उठाएंगे।

Mar 20, 2025 - 13:59
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CM सुक्खू बजट सत्र के बीच दिल्ली रवाना:केंद्रीय वित्त मंत्री से शाम को मीटिंग तय, हिमाचल के बजट में कटौती का मसला उठाएंगे
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा के बजट सत्र के बीच दिल्ली रवाना हो गए हैं। CM

CM सुक्खू बजट सत्र के बीच दिल्ली रवाना: केंद्रीय वित्त मंत्री से शाम को मीटिंग तय, हिमाचल के बजट में कटौती का मसला उठाएंगे

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट सत्र के बीच दिल्ली की यात्रा की है। उनकी यह यात्रा केंद्रीय वित्त मंत्री से महत्वपूर्ण बैठक के लिए आयोजित की गई है। इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य है हिमाचल प्रदेश के बजट में प्रस्तावित कटौतियों का मुद्दा उठाना। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक के माध्यम से वे राज्य के वित्तीय हितों की रक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाने की कोशिश करेंगे।

बजट सत्र की महत्ता

बजट सत्र हर वर्ष राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य और विकास योजनाओं की दिशा निर्धारित करता है। इस बार का बजट सत्र खासा महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए ठीक से बजट सौंपा जाना है। मुख्यमंत्री सुक्खू की कोशिश है कि केंद्र सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता में किसी भी प्रकार की कटौती न हो। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ चर्चा करके राज्य की आवश्यकताओं को संबोधित किया जाएगा।

मीटिंग के संभावित परिणाम

इस महत्वपूर्ण मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू बजट में कटौतियों के अलावा अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे, जैसे कि विकासात्मक परियोजनाओं का समर्थन और अनुदान। यदि यह बैठक सफल रहती है, तो इससे हिमाचल प्रदेश को मिली सहायता में इजाफा हो सकता है, जो राज्य के विकास के लिए आवश्यक है। सुक्खू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे केंद्रीय मंत्री द्वारा गंभीरता से लिए जाएंगे।

राज्य के विकास के लिए वित्तीय सहायता

हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य के लिए वित्तीय सहायता बहुत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कई बार कहा है कि बजट के माध्यम से जो उपाय किए जाते हैं, वे राज्य के विकास को प्रभावित करते हैं। इसीलिए, वह हर संभव प्रयास करेंगे कि दिल्ली में उनके मुद्दों को सुनने का उचित मौका मिले।

केंद्र सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता से न केवल राज्य की परियोजनाओं को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी। इस मीटिंग से अपेक्षाएँ बहुत अधिक हैं और यह आगामी बजट सत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।

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