अडाणी पावर का चौथी तिमाही में मुनाफा 4% घटा:रेवेन्यू ₹14,237 करोड़ रहा, एक साल में कंपनी का शेयर 14% गिरा
अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी पावर लिमिटेड की चौथी तिमाही में टोटल इनकम 14,536 करोड़ रुपए रही। ये पिछले साल की तुलना में 4.7% ज्यादा है। कंपनी की इस कमाई में ऑपरेशन से रेवेन्यू 14,237 करोड़ रुपए रहा। वहीं जनवरी से मार्च तिमाही में कंपनी का टोटल खर्च 11,274 करोड़ रुपए और टोटल टैक्स 662 करोड़ रुपए रहा। टोटल इनकम में से खर्च, टैक्स और अन्य खर्चे घटा दें, तो कंपनी को चौथी तिमाही में 2,637 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट हुआ। ये पिछले साल की तुलना में 4% घटा है। अडाणी पावर ने बुधवार (30 अप्रैल) को जनवरी-मार्च तिमाही (Q4FY25, चौथी तिमाही) के नतीजे जारी किए हैं। क्या कंपनी के नतीजे उम्मीद से अच्छे हैं? बाजार के जानकारों को उम्मीद थी कि वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में अडाणी पावर का रेवेन्यू 13,839 करोड़ रुपए होगा। इस हिसाब से देखा जाए तो कंपनी ने मार्केट विश्लेषकों की उम्मीद से बेहतर परफॉर्म किया है। इस साल में अब तक शेयर का परफॉर्मेंस कैसा रहा? अडाणी पावर का शेयर आज 3.49% की गिरावट के साथ 530 रुपए पर बंद हुआ। कंपनी का शेयर पिछले 5 दिन में 9% गिरा है। 1 महीने में शेयर 5% चढ़ा है। वहीं 6 महीने में 11% गिरा है। एक साल में कंपनी का शेयर करीब 14% गिरा है। कंपनी की मार्केट वैल्यू 2.05 लाख करोड़ रुपए है। कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है 1996 में हुई थी अडाणी पावर की शुरुआत अडाणी पावर लिमिटेड (APL) की शुरुआत 22 अगस्त 1996 में हुई थी। यह देश की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर थर्मल पावर प्रोड्यूसर है। कंपनी के पास 15,250 मेगावॉट पावर जनरेशन की क्षमता है। इसके थर्मल प्लांट्स गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड में हैं। वहीं, गुजरात में 40 मेगावॉट कैपेसिटी का सोलर प्लांट है। क्योटो प्रोटोकॉल के क्लीन डेवलपमेंट मीशन (CDM) के तहत रजिस्टर्ड कोयला-बेस्ड सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स बनाने वाली कंपनी है।

अडाणी पावर का चौथी तिमाही में मुनाफा 4% घटा
अडाणी पावर ने हाल ही में चौथी तिमाही के अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की है जिसमें कंपनी का मुनाफा 4% घटकर ₹XXX करोड़ पर आ गया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय गिरावट को दर्शाता है। कंपनी का कुल रेवेन्यू ₹14,237 करोड़ रहा, जो कई निवेशकों के लिए चिंता का विषय है।
कंपनी के शेयर का प्रदर्शन
पिछले एक साल में अडाणी पावर के शेयरों की कीमत में 14% की गिरावट आई है। यह गिरावट बाजार में चल रहे आर्थिक अनिश्चितताओं तथा ऊर्जा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा की बढ़ती चुनौतियों के कारण हो सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट कंपनी की अवधि में किए गए निवेश और उनके ऑपरेशनल प्रदर्शन से जुड़ी हो सकती है।
आर्थिक विश्लेषण
अडाणी पावर के वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, इसके मुनाफे में कमी का मुख्य कारण बढ़ती लागत और अस्थिर ऊर्जा मूल्य हो सकते हैं। बावजूद इसके, कंपनी ने नए प्रोजेक्ट्स में निवेश जारी रखा है, जिससे भविष्य में मुनाफा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
निवेशकों की प्रतिक्रियाएँ
निवेशकों ने इसके वित्तीय परिणामों पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई निवेशक इस गिरावट को अस्थायी मानते हैं और लंबी अवधि के लाभ के लिए कंपनी में निवेश बनाए रखने का निर्णय ले रहे हैं। हालांकि, कुछ निवेशक चिंता में हैं और अपने शेयरों को बेचने का विचार कर रहे हैं।
इस प्रकार, अडाणी पावर को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है ताकि वह भविष्य में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन कर सके। इसके अलावा, अगले तिमाही के नतीजों की प्रतीक्षा में निवेशक हैं जो और अधिक स्पष्टता देंगी।
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