अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर में एअर इंडिया को फायदा:बोइंग के चीनी शिपमेंट को खरीदेगी कंपनी, सरकार के मना करने पर चीनी एयरलाइन्स ने नहीं ली डिलिवरी

एअर इंडिया लिमिटेड अमेरिकी कंपनी बोइंग के उन विमानों को खरीदने पर विचार कर रही है जिनके शिपमेंट को चीनी एयरलाइन कंपनियों ने लेने से इनकार कर दिया है। पिछले हफ्ते अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर के बीच चीन ने अपनी एयरलाइन कंपनियों को अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से नए विमानों की डिलीवरी नहीं लेने के आदेश दिए थे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सरकार ने यह आदेश अमेरिका के 145% टैरिफ के जवाब में जारी किया था। तब चीन ने अमेरिका में बनने वाले विमान के पार्ट्स और डिवाइसेस की खरीद रोकने का आदेश भी दिया था। एयरक्राफ्ट के टॉप सप्लायर्स में से एक बोइंग बोइंग एयरप्लेन एक अमेरिकी कंपनी है, जो एयरप्लेन, रॉकेट, सैटेलाइट, टेलीकम्युनिकेशन इक्विपमेंट और मिसाइल बनाती है। कई देशों की एयरलाइंस कंपनियां बोइंग के बनाए गए प्लेन का इस्तेमाल करती हैं। बोइंग अमेरिका की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर कंपनी है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी डिफेंस डील करने वाली कंपनी भी है।

Apr 22, 2025 - 11:59
 47  6342
अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर में एअर इंडिया को फायदा:बोइंग के चीनी शिपमेंट को खरीदेगी कंपनी, सरकार के मना करने पर चीनी एयरलाइन्स ने नहीं ली डिलिवरी
एअर इंडिया लिमिटेड अमेरिकी कंपनी बोइंग के उन विमानों को खरीदने पर विचार कर रही है जिनके शिपमेंट क

अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर में एअर इंडिया को फायदा

हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर ने वैश्विक विमानन उद्योग में काफी हलचल मचाई है। इस परिस्थिति का फायदा उठाते हुए एअर इंडिया ने Boeing के चीनी शिपमेंट को खरीदने का निर्णय लिया है। यह रणनीति एअर इंडिया को ना केवल अपने बेड़े को मजबूत करने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें इस समय में एक अद्वितीय प्रतिस्पर्धात्मक लाभ भी प्रदान करेगा।

बोइंग के चीनी शिपमेंट

बोइंग, जो दुनिया की प्रमुख वाणिज्यिक विमान निर्माता कंपनियों में से एक है, ने हाल ही में भारत में एअर इंडिया को सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने का अवसर प्रदान किया है। चीन द्वारा डिलीवरी लेने से मना करने के कारण, एअर इंडिया इस मौके का पूर्ण लाभ उठाने के लिए तैयार है। दरअसल, चीन की एयरलाइन्स ने विदेशी टैरिफ के चलते अपने विमान नहीं खरीदे, जिससे एअर इंडिया को लाभ की स्थिति हासिल हुई है।

सरकार की भूमिका

भारत सरकार ने इस स्थिति का विश्लेषण करते हुए एअर इंडिया को सहयोग करने का फ़ैसला लिया है। सरकारी नीतियों के महत्व को समझते हुए, एअर इंडिया ने बोइंग से आवश्यक विमानों की खरीद को सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। यह एक अच्छा कदम है जो भारतीय विमानन उद्योग को नई ऊँचाइयों पर पहुंचा सकता है।

आगामी संभावनाएँ

अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर का प्रभाव भारतीय विमानन के विकास पर स्पष्ट तौर पर परिलक्षित हो रहा है। एअर इंडिया की रणनीति निश्चित रूप से उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाएगी और भविष्य में इसकी अग्रणी भूमिका को सशक्त करेगी। यह न केवल उनके लिए, बल्कि भारत के समग्र विमानन क्षेत्र के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।

इस प्रकार, एअर इंडिया का यह निर्णय न केवल वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय नागरिकों को भी बेहतर सेवाएँ प्रदान करेगा।

News by indiatwoday.com Keywords: अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर, एअर इंडिया, बोइंग विमानों की खरीद, चीनी एयरलाइन्स, एयरलाइन्स डिलीवरी, भारत सरकार विमानन उद्योग, विमानन उद्योग के लाभ, एअर इंडिया की रणनीति, विमानन विकास की संभावनाएँ, एयरलाइन विमानों की शिपमेंट

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow