SC ने ऑनलाइन-गेमिंग कंपनियों के GST नोटिस पर लगाई रोक:कंपनियों को 1.12 लाख करोड़ रुपए के GST नोटिस भेजे गए थे

सुप्रीम कोर्ट ने आज (10 जनवरी) को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ 1.12 लाख करोड़ रुपए के गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया कि GST नोटिस की आगे की कार्यवाही तब तक के लिए स्थगित रहेगी जब तक कि कोई निश्चित समाधान नहीं निकल जाता। यह मामला वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 के शुरुआती सात महीने का है। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों का कहना है कि 1 अक्टूबर 2023 तक 28% की बजाय 18% की दर से GST लगाई जाए क्योंकि 28% की दर से टैक्स का नियम 1 अक्टूबर से लागू होना था। जबकि, सरकार का कहना है कि 1 अक्टूबर को जो संशोधन हुआ था, वह पहले से ही लागू कानून का स्पष्टीकरण था। गेमिंग कंपनियों का सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रख रहे वकील अभिषेक ए रस्तोगी ने कहा - यह रोक गेमिंग कंपनियों पर टैक्स अधिकारियों की संभावित कार्रवाई के दबाव को कम करती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि इस मामले में मांगे समय सीमा से बाहर न हो जाएं, जिससे कानूनी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के जारी रह सके। 18 मार्च को होगी इसकी अगली सुनवाई शीर्ष अदालत ने गेमिंग कंपनियों के से जुड़े मामलों को एक साथ जोड़ने का निर्देश दिया है। दरअसल, इस मामले पर देश के अलग अलग हाई कोर्ट में बहुत सारी याचिकाएं दाखिल की गईं थीं। कोर्ट ने इस सभी मामलों को अपनी अदालत में ट्रांसफर कर लिया और जो भी फैसला सुनाया जाएगा वो सभी के लिए होगा। अब इन मामलों की अगली सुनवाई 18 मार्च 2025 को होगी। कोर्ट के आदेश के बाद चढ़ा डेल्टा कॉर्प का शेयर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऑनलाइन गेमिंग सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी डेल्टा कॉर्प के शेयर में तेजी देखने की मिली। दिनभर के कारोबार के बाद यह शेयर 4.37% की तेजी के साथ 118.25 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। पिछले 6 महीने में इस शेयर ने 9.23% और एक साल में 23.39% का निगेटिव रिटर्न दिया है।

Jan 10, 2025 - 17:45
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SC ने ऑनलाइन-गेमिंग कंपनियों के GST नोटिस पर लगाई रोक:कंपनियों को 1.12 लाख करोड़ रुपए के GST नोटिस भेजे गए थे
सुप्रीम कोर्ट ने आज (10 जनवरी) को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ 1.12 लाख करोड़ रुपए के गुड्स एंड सर्व

SC ने ऑनलाइन-गेमिंग कंपनियों के GST नोटिस पर लगाई रोक

हाल ही में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने ऑनलाइन-गेमिंग कंपनियों के खिलाफ जारी किए गए जीएसटी (GST) नोटिस पर रोक लगाई है। यह निर्णय उन कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है, जिन्हें 1.12 लाख करोड़ रुपए के भारी जीएसटी नोटिस भेजे गए थे। इस फैसले के पीछे का मुख्य कारण ऑनलाइन-गेमिंग उद्योग की कानूनी स्थिति और उसके सामने आने वाली समस्याओं को स्पष्ट करना है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह निर्णय?

ऑनलाइन-गेमिंग उद्योग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और इसके साथ जुड़े करों की जटिलता ने कई कंपनियों को परेशान कर दिया है। जीएसटी नोटिस के कारण, उद्योग के विकास में बाधा आ रही थी। SC का यह निर्णय न केवल कंपनियों को वित्तीय राहत देगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र सही दिशा में आगे बढ़े।

जीएसटी नोटिस के खिलाफ कंपनियों की प्रतिक्रिया

कई ऑनलाइन-गेमिंग कंपनियों ने इस नोटिस के खिलाफ आवाज उठाई थी और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कंपनियों का तर्क था कि जीएसटी की गणना समझ में नहीं आ रही थी और उद्योग पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाल रही थी। SC के इस निर्णय से उन्हें अब अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने और भारतीय ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने का अवसर मिलेगा।

आगे का रास्ता

अब, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कैसे सरकार और ऑनलाइन-गेमिंग कंपनियां इस निर्णय के बाद आगे बढ़ेंगी। क्या नया नियमावली जारी की जाएगी? या फिर कंपनियों को एक नई दिशा मिलेगी? समय ही बताएगा, लेकिन वर्तमान में, SC का यह निर्णय निश्चित रूप से उद्योग के लिए एक सकारात्मक मोड़ है।

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