UPI इंसेंटिव स्कीम एक साल के लिए बढ़ी:2 हजार रुपए के ट्रांजैक्शन पर दुकानदार को ₹3 मिलेंगे; सरकार 1500 करोड़ खर्च करेगी

केंद्र सरकार ने बुधवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को प्रमोट करने के लिए इंसेंटिव स्कीम को एक साल के लिए बढ़ा दिया। यह स्कीम 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी और इस पर करीब 1,500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट में लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस स्कीम में रुपे डेबिट कार्ड और BHIM-UPI के जरिए 2,000 रुपए तक के पर्सन टू मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्‍शन करने पर छोटे दुकानदारों को 0.15% इंसेंटिव मिलेगा। पर्सन टू मर्चेंट UPI ट्रांजैक्शन का मतलब है व्यापारी और ग्राहक के बीच किया गया UPI ट्रांजैक्शन है। यह स्कीम 1 अप्रैल 2021 से लागू है। रूपे डेबिट कार्ड को प्रमोट करने का सीधा असर ग्लोबल पेमेंट कंपनीज वीजा और मास्टरकार्ड पर पड़ेगा। कैसे दुकानदारों को इंसेंटिव मिलेगा, एक उदाहरण से समझिए 20,000 करोड़ ट्रांजैक्शन का लक्ष्य सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में 20,000 करोड़ ट्रांजैक्शन पूरा करना है। साथ ही छोटे शहरों और गावों तक UPI को बढ़ावा देना है। पहले, RuPay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट जीरो कर दिया गया था। अब, इस नई इंसेंटिव स्कीम से दुकानदारों को UPI पेमेंट लेने के लिए प्रमोट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, 'UPI पेमेंट दुकानदारों के लिए आसान, सुरक्षित और फास्ट पेमेंट सर्विस है। साथ ही बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज के पैसे सीधे बैंक खाते में आते हैं।' UPI को NCPI ऑपरेट करता है भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था। UPI कैसे काम करता है? UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है। अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्‍मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं। UPI से जुड़ी खास बातें ये भी पढ़ें... अब UPI से होगा ₹5 लाख तक का टैक्स पेमेंट: हॉस्पिटल और शैक्षणिक संस्थानों में भी एक दिन में 5 लाख तक पेमेंट कर सकेंगे यूजर्स भारतीय टैक्सपेयर्स अब UPI के जरिए 5 लाख रुपए तक का टैक्स पेमेंट कर पाएंगे। अब तक यह लिमिट 1 लाख रुपए थी। 16 सितंबर से नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में यह सुविधा शुरू कर दी है। सरकार ने इसके लिए 24 अगस्त को सर्कुलर जारी किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Mar 19, 2025 - 19:59
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UPI इंसेंटिव स्कीम एक साल के लिए बढ़ी:2 हजार रुपए के ट्रांजैक्शन पर दुकानदार को ₹3 मिलेंगे; सरकार 1500 करोड़ खर्च करेगी
केंद्र सरकार ने बुधवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को प्रमोट करने के लिए इंसेंटिव स्कीम को एक स

UPI इंसेंटिव स्कीम एक साल के लिए बढ़ी

भारत सरकार ने डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से UPI इंसेंटिव स्कीम को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस स्कीम के अंतर्गत, दुकानदार जो 2 हजार रुपए के ट्रांजैक्शन करेंगे, उन्हें 3 रुपए का इनाम मिलेगा। यह नीति न केवल दुकानदारों के लिए फायदेमंद होगी बल्कि इसके माध्यम से ग्राहकों को भी डिजिटल लेनदेन की तरफ आकर्षित किया जाएगा।

क्या है UPI इंसेंटिव स्कीम?

UPI (Unified Payments Interface) इंसेंटिव स्कीम का उद्देश्य भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है। यह योजना पहले से चल रही थी और अब इसे एक साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने इस स्कीम के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है। इस इनाम के जरिए छोटी दुकानदारों एवं व्यापारियों को डिजिटल भुगतान करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की जा रही है।

स्कीम के लाभ

इस स्कीम से विभिन्न छोटे व मझोले व्यवसायों को लाभ होगा। UPI तकनीक का इस्तेमाल करने से, व्यापारियों को भुगतान प्राप्त करने में आसानी होगी और साथ ही उन्हें अतिरिक्त प्रेरणा भी मिलेगी। इससे न केवल उनके बिक्री में बढ़ोतरी होगी, बल्कि भारत में डिजिटल वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा मिलेगा।

सरकार का उद्देश्य

सरकार ने डिजिटल इंडिया पहल के तहत वित्तीय लेनदेन को सरल और सुलभ बनाने पर जोर दिया है। UPI इंसेंटिव स्कीम जैसी योजनाओं के माध्यम से, सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोग डिजिटल तरीकों को अपनाएं और नकद लेनदेन को कम करें। यह भारत के वित्तीय प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करेगा।

UPI की लोकप्रियता में बढ़ोतरी के साथ, यह स्कीम ग्राहक और व्यापारी दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इस प्रकार, सरकार द्वारा उठाए गए कदम ऐसे समय में जरूरी हैं जब भारत तेजी से एक डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।

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